Odisha Green Move: टाटा स्टील ने लॉन्च की 20 इलेक्ट्रिक बसें, जानें कैसे बदलेगा प्लांट का भविष्य
टाटा स्टील मेरामंडली (TSM) ने ओडिशा में अपने कर्मचारियों के लिए 20 इलेक्ट्रिक बसों का बेड़ा लॉन्च किया। यह पहल कंपनी के 2045 नेट ज़ीरो लक्ष्य को पूरा करने में मदद करेगी। जानें कैसे बदलेगा प्लांट का भविष्य!

ढेंकनाल, 13 मार्च – टाटा स्टील मेरामंडली (TSM) ने ओडिशा के ढेंकनाल जिले में एक क्रांतिकारी कदम उठाते हुए अपने कर्मचारियों के लिए इलेक्ट्रिक बसों का बेड़ा शुरू किया है। यह पहल न केवल कंपनी के नेट ज़ीरो लक्ष्य 2045 को आगे बढ़ाएगी, बल्कि कार्बन उत्सर्जन को भी हर साल 500 टन तक कम करेगी।
टाटा स्टील के कॉर्पोरेट सर्विसेज के वाइस प्रेसिडेंट चाणक्य चौधरी और टीएसएम के वाइस प्रेसिडेंट, ऑपरेशंस उत्तम सिंह ने इस ईवी बस बे का उद्घाटन किया। उन्होंने 20 नई इलेक्ट्रिक बसों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया, जो प्लांट में काम करने वाले कर्मचारियों के दैनिक परिवहन के लिए उपयोग में लाई जाएंगी।
टाटा स्टील का ग्रीन मिशन: क्यों है खास?
यह पहल न केवल पर्यावरण बचाने की दिशा में एक बड़ा कदम है, बल्कि सस्टेनेबिलिटी को लेकर टाटा स्टील की प्रतिबद्धता को भी दर्शाती है। इससे प्लांट के अंदर परिवहन दक्षता बढ़ेगी, और कर्मचारियों को आरामदायक एवं प्रदूषण मुक्त सफर मिलेगा।
उत्तम सिंह ने कहा, "यह लॉन्च हमारी दैनिक संचालन प्रक्रियाओं में स्थिरता को अपनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है। पहले से ही 15 ईवी कारें प्लांट में मौजूद हैं, और अब ये इलेक्ट्रिक बसें हमारे कार्यबल और पर्यावरण दोनों के लिए फायदेमंद होंगी।"
कैसा होगा नया EV बस बे?
ईवी बस बे में अत्याधुनिक चार्जिंग स्टेशन बनाए गए हैं, जिसमें:
दो चार्जिंग स्टेशन (प्रत्येक में 12 चार्जिंग यूनिट)
चार मेंटेनेंस पिट
भंडारण कक्ष और प्रशासनिक भवन
विभिन्न ऑफिस और सुविधाएं (शौचालय सहित)
ये नई इलेक्ट्रिक बसें उन्नत बैटरी प्रणाली से लैस हैं, जो लंबी दूरी तक किफायती और प्रदूषण-मुक्त सफर सुनिश्चित करेंगी।
टाटा स्टील का सफर: इतिहास में पहली बार?
टाटा स्टील लंबे समय से ग्रीन ट्रांसपोर्टेशन और सस्टेनेबिलिटी को बढ़ावा देता रहा है। कंपनी ने पहले भी अपने प्लांट्स और कार्यालयों में इलेक्ट्रिक वाहनों को शामिल किया है। मेरामंडली प्लांट में पहले से 15 ईवी कारें चल रही हैं, और अब 20 इलेक्ट्रिक बसों के जुड़ने से प्लांट का कार्बन फुटप्रिंट काफी हद तक कम होगा।
चाणक्य चौधरी के अनुसार, "इलेक्ट्रिक बसें और बस बे, टाटा स्टील की पूरी वैल्यू चेन में स्थिरता को लागू करने की दिशा में एक बड़ा कदम है। यह न केवल कंपनी, बल्कि पूरे उद्योग के लिए एक मिसाल बनेगा।"
भविष्य में और क्या होगा?
टाटा स्टील की योजना आने वाले वर्षों में अपने सभी प्लांट्स में इलेक्ट्रिक वाहनों को अपनाने की है। कंपनी की 2045 तक नेट ज़ीरो एमिशन हासिल करने की रणनीति में यह एक बड़ा मील का पत्थर साबित हो सकता है।
टाटा स्टील का यह कदम ओडिशा में इंडस्ट्रियल सस्टेनेबिलिटी को एक नई दिशा देगा। इलेक्ट्रिक बसों का यह बेड़ा न केवल कर्मचारियों के लिए फायदेमंद होगा, बल्कि पर्यावरण संरक्षण में भी एक अहम भूमिका निभाएगा। यह देखना दिलचस्प होगा कि आने वाले समय में अन्य कंपनियां भी इस हरित पहल को कितना अपनाती हैं!
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