Jamshedpur Protest: प्रधानमंत्री मोदी से कड़े फैसलों की मांग, बांग्लादेश में हिंदू अत्याचार पर बड़ा प्रदर्शन
जमशेदपुर में हिंदू समाज ने बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार के खिलाफ आवाज़ उठाई। प्रधानमंत्री मोदी से त्वरित कार्रवाई की मांग की गई।
बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ हो रहे अत्याचारों की घटनाओं ने भारत के विभिन्न हिस्सों में चिंता का माहौल पैदा कर दिया है। जमशेदपुर में भी इस मुद्दे को लेकर एक बड़ी सभा आयोजित की गई, जिसमें सैकड़ों लोगों ने मिलकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बांग्लादेश में हिंदुओं की सुरक्षा के लिए कठोर कदम उठाने की मांग की।
पूर्व मंत्री रामचंद्र सहिस, कन्हैया सिंह, अप्पू तिवारी, ललन झा, अरूप मल्लिक, संतोष सिंह, संगीता कुमारी, सौरभ राहुल सिंह, प्रवीण प्रसाद, मंजीत सिंह, मुकेश प्रसाद, रवि कुमार, शिवा शेखर सहिस, राजेश सिंह, और शुभम कुमार सहित कई अन्य कार्यकर्ताओं ने जमशेदपुर समाहरणालय पर एकत्र होकर विरोध प्रदर्शन किया।
बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ हो रहे अत्याचारों की चपेट में समाज
सभी ने मिलकर बांग्लादेश में हो रहे हिंदू मंदिरों के टूटने और हिंदू समुदाय के लोगों के खिलाफ हो रहे अमानवीय व्यवहार की कड़ी निंदा की। रामचंद्र सहिस ने मीडिया से बातचीत में कहा, "हिंदू समाज को इस मामले में एकजुट होना चाहिए। जब हम भारत में सभी धर्मों का सम्मान करते हैं, तो बांग्लादेश में हमारे भाइयों के साथ हो रही यह नाइंसाफी हमारे लिए बेहद पीड़ादायक है। यह घटना किसी भी समाज के लिए स्वीकार्य नहीं हो सकती।"
उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अपील की कि इस गंभीर मामले में त्वरित और ठोस कार्रवाई की जाए। "हमने हमेशा बांग्लादेश को अपना सहयोगी माना है और कई बार सहयोग भी किया है, फिर यह क्यों हो रहा है?" सहिस ने सवाल किया।
प्रधानमंत्री मोदी से कड़े फैसलों की अपील
सहिस ने कहा कि भारत सरकार को चाहिए कि बांग्लादेश में हो रहे इस कुकृत्य का जड़ से समाधान निकाले। "हिंदू धर्माचार्य जो बंधक बनाए गए हैं, उन्हें मुक्त कराने के लिए तुरंत कदम उठाए जाएं। ऐसा कर, हम यह सुनिश्चित कर सकते हैं कि भविष्य में कोई भी देश या व्यक्ति इस तरह की दुस्साहसिक घटना को अंजाम देने का साहस न करे।"
इतिहास और समकालीन संदर्भ
बांग्लादेश में हिंदू समुदाय का इतिहास काफी पुराना है। 1947 में पाकिस्तान और भारत के विभाजन के समय भी, बांग्लादेश (तब पूर्व पाकिस्तान) में हिंदू समुदाय एक महत्वपूर्ण हिस्सा था। हालांकि, समय के साथ-साथ वहां के हिंदुओं को कई बार सामाजिक, राजनीतिक और धार्मिक कठिनाइयों का सामना करना पड़ा है। वर्तमान में, बांग्लादेश में कई ऐसे संगठन सक्रिय हैं जो धार्मिक अल्पसंख्यकों के खिलाफ घृणा फैलाते हैं और उनके खिलाफ हिंसा करते हैं।
भारत ने हमेशा बांग्लादेश को अपना दोस्त मानते हुए उसे सहायता प्रदान की है। फिर भी, हाल की घटनाओं ने इस दोस्ती को एक नई चुनौती दी है।
कड़ी सुरक्षा की आवश्यकता
जमशेदपुर में इस मुद्दे पर प्रदर्शन करते हुए लोगों ने सरकार से यह भी मांग की कि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए दोनों देशों के बीच समझौतों और सुरक्षा प्रोटोकॉल को मजबूत किया जाए।
आखिरकार, एकता की जरूरत
सहीस ने इस आंदोलन के अंत में कहा, "यह समय है कि भारत और बांग्लादेश दोनों मिलकर इस मुद्दे को हल करें। भारत को अपने अधिकारों का संरक्षण करते हुए एक दृढ़ कदम उठाना चाहिए।"
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