Indian Online Gaming : ऑनलाइन गेमिंग पर भारत का बड़ा कदम! क्या खत्म हो जाएगी 25,000 करोड़ की इंडस्ट्री?

क्या भारत का नया ऑनलाइन गेमिंग विधेयक, 2025 ई-स्पोर्ट्स को बढ़ावा देगा या रियल मनी गेमिंग को पूरी तरह खत्म कर देगा? जानें इसके प्रभाव, प्रतिबंध और 3.7 अरब डॉलर के गेमिंग बाजार पर असर।

Aug 20, 2025 - 21:38
Aug 20, 2025 - 23:02
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Indian Online Gaming : ऑनलाइन गेमिंग पर भारत का बड़ा कदम! क्या खत्म हो जाएगी 25,000 करोड़ की इंडस्ट्री?
Indian Online Gaming : ऑनलाइन गेमिंग पर भारत का बड़ा कदम! क्या खत्म हो जाएगी 25,000 करोड़ की इंडस्ट्री?
पिछले 11 वर्षों में, डिजिटल तकनीकों ने हमारे जीवन में क्रांतिकारी बदलाव लाया है। डिजिटल इंडिया, डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना, यूपीआई भुगतान प्रणाली, 5जी संचार और सेमीकंडक्टर इकोसिस्टम ने भारत को एक नई वैश्विक पहचान दी है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में, प्रौद्योगिकी का उपयोग विभिन्न क्षेत्रों में नागरिकों के लिए अत्यंत लाभकारी रहा है। हालांकि, इन प्रगतियों के साथ-साथ नए जोखिम भी उभरे हैं, खासकर डिजिटल क्षेत्र में। प्रौद्योगिकी के दुरुपयोग से समाज को होने वाले नुकसान से बचाने के लिए सरकार ने ऑनलाइन गेमिंग संवर्धन और विनियमन विधेयक, 2025 पेश किया है।

               यह विधेयक ई-स्पोर्ट्स और ऑनलाइन सोशल गेम्स को बढ़ावा देता है, साथ ही हानिकारक ऑनलाइन रियल मनी गेमिंग सेवाओं, उनके विज्ञापनों और संबंधित वित्तीय लेनदेन पर पूर्ण प्रतिबंध लगाता है। यह विधेयक ऑनलाइन फैंटेसी स्पोर्ट्स, पोकर, रम्मी, अन्य कार्ड गेम्स और ऑनलाइन लॉटरी सहित सभी प्रकार की ऑनलाइन सट्टेबाजी और जुए से जुड़ी गतिविधियों को गैरकानूनी घोषित करता है। इसका उद्देश्य युवाओं को उन जोखिम भरे रियल मनी गेमिंग ऐप्स से बचाना है, जो भ्रामक "पैसे वापसी के वादों" के जरिए उन्हें व्यसनकारी और बाध्यकारी खेलों में धकेलते हैं, जिससे परिवार आर्थिक संकट में पड़ जाते हैं।

                  सरकार का मानना है कि ऑनलाइन मनी गेमिंग से जुड़ी लत, वित्तीय नुकसान और यहाँ तक कि आत्महत्या जैसे गंभीर परिणामों को इन गतिविधियों पर प्रतिबंध लगाकर रोका जा सकता है। इसके अलावा, ऑनलाइन मनी गेमिंग प्लेटफॉर्म का उपयोग अक्सर वित्तीय धोखाधड़ी, धन शोधन, आतंकवाद के वित्तपोषण और राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरे में डालने वाली गतिविधियों के लिए किया जाता है। यह विधेयक डिजिटल क्षेत्र के नियमों को भारतीय न्याय संहिता, 2023 और विभिन्न राज्य कानूनों के अनुरूप लाता है, जहाँ सट्टेबाजी और जुआ प्रतिबंधित या दंडनीय हैं।

ई-स्पोर्ट्स और सोशल गेमिंग को बढ़ावा
            युवा कार्य और खेल मंत्रालय ई-स्पोर्ट्स को बढ़ावा देने के लिए एक समर्पित ढांचा स्थापित करेगा। इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY) और सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय (MIB) शैक्षिक और सांस्कृतिक मूल्यों, कौशल विकास और सामाजिक जुड़ाव को बढ़ावा देने वाले ऑनलाइन सोशल गेम्स को समर्थन देंगे।
भारत का गेमिंग बाजार: उभरता उद्योग और जोखिम
             भारत का ऑनलाइन गेमिंग बाजार वर्तमान में 3.7 अरब डॉलर का है और 2029 तक इसके 9.1 अरब डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है। 2024 में इस क्षेत्र का मूल्य 31,938 करोड़ रुपये था, जिसमें रियल मनी गेमिंग (RMG) का योगदान 85.7% (27,438 करोड़ रुपये) रहा। 45 करोड़ से अधिक भारतीय ऑनलाइन गेम खेलते हैं, और इस उद्योग का मूल्यांकन 25 अरब डॉलर है। यह क्षेत्र सालाना 25,000 करोड़ रुपये से अधिक टैक्स देता है और 2 लाख से ज्यादा लोगों को रोजगार प्रदान करता है। इस उद्योग में 25,000 करोड़ रुपये का प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) आता है, और यह प्रचार व टेक्नोलॉजी पर सालाना 6,000 करोड़ रुपये खर्च करता है। देश में 1,100 से अधिक गेमिंग कंपनियाँ हैं, जिनमें 400 से ज्यादा स्टार्टअप शामिल हैं।
हालांकि, अखिल भारतीय गेमिंग महासंघ (AIGF) ने गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिखकर विधेयक पर तत्काल हस्तक्षेप की मांग की है, चेतावनी देते हुए कि रियल मनी गेमिंग पर पूर्ण प्रतिबंध इस क्षेत्र को गंभीर नुकसान पहुंचा सकता है, जिससे 20,000 करोड़ रुपये का वार्षिक टैक्स नुकसान हो सकता है।ऑनलाइन गेमिंग संवर्धन और विनियमन विधेयक, 2025 के प्रमुख प्रावधान
  1. ई-स्पोर्ट्स का संवर्धन और मान्यता
    • ई-स्पोर्ट्स को भारत में एक वैध प्रतिस्पर्धी खेल के रूप में मान्यता।
    • खेल मंत्रालय ई-स्पोर्ट्स आयोजनों के लिए दिशानिर्देश और मानक तैयार करेगा।
    • प्रशिक्षण अकादमियों, अनुसंधान केंद्रों और प्रौद्योगिकी प्लेटफार्मों की स्थापना।
    • प्रोत्साहन योजनाओं, जागरूकता अभियानों और व्यापक खेल नीतियों के साथ एकीकरण।
  2. सामाजिक और शैक्षिक खेलों का संवर्धन
    • केंद्र सरकार को ऑनलाइन सोशल गेम्स को मान्यता देने, वर्गीकृत करने और पंजीकृत करने का अधिकार।
    • सुरक्षित, आयु-उपयुक्त सामाजिक और शैक्षिक खेलों के विकास और वितरण के लिए प्लेटफार्मों की सुविधा।
    • मनोरंजन, कौशल विकास और डिजिटल साक्षरता में सामाजिक खेलों की सकारात्मक भूमिका पर जागरूकता।
    • भारतीय मूल्यों के अनुरूप सांस्कृतिक और शैक्षिक गेमिंग सामग्री के लिए समर्थन।
  3. हानिकारक ऑनलाइन मनी गेम्स पर प्रतिबंध
    • ऑनलाइन मनी गेम्स की पेशकश, संचालन या सुविधा पर पूर्ण प्रतिबंध, चाहे वे कौशल, संयोग या दोनों पर आधारित हों।
    • सभी प्रकार के मीडिया में मनी गेम्स के विज्ञापन और प्रचार पर रोक।
    • मनी गेम्स से जुड़े वित्तीय लेनदेन पर प्रतिबंध; बैंक और भुगतान प्रणालियों को ऐसे भुगतानों को संसाधित करने से रोका गया।
    • सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000 के तहत गैरकानूनी गेमिंग प्लेटफार्मों तक पहुँच को रोकने का अधिकार।
  4. ऑनलाइन गेमिंग प्राधिकरण की स्थापना
    • केंद्र सरकार एक राष्ट्रीय स्तर का प्राधिकरण स्थापित करेगी या किसी मौजूदा प्राधिकरण को निगरानी के लिए नामित करेगी।
    • कार्यों में शामिल हैं:
      • ऑनलाइन गेम्स का वर्गीकरण और पंजीकरण।
      • यह निर्धारित करना कि कोई गेम मनी गेम है या नहीं।
      • ऑनलाइन गेम्स से संबंधित शिकायतों का निपटारा।
    • प्राधिकरण अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए दिशानिर्देश, आदेश और आचार संहिता जारी करेगा।
  5. अपराध और दंड
    • ऑनलाइन मनी गेमिंग की पेशकश या सुविधा: 3 वर्ष तक का कारावास और/या 1 करोड़ रुपये तक का जुर्माना
    • मनी गेम्स का विज्ञापन: 2 वर्ष तक का कारावास और/या 50 लाख रुपये तक का जुर्माना
    • मनी गेम्स से संबंधित वित्तीय लेनदेन: 3 वर्ष तक का कारावास और/या 1 करोड़ रुपये तक का जुर्माना
    • बार-बार अपराध के लिए 3-5 वर्ष का कारावास और 2 करोड़ रुपये तक का जुर्माना
    • प्रमुख धाराओं के तहत अपराध संज्ञेय और गैर-जमानती होंगे।
  6. कॉरपोरेट और संस्थागत दायित्व
    • कंपनियाँ और उनके अधिकारी अपराधों के लिए उत्तरदायी होंगे, जब तक कि वे उचित तथ्य साबित न करें।
    • स्वतंत्र या गैर-कार्यकारी निदेशकों को संरक्षण, जो निर्णय लेने में शामिल नहीं हैं।
  7. जाँच और प्रवर्तन की शक्तियाँ
    • अधिकृत अधिकारी अपराधों से जुड़ी डिजिटल या भौतिक संपत्तियों की जाँच, तलाशी और ज़ब्ती कर सकते हैं।
    • कुछ मामलों में बिना वारंट के प्रवेश, तलाशी और गिरफ्तारी का अधिकार।
    • भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023 के प्रावधान जाँच पर लागू होंगे।
  8. नियम बनाने की शक्तियाँ
    • केंद्र सरकार को नियम बनाने का अधिकार:
      • ई-स्पोर्ट्स और सोशल गेमिंग को बढ़ावा देना।
      • ऑनलाइन गेम्स की मान्यता, वर्गीकरण और पंजीकरण।
      • प्राधिकरण की शक्तियाँ और कार्यप्रणाली।
      • अन्य आवश्यक मामले।
विधेयक के सकारात्मक प्रभाव
  • रचनात्मक अर्थव्यवस्था को बढ़ावा: वैश्विक गेमिंग निर्यात, रोजगार और नवाचार में भारत की भूमिका को मजबूत करता है।
  • युवाओं का सशक्तिकरण: ई-स्पोर्ट्स और कौशल-आधारित डिजिटल गेम्स के माध्यम से रचनात्मक भागीदारी को प्रोत्साहित करता है।
  • सुरक्षित डिजिटल वातावरण: परिवारों को हानिकारक ऑनलाइन मनी गेमिंग से बचाता है।
  • वैश्विक नेतृत्व: जिम्मेदार गेमिंग नवाचार और डिजिटल नीति-निर्माण में भारत को अग्रणी बनाता है।
एक संतुलित दृष्टिकोणऑनलाइन गेमिंग संवर्धन और विनियमन विधेयक, 2025 सुरक्षित और सकारात्मक ऑनलाइन गेमिंग के माध्यम से नवाचार और युवा जुड़ाव को बढ़ावा देता है, साथ ही हानिकारक रियल मनी गेम्स पर सख्त प्रतिबंध लगाता है। यह डिजिटल इंडिया के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है, जो रचनात्मकता को बढ़ावा देता है, नागरिकों की सुरक्षा करता है और राष्ट्रीय सुरक्षा को मजबूत करता है।

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Manish Tamsoy मनीष तामसोय कॉमर्स में मास्टर डिग्री कर रहे हैं और खेलों के प्रति गहरी रुचि रखते हैं। क्रिकेट, फुटबॉल और शतरंज जैसे खेलों में उनकी गहरी समझ और विश्लेषणात्मक क्षमता उन्हें एक कुशल खेल विश्लेषक बनाती है। इसके अलावा, मनीष वीडियो एडिटिंग में भी एक्सपर्ट हैं। उनका क्रिएटिव अप्रोच और टेक्निकल नॉलेज उन्हें खेल विश्लेषण से जुड़े वीडियो कंटेंट को आकर्षक और प्रभावी बनाने में मदद करता है। खेलों की दुनिया में हो रहे नए बदलावों और रोमांचक मुकाबलों पर उनकी गहरी पकड़ उन्हें एक बेहतरीन कंटेंट क्रिएटर और पत्रकार के रूप में स्थापित करती है।