क्या 1982 से पहले महात्मा गांधी को नहीं जानती थी दुनिया? पीएम मोदी का बयान विवादित
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 1982 से पहले महात्मा गांधी की वैश्विक पहचान पर दिए विवादित बयान ने कांग्रेस को जवाबी हमला करने पर मजबूर किया। जानिए क्या है पूरा मामला और इस पर क्या कहती है कांग्रेस।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हालिया बयान ने एक बार फिर राजनीति में हलचल मचा दी है। बुधवार को एक न्यूज चैनल को दिए साक्षात्कार में प्रधानमंत्री मोदी ने दावा किया कि महात्मा गांधी को दुनिया ने 1982 की फिल्म ‘गांधी’ बनने के बाद ही जाना। यह बयान उनकी ओर से कांग्रेस की आलोचना के संदर्भ में आया, और इसे लेकर सोशल मीडिया पर तीखी प्रतिक्रियाएं देखने को मिल रही हैं।
पीएम मोदी का विवादित बयान
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “महात्मा गांधी एक प्रतिष्ठित व्यक्ति थे, लेकिन पूरी दुनिया उन्हें नहीं जानती थी। क्या पिछले 75 वर्षों में गांधी को वैश्विक पहचान दिलाना हमारी जिम्मेदारी नहीं थी? मुझे माफ करें, लेकिन दुनिया में पहली बार गांधी के बारे में जिज्ञासा फिल्म ‘गांधी’ बनने के बाद ही पैदा हुई।” इस बयान से प्रधानमंत्री ने यह इंगित किया कि उनकी सरकार ने महात्मा गांधी की वैश्विक पहचान बढ़ाने में योगदान नहीं किया।
कांग्रेस का पलटवार
प्रधानमंत्री मोदी के इस बयान ने कांग्रेस को चुप नहीं रहने दिया। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने ट्विटर पर हमला बोलते हुए लिखा, “पता नहीं निवर्तमान प्रधानमंत्री कौन सी दुनिया में रहते हैं, जहां 1982 से पहले महात्मा गांधी को वैश्विक पहचान नहीं मिलती थी। अगर किसी ने महात्मा गांधी की विरासत को नुकसान पहुंचाया है, तो वह स्वयं पीएम मोदी हैं।” उन्होंने आरोप लगाया कि मोदी सरकार ने गांधीवादी संस्थाओं को नष्ट किया है और यह कि आरएसएस कार्यकर्ता गांधीजी के राष्ट्रवाद को नहीं मानते।
महात्मा गांधी और वैश्विक पहचान
महात्मा गांधी के योगदान और उनके आदर्शों को लेकर प्रधानमंत्री मोदी के बयान ने सवाल खड़ा किया है कि क्या वास्तव में गांधीजी की वैश्विक पहचान उतनी मजबूत नहीं थी जितनी कि आज मानी जाती है। यह विवाद आगामी 2024 के चुनावों में भी एक महत्वपूर्ण मुद्दा बन सकता है, जहां गांधी भक्त और गोडसे भक्त के बीच मुकाबला होने की बात कही जा रही है।
सोशल मीडिया पर हंगामा
जैसे ही प्रधानमंत्री मोदी का यह क्लिप सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, कांग्रेस और अन्य विपक्षी पार्टियों ने इस पर तीखी प्रतिक्रिया दी। इस बयान को लेकर कई यूज़र्स ने पीएम मोदी की दावेदारी पर सवाल उठाए हैं और उनकी ऐतिहासिक समझ पर संदेह व्यक्त किया है।
प्रधानमंत्री मोदी का यह बयान न केवल गांधीजी की वैश्विक पहचान पर सवाल उठाता है, बल्कि भारतीय राजनीति में नए विवादों को जन्म देता है। यह देखना दिलचस्प होगा कि इस बयान का आगे चलकर क्या प्रभाव पड़ता है और क्या यह आगामी चुनावों में कोई महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
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