जादूगोड़ा में बारिश बनी आफत, चापड़ी में खपरैल घर टूटा, यूसिल डैम के पास गिरा विशाल पेड़
पिछले तीन दिनों से हो रही झमाझम बारिश ने जादूगोड़ा और चापड़ी गांव में भारी तबाही मचाई है। एक खपरैल घर टूट गया, जबकि यूसिल डैम के पास विशाल पेड़ गिरने से लोग सहमे हुए हैं।
पिछले तीन दिनों से लगातार हो रही भारी बारिश ने जादूगोड़ा और उसके आसपास के इलाकों में जनजीवन को बुरी तरह प्रभावित कर दिया है। इस भारी बारिश से जहां कई गांवों में बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं, वहीं चापड़ी गांव के निवासी सोलेन सोरेन के मिट्टी और खपरैल से बने घर के ढह जाने से उनके परिवार पर मुसीबतों का पहाड़ टूट पड़ा। ग्रामीणों ने झारखंड सरकार से जल्द से जल्द पीड़ित परिवार को राहत पहुंचाने की मांग की है।
चापड़ी गांव में टूटा खपरैल घर: चापड़ी गांव के रहने वाले सोलेन सोरेन का खपरैल घर भारी बारिश के चलते पूरी तरह से ढह गया। फिलहाल सोलेन सोरेन और उनका परिवार बगल के एक अन्य मिट्टी से बने घर में शरण लिए हुए हैं। स्थानीय ग्रामीण, लखाई सोरेन, मानसिंह हेंब्रम और गोविंदा हेंब्रम ने झारखंड सरकार से गुहार लगाई है कि प्रभावित परिवार को तत्काल राहत सामग्री और पुनर्वास की व्यवस्था की जाए।
यूसिल डैम के पास गिरा विशाल पेड़: लगातार बारिश से यूसिल डैम के सामने स्थित एक विशाल पेड़ बारिश का भार सहन नहीं कर पाया और गिर गया। हालांकि, इस घटना में किसी प्रकार की जनहानि नहीं हुई है, लेकिन आसपास के लोग इस हादसे से भयभीत हैं। यूसील प्रबंधन ने स्थिति को संभालते हुए तुरंत डैम के कई फाटक खोल दिए ताकि बाढ़ की स्थिति न बने, लेकिन इससे गुरा नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ता जा रहा है।
गुरा नदी में जलस्तर में वृद्धि: डैम के फाटक खोलने से गुरा नदी का जलस्तर लगातार बढ़ता जा रहा है, जिससे गांव के गरीब परिवारों पर बारिश कहर बनकर टूटी है। कई लोग प्लास्टिक की चादरों का सहारा लेकर बारिश से बचने की कोशिश करते नजर आ रहे हैं। नदियों का बढ़ता जलस्तर और लगातार हो रही बारिश से गांवों में बाढ़ जैसी स्थिति बनने का खतरा पैदा हो गया है।
स्थानीय प्रशासन की तैयारियों पर सवाल:
भारी बारिश के बावजूद, स्थानीय प्रशासन की ओर से राहत कार्यों में तेजी न आने से ग्रामीणों में निराशा है। लोगों ने सरकार से मांग की है कि प्रभावित क्षेत्रों में राहत सामग्री के साथ-साथ स्वास्थ्य सुविधाएं भी उपलब्ध कराई जाएं। इसके अलावा, जो लोग बेघर हो गए हैं, उनके लिए अस्थायी आवास की व्यवस्था भी की जाए।
जादूगोड़ा और आस-पास के क्षेत्रों में भारी बारिश से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। चापड़ी गांव में जहां खपरैल घर के ढहने से एक परिवार बेघर हो गया है, वहीं यूसिल डैम के पास पेड़ गिरने और गुरा नदी के बढ़ते जलस्तर ने स्थिति को और गंभीर बना दिया है। सरकार और प्रशासन से लोगों की उम्मीदें बढ़ गई हैं, और अब देखना होगा कि इस आपदा से निपटने के लिए किस तरह के कदम उठाए जाते हैं।
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