Palamu Murder Shock: शराब के नशे में डूबे पति ने पत्नी को उतारा मौत के घाट, बेटा बोला- 13 साल की उम्र से उठा रहा हूं घर का बोझ
पलामू जिले के पाटन में शराब के नशे में डूबे पति ने अपनी पत्नी की गला दबाकर हत्या कर दी। बेटे ने बताया- पिता शराब में उड़ाते थे सारी कमाई, मुझे 13 साल की उम्र से घर चलाना पड़ा।

झारखंड के पलामू जिले का पाटन इलाका एक दिल दहला देने वाली वारदात से सहम गया है। बुधवार की रात एक शराबी पति ने अपनी ही पत्नी की गला दबाकर हत्या कर दी और शव के पास घंटों चुपचाप बैठा रहा। जब पुलिस पहुंची, तो वह अचानक वहां से फरार हो गया। यह घटना न सिर्फ घरेलू हिंसा की भयावहता को उजागर करती है, बल्कि ग्रामीण समाज में शराब की बढ़ती लत और इसके दुष्परिणामों की भी एक काली तस्वीर पेश करती है।
घटना की पूरी कहानी – कैसे हुआ सबकुछ?
बात बुधवार की है, जब पाटन गांव में मनोज भुइयां ने अपनी 40 वर्षीय पत्नी सरिता देवी को शराब के नशे में गला दबाकर मार डाला। दोनों अक्सर शराब पीने के बाद झगड़ते रहते थे, लेकिन इस बार मामला इतना बढ़ गया कि पति ने पत्नी की जान ले ली। घटना के बाद ग्रामीणों ने पाटन थाना को सूचना दी। मौके पर पहुंचे सहायक अवर निरीक्षक अमरेंद्र कुमार, धर्मेंद्र कुमार सिंह और विष्णु कुजूर ने छानबीन शुरू की और शव को पोस्टमार्टम के लिए मेदिनीनगर एमएमसीएच भेज दिया।
शव के पास बैठा रहा आरोपी, फिर पुलिस देख कर भागा
हैरत की बात यह रही कि हत्या के बाद आरोपी मनोज, अपनी पत्नी के शव के पास ही बैठा रहा। जब तक पुलिस नहीं पहुंची थी, वह वहीं मौजूद था। लेकिन जैसे ही पुलिस की गाड़ी वहां पहुंची, वह फौरन भाग खड़ा हुआ। ग्रामीणों ने भी इस बात की पुष्टि की है।
बेटे की आपबीती – 13 साल की उम्र से घर चला रहा हूं
मृतका सरिता देवी के बेटे विकास कुमार ने बताया कि उसके माता-पिता दोनों ही शराब पीते थे। वह खुद 13 साल की उम्र से घर की जिम्मेदारी उठा रहा है, क्योंकि पिता अपनी सारी कमाई शराब में उड़ा देते थे। विकास ने बताया, “मैं, मेरी एक बहन और दो छोटे भाई हैं। बड़ी बहन की शादी हो चुकी है, लेकिन बाकी सभी की जिम्मेदारी मेरे ऊपर है। पढ़ाई भी नहीं कर पाया, क्योंकि कमाना जरूरी था।”
सास की गवाही – नहीं था झगड़ा उस दिन
सरिता देवी की सास उर्मिला कुंवर ने बताया कि वह 10 दिन बाद अपनी बेटी के घर से लौटी थीं। उन्होंने कहा, “बुधवार को जब मैं सुबह सोकर उठी, तो देखा कि बहू की लाश घर के बाहर बालू पर पड़ी है और मेरा बेटा मनोज वहीं बैठा है। उस दिन दोनों में कोई झगड़ा नहीं हुआ था, लेकिन दोनों शराब पीते थे, इसलिए कभी-कभी लड़ाई होती रहती थी।”
शराब और घरेलू हिंसा – समाज के लिए खतरा
पलामू की यह वारदात कोई अकेली घटना नहीं है। झारखंड और देश के कई हिस्सों में शराब की लत घरेलू हिंसा का सबसे बड़ा कारण बनती जा रही है। राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) के आंकड़ों के अनुसार, हर साल सैकड़ों महिलाएं घरेलू हिंसा की शिकार होती हैं, जिनमें से अधिकतर मामलों की जड़ में शराब की लत होती है।
पुलिस की जांच जारी – हत्याकांड में कई सवाल
फिलहाल, पुलिस इस पूरे मामले की गंभीरता से जांच कर रही है। प्रारंभिक जांच में गला दबाकर हत्या की पुष्टि हुई है, लेकिन पुलिस यह भी जांच कर रही है कि क्या हत्या के बाद शव को कहीं और ले जाकर छिपाने की कोशिश की गई थी। घटना के बाद आरोपी पति की गिरफ्तारी अब तक नहीं हो पाई है।
पलामू का यह मामला न केवल एक दिल दहला देने वाली हत्या है, बल्कि समाज को यह सोचने पर भी मजबूर करता है कि आखिर कब तक शराब की लत घर बर्बाद करती रहेगी? क्या झारखंड जैसे राज्य में शराबबंदी की फिर से चर्चा होनी चाहिए? क्या प्रशासन और समाज दोनों को मिलकर ऐसे मामलों को रोकने की पहल नहीं करनी चाहिए?
यह सवाल अब हर पाठक को खुद से पूछने की ज़रूरत है…
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