Ranchi Crime: शादी का झांसा देकर किया गैंगरेप, दो महीने की गर्भवती हुई युवती, फिर मिली जान से मारने की धमकी
रांची में चतरा की युवती से शादी का झांसा देकर दुष्कर्म करने वाला आरोपी कमलदेव यादव पकड़ा गया। युवती अब दो महीने की गर्भवती है और उसे आरोपी से जान का खतरा भी है। जानिए पूरी घटना की परतें।

रांची से चौंकाने वाली खबर सामने आई है जिसने झारखंड की कानून व्यवस्था पर कई सवाल खड़े कर दिए हैं। यह मामला सिर्फ एक दुष्कर्म का नहीं, बल्कि झूठे प्यार, सामाजिक विश्वासघात और अपराधियों की बेखौफी की मिसाल है। चतरा की एक युवती के साथ ऐसा धोखा हुआ, जिसने उसकी ज़िन्दगी की दिशा ही बदल दी। आरोपी कमलदेव यादव, जो पहले से ही युवती को परेशान करता था, इस बार उसकी ज़िंदगी में तूफान बनकर आया।
पहले छेड़छाड़, फिर पंचायत का फैसला
चतरा के सदर थाना क्षेत्र की रहने वाली पीड़िता ने पहले भी आरोपी कमलदेव यादव के खिलाफ छेड़छाड़ की शिकायत की थी। परिवार को जब इस बात की भनक लगी, तो गांव की पंचायत बुलाई गई। पंचायत में आरोपी ने माफी मांगी और भविष्य में ऐसी गलती न करने का वादा किया। लेकिन वह वादा सिर्फ दिखावा था।
फरवरी में रांची लाया, फिर किया दुष्कर्म
प्राथमिकी के अनुसार, फरवरी 2025 में आरोपी ने युवती को जबरदस्ती अपनी कार में बैठाकर रांची के सुखदेवनगर इलाके में ले जाकर एक किराये के मकान में रखा। उसने शादी का झूठा वादा किया और इसी बहाने युवती के साथ कई बार दुष्कर्म किया। एक हफ्ते तक उसे वहां बंधक बनाकर रखा गया और फिर वापस चतरा छोड़ दिया गया।
गर्भवती हुई तो मारपीट और धमकी
सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि इस घटना के बाद युवती गर्भवती हो गई। जब उसने यह बात आरोपी को बताई, तो न सिर्फ उसने गर्भपात का दबाव डाला, बल्कि इंकार करने पर मारपीट की और जान से मारने की धमकी भी दी।
पिता ने दर्ज कराई थी गुमशुदगी
जब फरवरी में युवती अचानक गायब हुई, तो उसके पिता ने चतरा थाना में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज करवाई थी। तब तक किसी को अंदाज़ा नहीं था कि बेटी के साथ इतनी बड़ी साजिश रची जा रही है।
आरोपी को ऐसे मिली गिरफ़्तारी
आरोपी केस दर्ज होने के बाद फरार हो गया था। लेकिन किस्मत को कुछ और ही मंज़ूर था। ट्रैफिक पुलिस ने पंडरा ओपी क्षेत्र में उसे ट्रैफिक नियम उल्लंघन के आरोप में पकड़ लिया और उसकी गाड़ी जब्त कर ली। कार नंबर सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, जिसे देखकर चतरा पुलिस को शक हुआ। युवती ने भी अपनी प्राथमिकी में उसी कार नंबर का ज़िक्र किया था।
सोशल मीडिया बना सबूत
सोशल मीडिया पर वायरल हुई कार की तस्वीर चतरा पुलिस के लिए एक अहम सुराग बनी। जब आरोपी जुर्माना भरने के लिए पुलिस स्टेशन पहुंचा, तब चतरा पुलिस पहले से वहां मौजूद थी। रांची ट्रैफिक पुलिस की मदद से आरोपी को दबोच लिया गया और सीधे चतरा ले जाया गया।
क्या कहते हैं विशेषज्ञ?
कानून विशेषज्ञों का मानना है कि यह मामला गंभीर अपराध की श्रेणी में आता है और IPC की कई धाराओं के तहत आरोपी को सख्त सज़ा मिल सकती है। खासकर जब पीड़िता गर्भवती हो चुकी है और उसे जान से मारने की धमकी दी गई है।
सवाल जो अब उठते हैं
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पंचायत के आश्वासन के बावजूद आरोपी को खुली छूट क्यों मिली?
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ट्रैफिक उल्लंघन नहीं होता तो क्या आरोपी अब भी फरार होता?
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सोशल मीडिया के वायरल पोस्ट ने कैसे पुलिस की मदद की?
यह मामला एक बार फिर दिखाता है कि समाज में कुछ लोग कैसे महिलाओं की भावनाओं और विश्वास का फायदा उठाकर उन्हें बर्बादी के कगार पर ला सकते हैं। लेकिन समय ने एक बार फिर दिखाया कि कानून से बड़ा कोई नहीं होता। आरोपी अब सलाखों के पीछे है, लेकिन पीड़िता की जिंदगी फिर वैसी नहीं होगी। यह खबर एक चेतावनी है—हर झूठे वादे के पीछे एक बड़ी साजिश छुपी हो सकती है।
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