Nawada Tragedy: अस्पताल के प्रबंधक और स्वास्थ्य कर्मी की सड़क हादसे में मौत, 1 महीने बाद अस्पताल में मचा हड़कंप!
नवादा जिले में सड़क हादसे में अस्पताल के प्रबंधक और स्वास्थ्य कर्मी की मौत, अस्पताल खुलने के एक महीने बाद हुआ ये हादसा। जानें क्या था पूरा मामला।
नवादा जिले में एक दिल दहला देने वाली घटना घटी, जिसमें एक निजी अस्पताल के प्रबंधक और उनके सहयोगी स्वास्थ्य कर्मी की सड़क हादसे में मौत हो गई। यह घटना उस समय हुई जब दोनों स्वास्थ्यकर्मी एक महीने पहले उद्घाटित हुए अस्पताल से लौट रहे थे। घटना ने नवादा जिले में गहरी चिंता और शोक की लहर पैदा कर दी है।
अस्पताल में हड़कंप
यह दर्दनाक हादसा नवादा जिले के वारिसलीगंज के पास हुआ, जहां दोनों स्वास्थ्य कर्मी पटना से अपने अस्पताल लौट रहे थे। जानकारी के अनुसार, 32 वर्षीय डॉ. अभिषेक कुमार और उनके सहयोगी मो. नियाज रविवार की देर शाम पटना से अपनी कार में यात्रा कर रहे थे। इस बीच, घना कोहरा और धुंध उनके लिए एक बड़ी चुनौती बन गया था, क्योंकि विजिबिलिटी सिर्फ 10 मीटर से भी कम थी। हादसा बख्तियारपुर के चम्पापुर के पास हुआ, जहां उनकी कार एक खड़ी अज्ञात वाहन से टकरा गई। इस भयंकर टक्कर में दोनों की मौके पर ही मौत हो गई। यह हादसा अस्पताल के कर्मचारियों के लिए एक बड़ा झटका था।
क्या था पूरा मामला?
डॉ. अभिषेक कुमार, जो अभी मेडिकल की पढ़ाई कर रहे थे, और उनके सहयोगी मो. नियाज, एक महीने पहले वारिसलीगंज में "हिम्स" नामक अस्पताल की शुरुआत करने के बाद अपने-अपने काम में व्यस्त थे। अस्पताल के रिसेप्शन काउंटर पर कार्यरत कर्मचारी कुंदन कुमार ने बताया कि डॉ. अभिषेक और मो. नियाज 31 दिसंबर को दिल्ली गए थे और फ्लाइट से पटना लौटे थे। सोमवार की सुबह, दोनों अस्पताल लौटने के लिए अपनी कार ड्राइव कर रहे थे, लेकिन घने कोहरे के कारण रास्ता मुश्किल हो गया था।
इस सड़क हादसे ने पूरे अस्पताल को सन्नाटे में डाल दिया। अस्पताल के सभी कर्मचारियों में शोक की लहर दौड़ गई। बताया गया कि डॉ. अभिषेक और मो. नियाज दोनों ही स्वभाव से नेकदिल इंसान थे और उनकी शादी भी नहीं हुई थी।
पिछली घटनाएं और अस्पताल की शुरुआत
हद यह है कि इस अस्पताल के भवन में पहले एक दिल दहला देने वाली घटना हो चुकी थी। दिसंबर 2023 में, जब अस्पताल का निर्माण कार्य चल रहा था, तो चंडीपुर गांव में तीन युवकों ने गौतम नामक युवक की हत्या कर दी थी। इसके बाद यह भवन कुछ समय के लिए खाली पड़ा था। अब, एक महीने पहले ही इस भवन में अस्पताल खुला था, और इस नए अस्पताल में ही यह हादसा हुआ।
अस्पताल में शोक और प्रशासन की कार्रवाई
जैसे ही अस्पताल कर्मचारियों को इस हादसे की जानकारी मिली, अस्पताल को बंद कर दिया गया। कर्मचारियों के बीच शोक का माहौल था। प्रशासन ने भी इस घटना की जांच शुरू कर दी है और सड़कों पर बढ़ते कोहरे के कारण दुर्घटनाओं से बचने के लिए सुरक्षा उपायों की योजना बनाई जा रही है।
क्या यह एक चेतावनी है?
यह हादसा सिर्फ नवादा जिले के लिए ही नहीं, बल्कि पूरे क्षेत्र के लिए एक चेतावनी है कि सर्दियों में सड़क सुरक्षा को लेकर हमें बहुत सतर्क रहना चाहिए। घना कोहरा सड़क पर दुर्घटनाओं के जोखिम को कई गुना बढ़ा देता है, और इस हादसे से यह स्पष्ट हो गया कि इसे लेकर और अधिक जागरूकता फैलानी चाहिए।
नवादा जिले में हुए इस हादसे ने एक बार फिर से यह साबित कर दिया कि सड़क सुरक्षा को लेकर पूरी सावधानी बरतना आवश्यक है। अस्पताल के प्रबंधक और उनके सहयोगी की मौत ने पूरे क्षेत्र में शोक का माहौल बना दिया है। इस दर्दनाक घटना ने हमें यह याद दिलाया है कि हमें सर्दियों में घने कोहरे से बचने के लिए और भी अधिक सतर्क रहना चाहिए, ताकि इस तरह के हादसों से बचा जा सके।
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