Nawada Language Recognition : नवादा में केन्द्रीय मंत्री जितन राम मांझी को मगही रत्न सम्मान
केंद्रीय मंत्री जितन राम मांझी को मगही मगध नागरिक संघ द्वारा "मगही रत्न" सम्मान से नवाजा गया। पढ़ें, मंत्री ने मगही भाषा को संवैधानिक दर्जा दिलाने की अपनी प्रतिबद्धता जताई।
मगही मगध नागरिक संघ ने शनिवार को नवादा जिले के महकार स्थित केंद्रीय मंत्री जितन राम मांझी को सम्मानित किया। उन्हें यह सम्मान मगही रत्न से नवाजा गया, जिसे संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष पारस कुमार सिंह ने उन्हें उनके पैतृक गांव महकार पहुंचकर प्रदान किया। इस अवसर पर मंत्री जितन राम मांझी ने अपनी खुशी व्यक्त करते हुए कहा कि यह सम्मान उनके लिए बहुत मायने रखता है, और वह संघ के सभी सदस्यों विशेषकर पारस कुमार सिंह का आभार व्यक्त करते हैं।
मंत्री मांझी ने कहा कि "मगही मेरी मातृभाषा है और मैं इसे हमेशा गर्व के साथ बोलता हूं। मुझे खुशी है कि मेरी मातृभाषा को सम्मान मिल रहा है।" उन्होंने यह भी बताया कि वह हमेशा विभिन्न कार्यक्रमों में मगही को बढ़ावा देने का प्रयास करते रहते हैं, और इसके माध्यम से उनका मान भी बढ़ता है। मंत्री ने यह भी कहा कि "हम सभी को अपनी मातृभाषा बोलने में लज्जा नहीं महसूस करनी चाहिए, क्योंकि यह हमारी संस्कृति और पहचान का हिस्सा है।"
मगही भाषा को संवैधानिक दर्जा दिलाने की प्रतिबद्धता
मंत्री जितन राम मांझी ने यह भी कहा कि उन्होंने बिहार विधानसभा में मगही को संवैधानिक दर्जा दिलाने के लिए प्रयास किए थे। उन्होंने कहा, "उस समय बिहार विधानसभा के अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा ने कहा था कि आपकी मगही मिठ्ठी और प्रभावशाली भाषा है, और जल्द ही यह संसद में भी गूंजेगी।" मंत्री ने यह भी कहा कि वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से इस मुद्दे पर बातचीत करेंगे, और जरूरत पड़ी तो पारस कुमार सिंह के साथ एक प्रतिनिधिमंडल लेकर प्रधानमंत्री से मिलकर मगही को आठवीं अनुसूची में शामिल करने के लिए अपनी बात रखेंगे।
इस अवसर पर पंकज कुमार सिंह, गणेश प्रजापति सहित कई अन्य गणमान्य लोग भी उपस्थित थे। पंकज कुमार सिंह ने कहा कि मंत्री श्री मांझी को यह सम्मान देने का प्रस्ताव पहले ही सितंबर में कोलकाता में आयोजित राष्ट्रीय सम्मेलन में किया गया था, लेकिन किसी कारणवश मंत्री उस सम्मेलन में उपस्थित नहीं हो सके। इस कारण से अब उनके पैतृक गांव महकार में यह सम्मान दिया गया।
मगही भाषा का ऐतिहासिक महत्व
मगही भाषा का एक ऐतिहासिक महत्व है, क्योंकि यह बिहार और झारखंड के कुछ हिस्सों में बोली जाती है और इसके बोलने वालों की संख्या लाखों में है। मगही, एक प्राचीन भाषा है जो मगध क्षेत्र में उत्पन्न हुई थी। यह वह क्षेत्र है, जहां मौर्य और गुप्त साम्राज्य जैसे ऐतिहासिक साम्राज्य जन्मे थे। इस क्षेत्र की समृद्ध सांस्कृतिक और ऐतिहासिक धरोहर से जुड़ी हुई यह भाषा आज भी हजारों लोगों के जीवन का हिस्सा है।
नवादा में एक ऐतिहासिक मोड़
नवादा में यह सम्मान समारोह एक ऐतिहासिक मोड़ है, क्योंकि इसने मगही भाषा को मुख्यधारा में लाने और उसे और अधिक मान्यता देने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। जितन राम मांझी की प्रतिबद्धता और उनके प्रयास से मगही भाषा को संवैधानिक दर्जा मिलने की संभावना और भी प्रबल हो गई है।
मगही भाषा और उसकी सांस्कृतिक धरोहर को बढ़ावा देने के लिए जितन राम मांझी की कोशिशें सराहनीय हैं। उनका यह कदम न केवल मगही भाषा को सम्मान दिलाने के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि यह भारतीय संस्कृति और भाषाओं की विविधता को भी बढ़ावा देता है। आने वाले समय में इस तरह के और प्रयास किए जाएं तो यह निश्चित रूप से मगही को एक नई पहचान दिलाएंगे और भारत की भाषाई धरोहर को और समृद्ध बनाएंगे।
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