Singhbhum Fraud: डीसी अनन्य मित्तल के नाम पर बना फेक फेसबुक अकाउंट, लोगों से मांगा जा रहा पैसा!

पूर्वी सिंहभूम के उपायुक्त अनन्य मित्तल के नाम से बनाई गई फर्जी फेसबुक प्रोफाइल से जिलेवासियों को फ्रेंड रिक्वेस्ट भेजी जा रही है और पैसे मांगे जा रहे हैं। प्रशासन ने लोगों से सतर्क रहने की अपील की है।

Apr 13, 2025 - 20:17
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Singhbhum Fraud: डीसी अनन्य मित्तल के नाम पर बना फेक फेसबुक अकाउंट, लोगों से मांगा जा रहा पैसा!
Singhbhum Fraud: डीसी अनन्य मित्तल के नाम पर बना फेक फेसबुक अकाउंट, लोगों से मांगा जा रहा पैसा!

क्या आप भी फेसबुक पर किसी IAS अधिकारी से जुड़े होने की खुशी में फ्रेंड रिक्वेस्ट एक्सेप्ट कर लेते हैं?
तो ज़रा रुकिए, क्योंकि अब सोशल मीडिया पर नामचीन अधिकारियों की पहचान का गलत इस्तेमाल करके ठगी का नया जाल बुना जा रहा है। ताज़ा मामला झारखंड के पूर्वी सिंहभूम जिले से सामने आया है, जहां जिला दण्डाधिकारी सह उपायुक्त अनन्य मित्तल के नाम से एक फेक फेसबुक आईडी बनाकर लोगों को गुमराह किया जा रहा है।

क्या है पूरा मामला?

हाल ही में एक फेसबुक प्रोफाइल सामने आई है जिसमें IAS अधिकारी अनन्य मित्तल की तस्वीर और नाम का उपयोग करते हुए लोगों को फ्रेंड रिक्वेस्ट भेजी जा रही है। आईडी का लिंक (https://www.facebook.com/share/1L7LLgepFK/) वायरल हो रहा है। इससे जुड़े यूज़र्स को संदिग्ध मैसेज भी भेजे जा रहे हैं, जिनमें आर्थिक सहायता या किसी अन्य रूप में पैसे की मांग की जा रही है।

प्रशासन ने क्या कदम उठाया?

जैसे ही यह मामला उपायुक्त के संज्ञान में आया, उन्होंने तुरंत साइबर थाना बिष्टुपुर में FIR दर्ज करवाई। इसके साथ ही उन्होंने साइबर सेल को इस पूरे मामले की जांच का निर्देश दिया है। उपायुक्त मित्तल ने जिलेवासियों से अपील की है कि इस तरह की फेक प्रोफाइल से पूरी तरह सावधान रहें और यदि ऐसी कोई फ्रेंड रिक्वेस्ट या मैसेज मिले तो तुरंत उस आईडी को ब्लॉक व रिपोर्ट करें

इतिहास से सबक – सोशल मीडिया पर बढ़ता फर्जीवाड़ा

फेसबुक, इंस्टाग्राम और ट्विटर जैसे प्लेटफॉर्म्स पर फर्जी प्रोफाइल बनाकर धोखाधड़ी करना कोई नया मामला नहीं है। बीते कुछ वर्षों में ऐसे कई मामले सामने आए हैं जहां मंत्री, अभिनेता या प्रशासनिक अधिकारियों के नाम पर फेक आईडी बनाकर जनता से पैसे ऐंठने की कोशिश की गई।

2019 में उत्तर प्रदेश के एक जिलाधिकारी के नाम से भी फेक आईडी बनाकर लाखों की ठगी की गई थी। अब इस ट्रेंड का नया शिकार हुए हैं झारखंड के डीसी अनन्य मित्तल।

इस फर्जीवाड़े में कैसे फंसते हैं लोग?

  1. विश्वास का फायदा उठाना: IAS जैसे पद का नाम देखकर लोग सहज ही भरोसा कर लेते हैं।

  2. तुरंत जवाब देने की मनोवृत्ति: जब कोई नामचीन व्यक्ति मैसेज करता है, तो लोग बिना सोचे समझे रिप्लाई कर देते हैं।

  3. पैसे की मांग पर सहानुभूति: “जरूरत है” जैसे शब्दों का प्रयोग कर भावनात्मक खेल खेला जाता है।

कैसे करें पहचान और बचाव?

  • प्रोफाइल चेक करें: ऑफिशियल प्रोफाइल में ब्लू टिक या ऑफिस से लिंक होते हैं।

  • भाषा और मैसेज पर ध्यान दें: असामान्य या टूटी-फूटी भाषा में मैसेज आना, एक चेतावनी संकेत है।

  • फ्रेंड रिक्वेस्ट सोच-समझकर एक्सेप्ट करें।

  • अगर शक हो तो रिपोर्ट और ब्लॉक करें।

प्रशासन की अपील – अलर्ट रहिए, ठगी से बचिए

डीसी अनन्य मित्तल ने लोगों से साफ कहा है कि “अगर किसी भी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर मेरे नाम से कोई संदिग्ध मैसेज या फ्रेंड रिक्वेस्ट आती है, तो उसे तुरंत रिपोर्ट करें। किसी भी प्रकार की आर्थिक मदद की मांग मेरी ओर से कभी नहीं की जाएगी।”

सोशल मीडिया की चमक में धोखा भी छिपा है

जहां सोशल मीडिया एक ओर दुनिया से जोड़ने का ज़रिया है, वहीं दूसरी ओर यह ठगों के लिए भी एक आसान प्लेटफॉर्म बन गया है। यह घटना केवल पूर्वी सिंहभूम तक सीमित नहीं है, बल्कि पूरे देश के लिए एक चेतावनी है।

सोच-समझकर क्लिक करें, हर लिंक के पीछे मंशा अच्छी नहीं होती।

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Nihal Ravidas निहाल रविदास, जिन्होंने बी.कॉम की पढ़ाई की है, तकनीकी विशेषज्ञता, समसामयिक मुद्दों और रचनात्मक लेखन में माहिर हैं।