विश्व रेबीज दिवस पर मुरली पारा मेडिकल रिसर्च कॉलेज में जागरूकता का सैलाब: जानें कैसे बचें इस जानलेवा बीमारी से!
मुरली पारा मेडिकल रिसर्च कॉलेज में विश्व रेबीज दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में विशेषज्ञों ने दी जानलेवा रेबीज बीमारी से बचाव की जानकारी। जानें कैसे करें सुरक्षा और टीकाकरण!
Jamshedpur , 28 सितंबर 2024। आज मुरली पारा मेडिकल रिसर्च कॉलेज के प्रांगण में विश्व रेबीज दिवस का आयोजन धूमधाम से किया गया। इस विशेष अवसर पर कॉलेज ने रेबीज बीमारी के प्रति जागरूकता फैलाने का एक महत्त्वपूर्ण कार्य किया।
रेबीज: एक जानलेवा खतरा
कार्यक्रम की शुरुआत में डॉ. चंदन पांडा ने बताया कि "रेबीज" एक खतरनाक बीमारी है, जो पालतू जानवरों, जैसे कुत्तों या बिल्लियों द्वारा काटने या खरोंचने पर होती है। उन्होंने सलाह दी कि यदि किसी को पालतू जानवर से काटा जाए तो तुरंत प्रभावित स्थान को साफ पानी से धोकर एंटीसेप्टिक लगाना चाहिए। इसके बाद, किसी नजदीकी रेबीज क्लिनिक में जाकर 'एंटी रेबीज' टीका लगवाना अनिवार्य है। डॉ. पांडा ने स्पष्ट किया कि घरेलू उपचार जैसे सरसों का तेल या मिर्च का उपयोग न करें, क्योंकि यह जानलेवा हो सकता है।
टीकाकरण का महत्व
कार्यक्रम में शिक्षिक श्रीमान अविनाश अधिकारी ने भी अपने विचार साझा किए। उन्होंने बताया कि रेबीज से बचने के लिए पालतू जानवरों का नियमित टीकाकरण आवश्यक है। "अगर हम अपने पालतू जानवरों को समय पर टीका लगवाते हैं, तो हम इस गंभीर बीमारी से बच सकते हैं," उन्होंने कहा।
एक जागरूकता की पहल
श्रीमती नमिता बेरा ने भी अपने विचार रखते हुए कहा, "हमें अपने पालतू जानवरों का टीकाकरण कराना चाहिए। अगर पालतू जानवर काट लें या खरोंच दें, तो तुरंत एंटी रेबीज क्लिनिक जाकर टीका लगाना चाहिए, घरेलू उपायों पर निर्भर नहीं रहना चाहिए।"
कार्यक्रम के दौरान, डॉ. नूतन कच्छप ने भी अपने विचार रखे। उन्होंने कहा कि "रेबीज एक जानलेवा बीमारी होने के बावजूद, इसका बचाव पूर्णतः संभव है। सम्पूर्ण टीकाकरण द्वारा ही रेबीज से बचा जा सकता है।"
समापन और आभार
कार्यक्रम का समापन श्रीमती प्रियंका द्वारा धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ, जिन्होंने सभी उपस्थित लोगों का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि जागरूकता फैलाने की इस मुहिम में सभी की भागीदारी अत्यंत महत्वपूर्ण है।
समाज के प्रति एक संदेश
रेबीज से बचाव के लिए जागरूकता अत्यंत आवश्यक है। यह केवल एक व्यक्ति की जिम्मेदारी नहीं है, बल्कि समाज के सभी सदस्यों की जिम्मेदारी है। टीकाकरण से हम न केवल अपने पालतू जानवरों की रक्षा कर सकते हैं, बल्कि अपने परिवार और समाज की भी सुरक्षा सुनिश्चित कर सकते हैं।
इस कार्यक्रम ने यह स्पष्ट कर दिया कि यदि हम सभी मिलकर इस जानलेवा बीमारी के प्रति जागरूकता फैलाएं और अपने पालतू जानवरों का समय पर टीकाकरण कराएं, तो हम रेबीज जैसी गंभीर बीमारी को मात दे सकते हैं।
इस विश्व रेबीज दिवस पर, आइए हम सभी संकल्प लें कि हम अपने पालतू जानवरों का ध्यान रखेंगे और रेबीज से बचाव के उपायों को अपनाएंगे।
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