Nawada Inspection: राइस मिलों पर प्रशासन का सख्त एक्शन! जानिए पूरी सच्चाई

नवादा जिले के छह राइस मिलों का भौतिक निरीक्षण हुआ। गुणवत्ता पर सवाल और आपूर्ति में देरी करने वाले मिलों के खिलाफ सख्त कदम। जानिए इस निरीक्षण की पूरी रिपोर्ट।

Jan 7, 2025 - 11:26
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Nawada Inspection: राइस मिलों पर प्रशासन का सख्त एक्शन! जानिए पूरी सच्चाई
Nawada Inspection: राइस मिलों पर प्रशासन का सख्त एक्शन! जानिए पूरी सच्चाई

नवादा जिले में प्रशासन का कड़ा रुख सामने आया है, जब जिला आपूर्ति पदाधिकारी और जिला सहकारिता पदाधिकारी ने संयुक्त रूप से जिले के छह प्रमुख राइस मिलों का भौतिक निरीक्षण किया। यह निरीक्षण नवादा के जिला पदाधिकारी श्री रवि प्रकाश के निर्देशों पर किया गया। यह कदम उपभोक्ताओं को गुणवत्तापूर्ण चावल की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया था।

क्या था निरीक्षण का उद्देश्य?
इस निरीक्षण का मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना था कि जिले के राइस मिलों में कस्टम मिल्ड राइस (CMR) की गुणवत्ता और मानकों का पालन किया जा रहा है। कस्टम मिल्ड राइस वह चावल होता है जो सरकारी योजनाओं के तहत मिलों द्वारा अनाज की आपूर्ति के लिए तैयार किया जाता है। निरीक्षण के दौरान यह पाया गया कि सभी मिलों में कस्टम मिल्ड राइस तैयार हैं, लेकिन कुछ मिलों में आपूर्ति में विलंब की शिकायतें सामने आईं।

मिलों को मिली सख्त चेतावनी:
इसी दौरान मिलों को स्पष्ट निर्देश दिए गए कि वे कस्टम मिल्ड राइस की गुणवत्ता में कोई भी कमी नहीं होने देंगे और निर्धारित मानकों के अनुरूप आपूर्ति सुनिश्चित करेंगे। साथ ही, जिन मिलों द्वारा आपूर्ति में देरी की जा रही थी, उन्हें सख्त चेतावनी दी गई। प्रशासन ने चेतावनी दी है कि ऐसी मिलों को 48 घंटे के भीतर चावल की आपूर्ति पूरी करनी होगी, अन्यथा उनके खिलाफ विधिसम्मत कार्रवाई की जाएगी।

क्या होती है कस्टम मिल्ड राइस?
कस्टम मिल्ड राइस, यानी कस्टम मिलिंग राइस, किसानों से प्राप्त चावल को मिलों में प्रोसेस करके तैयार किया जाता है। यह चावल सरकारी योजनाओं के तहत वितरण के लिए तैयार किया जाता है। इसका उद्देश्य गरीब और जरूरतमंद लोगों तक सही समय पर और उचित गुणवत्ता का चावल पहुंचाना है।

इंस्पेक्शन की गंभीरता:
नवादा जिले में राइस मिलों के निरीक्षण के दौरान जो प्रमुख बिंदु सामने आए, उनमें सबसे अहम था चावल की गुणवत्ता। कुछ मिलों में चावल की गुणवत्ता और समय पर आपूर्ति को लेकर गंभीर समस्याएं सामने आई थीं। इससे प्रशासन ने यह सुनिश्चित करने की जरूरत महसूस की कि उपभोक्ताओं को न केवल सही समय पर चावल मिले, बल्कि उसकी गुणवत्ता भी शीर्ष स्तर की हो।

दृष्टिकोण और सुधार की दिशा:
जिला प्रशासन ने यह सुनिश्चित किया है कि मिलों द्वारा आपूर्ति में किसी भी प्रकार की लापरवाही या अनियमितता को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। इसके साथ ही यह भी कहा गया कि प्रशासन द्वारा मिलों पर कड़ी निगरानी रखी जाएगी और मिलों को नियमित रूप से निरीक्षण किया जाएगा ताकि गुणवत्ता सुनिश्चित की जा सके।

क्या है प्रशासन की अगली रणनीति?
प्रशासन की अगली रणनीति यह है कि वे मिलों के साथ सीधे संवाद स्थापित करेंगे और उन्हें सूचित करेंगे कि कस्टम मिल्ड राइस की आपूर्ति में कोई भी देरी नहीं होनी चाहिए। इसके अलावा, प्रशासन मिलों के कार्यों का लगातार मूल्यांकन करेगा और सुनिश्चित करेगा कि उनके द्वारा निर्धारित मानकों का पालन किया जा रहा है।

नवादा में खाद्य सुरक्षा की स्थिति:
नवादा जैसे जिले में जहां खाद्य सुरक्षा एक बड़ी चुनौती हो सकती है, प्रशासन की यह कार्रवाई यह दर्शाती है कि सरकार उपभोक्ताओं को गुणवत्तापूर्ण चावल की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए कृतसंकल्प है। इस कदम से ना केवल मिलों में सुधार आएगा, बल्कि उपभोक्ताओं का विश्वास भी बढ़ेगा।

नवादा जिले में राइस मिलों के निरीक्षण ने एक बार फिर यह साबित कर दिया कि प्रशासन उपभोक्ताओं के अधिकारों की रक्षा के लिए पूरी तरह से तैयार है। इस निरीक्षण के दौरान की गई कड़ी चेतावनियां और 48 घंटे में आपूर्ति सुनिश्चित करने की मांग, यह दर्शाती है कि प्रशासन कोई भी लापरवाही बर्दाश्त नहीं करेगा। इसके अलावा, मिलों की गुणवत्ता में सुधार और समय पर आपूर्ति सुनिश्चित करना प्रशासन का प्राथमिक उद्देश्य रहेगा, ताकि सभी नागरिकों को जरूरी खाद्य सामग्री समय पर और सही गुणवत्ता में मिल सके।

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