जमशेदपुर में जुलूस-ए-मोहम्मदी की तैयारियां पूरी, नकली तलवार और डीजे पर पाबंदी

जमशेदपुर में 16 सितंबर को होने वाले जुलूस-ए-मोहम्मदी की तैयारियां पूरी हो चुकी हैं। तंजीम अहले सुन्नत ने दिशा-निर्देश जारी किए हैं, जिनमें नकली तलवार और डीजे पर सख्त पाबंदी लगाई गई है। जानिए जुलूस का रूट और समय।

Sep 14, 2024 - 13:35
Sep 14, 2024 - 13:43
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जमशेदपुर में जुलूस-ए-मोहम्मदी की तैयारियां पूरी, नकली तलवार और डीजे पर पाबंदी
जमशेदपुर में जुलूस-ए-मोहम्मदी की तैयारियां पूरी, नकली तलवार और डीजे पर पाबंदी

जमशेदपुर में पैगंबर इस्लाम हजरत मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम के जन्मदिन 'ईद मिलादुन नबी' के शुभ अवसर पर हर साल की तरह इस बार भी भव्य जुलूस-ए-मोहम्मदी का आयोजन किया जा रहा है। इस बार 16वां मोतहदा जुलूस-ए-मोहम्मदी 16 सितंबर 2024 को निकाला जाएगा। इस आयोजन की तैयारियों को लेकर जमशेदपुर के तंजीम अहले सुन्नत व जमात द्वारा दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। खासतौर पर इस बार जुलूस में नकली तलवार और डीजे साउंड सिस्टम लाने पर सख्त पाबंदी लगाई गई है।

प्रेसवार्ता में दी गई जानकारी

जुलूस के आयोजन को लेकर धतकीडीह स्थित मदरसा फैजुल उलूम में एक प्रेसवार्ता आयोजित की गई, जिसमें तंजीम अहले सुन्नत व जमात के उलेमा-ए-कराम ने जुलूस की रूपरेखा और दिशा-निर्देशों पर विस्तार से जानकारी दी। जनरल सेक्रेटरी मुफ्ती जियाउल मुस्तफा कादरी ने बताया कि इस साल भी जुलूस-ए-मोहम्मदी नबी की शान में निकाला जाएगा, जिसमें इस्लाम के अमन और देशप्रेम के संदेश को प्रदर्शित किया जाएगा।

जुलूस के लिए विशेष निर्देश

तंजीम अहले सुन्नत द्वारा जारी किए गए निर्देशों में जुलूस में अनुशासन बनाए रखने पर खास जोर दिया गया है। जुलूस के दौरान 500 से अधिक वोलेंटियर तैनात होंगे, जो सेफ्टी टी-शर्ट और आईडी कार्ड पहनकर व्यवस्था को संभालेंगे। इसके अलावा एम्बुलेंस और जरूरी वाहनों के लिए रास्ता तुरंत खाली करने का भी निर्देश दिया गया है।

सबसे अहम बात यह है कि जुलूस में नकली तलवारों का प्रदर्शन, डीजे साउंड सिस्टम और गैर-शरई गतिविधियों पर पूर्ण रूप से रोक लगा दी गई है। इस्लामिक उलेमा ने अपील की है कि जुलूस में शामिल होने वाले सभी लोग अमन और भाईचारे का संदेश फैलाएं।

जुलूस का रूट और समय

जुलूस-ए-मोहम्मदी 16 सितंबर को सुबह 8:30 बजे मानगो गांधी मैदान से शुरू होगा। जुलूस का समापन धतकीडीह सेंटर मैदान में सलातो सलाम और दुआ के बाद किया जाएगा। विभिन्न इलाकों जैसे परसुडीह, मगदमपुर, जुगसलाई, टेल्को, गोलमुरी, साकची, और बिष्टुपुर से जुलूस के साथ बड़ी संख्या में लोग शामिल होंगे।

इस अवसर पर मक्का मस्जिद धतकीडीह में जोहर की दो जमातें होंगी, जिनमें पहली दोपहर 1 बजे और दूसरी 2:30 बजे अदा की जाएगी।

जुलूस में विशेष सुविधाएं

मानगो गांधी मैदान, साकची आम बागान मैदान और धतकीडीह सामुदायिक मैदान में लंगर और पीने के पानी की व्यवस्था की जाएगी ताकि जुलूस में शामिल होने वाले श्रद्धालु किसी असुविधा का सामना न करें। साथ ही नौजवानों को सख्त हिदायत दी गई है कि मोटरसाइकिल पर स्टंट न करें और यातायात नियमों का पालन करें।

निष्कर्ष

जुलूस-ए-मोहम्मदी सिर्फ एक धार्मिक आयोजन नहीं बल्कि अमन, भाईचारे और देशप्रेम का प्रतीक है। तंजीम अहले सुन्नत द्वारा जारी किए गए दिशा-निर्देश इस आयोजन को शांतिपूर्ण और मर्यादित बनाने की दिशा में अहम भूमिका निभाएंगे।

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Chandna Keshri चंदना केशरी, जो गणित-विज्ञान में इंटरमीडिएट हैं, स्थानीय खबरों और सामाजिक गतिविधियों में निपुण हैं।