Galudih Checking Drive: हाईवे पर लकड़ी से लदा ट्रक पकड़ा गया, कागजात न मिलने पर थाने भेजा गया वाहन
गालूडीह में नेशनल हाईवे पर एमवीआई ने जांच अभियान चलाया, जिसमें एक लकड़ी लदे ट्रक को कागजात न होने के कारण जब्त कर थाने भेज दिया गया। जांच के दौरान कई अन्य भारी वाहनों की भी कड़ाई से जांच हुई।

गालूडीह, झारखंड – गुरुवार को नेशनल हाईवे पर अचानक एक्शन शुरू हुआ, जब मोटर यान निरीक्षक (MVI) की टीम ने भारी वाहनों और चारपहिया गाड़ियों की जांच के लिए विशेष अभियान छेड़ दिया। इस औचक कार्रवाई ने न केवल यात्रियों को चौंकाया, बल्कि ट्रांसपोर्ट से जुड़े कई पुराने सवालों को भी फिर से सतह पर ला दिया।
क्या हुआ अभियान में खास?
जांच के दौरान एमवीआई की टीम ने एक-एक कर के सभी गुजरते वाहनों को रोका और उनके दस्तावेजों की सघन जांच की। इसी क्रम में पश्चिम बंगाल नंबर के एक आयशर ट्रक (WB 33 E 0246) को रोककर जब कागजात मांगे गए, तो ड्राइवर की बोलती बंद हो गई।
इस ट्रक में लकड़ी के सामान लदे हुए थे, लेकिन ट्रक चालक ट्रांसपोर्ट किए जा रहे सामान से जुड़े किसी भी प्रकार के वैध दस्तावेज दिखाने में नाकाम रहा। परिणामस्वरूप, ट्रक को तत्काल गालूडीह थाना के सुपुर्द कर दिया गया।
क्यों बनी यह कार्रवाई चर्चा का विषय?
इस पूरी कार्रवाई ने कई लोगों को चौंकाया क्योंकि इस क्षेत्र में अक्सर बिना जांच के वाहन गुजरते रहते हैं। लेकिन गुरुवार को एमवीआई द्वारा किए गए अचानक अभियान ने यह स्पष्ट कर दिया कि अब नियमों को ताक पर रखने वालों को बख्शा नहीं जाएगा।
गौरतलब है कि झारखंड और पश्चिम बंगाल के सीमावर्ती इलाकों में अवैध लकड़ी तस्करी की घटनाएं पहले भी सामने आती रही हैं। इस पृष्ठभूमि में इस ट्रक की बरामदगी को लेकर संदेह और भी गहराता है।
क्या है ट्रांसपोर्ट कानून के तहत प्रावधान?
भारतीय मोटर वाहन अधिनियम के अनुसार, किसी भी व्यावसायिक वाहन को वैध कागजात – जैसे रजिस्ट्रेशन, फिटनेस, परमिट, और सामान से संबंधित इनवॉयस या वन विभाग की अनुमति के बिना सड़क पर चलाना अपराध की श्रेणी में आता है। ऐसे मामलों में वाहन जब्त किए जा सकते हैं और चालक व मालिक पर जुर्माना या कानूनी कार्रवाई की जा सकती है।
स्थानीय लोगों में चर्चा – क्या था ट्रक में?
जब ट्रक को थाने ले जाया गया, तो स्थानीय लोगों में यह चर्चा तेज हो गई कि उसमें क्या अवैध सामान हो सकता है। हालांकि अधिकारी अभी इस पर चुप्पी साधे हुए हैं, लेकिन संभावना जताई जा रही है कि यह मामला केवल कागजी चूक का नहीं, बल्कि किसी बड़ी तस्करी से जुड़ा हो सकता है।
पिछले वर्षों के मामले क्या कहते हैं?
इससे पहले भी झारखंड के विभिन्न हिस्सों में लकड़ी की अवैध ढुलाई के कई मामले सामने आ चुके हैं। खासकर चाईबासा, गुमला और सरायकेला जैसे जिलों में वन संपदाओं की अवैध कटाई और तस्करी का लंबा इतिहास रहा है। ऐसे में इस घटना को केवल 'नियम उल्लंघन' कह कर टाल देना आसान नहीं।
गालूडीह में हुआ यह एमवीआई अभियान न सिर्फ एक ट्रक को पकड़ने तक सीमित रहा, बल्कि यह संकेत भी देता है कि ट्रांसपोर्ट सेक्टर में व्याप्त अनियमितताओं पर अब नजर रखी जा रही है। सवाल यह है कि क्या यह अभियान सिर्फ एक शुरुआत है या आने वाले दिनों में और बड़े खुलासे होंगे?
अब यह देखना दिलचस्प होगा कि पुलिस की जांच आगे क्या नया मोड़ लेती है और क्या यह मामला केवल कागजों की कमी तक सीमित है या इसके पीछे तस्करी का बड़ा खेल छिपा है।
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