Nawada Electric Shock : करंट लगने से बुजुर्ग की मौत, बिजली विभाग पर लापरवाही के गंभीर आरोप
नवादा के नजरडीह गांव में करंट लगने से 56 वर्षीय बुजुर्ग की मौत। टूटे बिजली तार ने ली जान, ग्रामीणों ने बिजली विभाग पर लापरवाही का आरोप लगाया। जानें पूरी खबर।
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Nawada हादसा: नवादा जिले के रोह प्रखंड स्थित नजरडीह गांव में बिजली विभाग की लापरवाही के कारण एक दर्दनाक घटना सामने आई। शौच करने गए 56 वर्षीय बुजुर्ग अजय सिंह की करंट लगने से मौत हो गई। इस हादसे ने पूरे इलाके में गम और गुस्से का माहौल पैदा कर दिया है।
घटना का विवरण: बिजली के तार ने ली जान
घटना सुबह के वक्त की है, जब अजय सिंह शौच के लिए गांव के बधार की ओर जा रहे थे। रास्ते में ग्यारह हजार वोल्ट का बिजली तार टूटकर जमीन पर गिरा हुआ था। अंधेरे में उनका पैर उस तार पर पड़ गया, जिससे वे जोरदार करंट की चपेट में आ गए।
बेहोशी की हालत में परिजनों और ग्रामीणों ने उन्हें नवादा सदर अस्पताल पहुंचाया, लेकिन डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
ग्रामीणों का गुस्सा: बिजली विभाग पर गंभीर आरोप
घटना के बाद ग्रामीणों ने बिजली विभाग पर गंभीर लापरवाही का आरोप लगाया। उनका कहना है कि विभाग को इस टूटे हुए तार की जानकारी पहले से थी, लेकिन इसे ठीक करने में कोताही बरती गई। ग्रामीणों ने इसे "मानव निर्मित दुर्घटना" करार दिया और मृतक के परिवार के लिए मुआवजे की मांग की है।
नजरडीह गांव में बिजली व्यवस्था की दयनीय स्थिति
नजरडीह गांव में बिजली व्यवस्था पहले से ही खराब है। टूटे हुए तारों और लटकते बिजली पोलों की समस्या आम बात हो गई है। ग्रामीणों का कहना है कि विभाग को इन समस्याओं की जानकारी देने के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं की जाती।
ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य: बिजली सुरक्षा का महत्व
भारत में बिजली वितरण की समस्याएं नई नहीं हैं। 20वीं शताब्दी में बिजली के बढ़ते उपयोग के साथ ही सुरक्षा उपायों पर जोर दिया गया। हालांकि, ग्रामीण इलाकों में आज भी बुनियादी सुरक्षा नियमों का पालन नहीं किया जाता। कई बार खराब रखरखाव और लापरवाही के चलते ऐसी दुर्घटनाएं होती हैं।
बिजली विभाग की प्रतिक्रिया और प्रशासन की जांच
घटना के बाद बिजली विभाग ने जांच का आदेश दिया है। स्थानीय अधिकारियों ने आश्वासन दिया है कि इस मामले में जिम्मेदार कर्मचारियों पर कार्रवाई की जाएगी। वहीं, नगर थानाध्यक्ष अविनाश कुमार ने शव का पोस्टमार्टम कराकर परिजनों को सौंप दिया।
परिवार और गांव में शोक का माहौल
अजय सिंह के निधन के बाद उनका परिवार शोक में डूबा है। गांव के लोग भी इस घटना से आहत हैं। उनका कहना है कि यह हादसा टल सकता था, अगर बिजली विभाग सतर्क होता।
क्या कहता है कानून?
भारत में बिजली सुरक्षा को लेकर कड़े कानून हैं। 2003 के बिजली अधिनियम के तहत, अगर बिजली विभाग की लापरवाही से किसी व्यक्ति की मृत्यु होती है, तो पीड़ित परिवार को मुआवजे का हक है।
सावधानी के उपाय: ऐसी घटनाओं से बचाव कैसे करें?
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तारों की नियमित जांच:
बिजली विभाग को समय-समय पर तारों और ट्रांसफॉर्मरों की जांच करनी चाहिए। -
ग्रामीणों की जागरूकता:
ग्रामीण इलाकों में लोगों को बिजली सुरक्षा के नियमों की जानकारी दी जानी चाहिए। -
शीघ्र शिकायत निवारण:
टूटे हुए तारों या अन्य खतरनाक स्थितियों की शिकायत का तुरंत समाधान होना चाहिए।
कब बदलेगी व्यवस्था?
नवादा की इस घटना ने एक बार फिर बिजली विभाग की लापरवाही को उजागर किया है। सवाल यह है कि क्या यह हादसा विभाग को चेताने के लिए काफी होगा, या फिर ऐसे हादसे भविष्य में भी जारी रहेंगे?
यह घटना केवल अजय सिंह की मौत तक सीमित नहीं है, बल्कि यह पूरे सिस्टम की लापरवाही की ओर इशारा करती है। क्या सरकार और प्रशासन इसे गंभीरता से लेंगे?
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