Gaya Animal Attack: आदमखोर सियार का आतंक, गांव में मचाई दहशत, रेस्क्यू के दौरान भी हमला!
गया जिले में आदमखोर सियार का आतंक, जिससे सात लोग घायल हो चुके हैं। जानिए इस जानवर के आक्रामक हमलों और वन विभाग की रेस्क्यू टीम की मुश्किलें।
गया जिले में इन दिनों एक आदमखोर सियार ने आतंक मचा रखा है, जो लगातार लोगों को अपना शिकार बना रहा है। इस सियार ने अब तक सात लोगों को निशाना बनाया है, जिनमें से तीन महिलाएं भी शामिल हैं। एक महिला की हालत अब भी चिंताजनक बनी हुई है। लोग हैरान हैं कि कैसे यह आदमखोर सियार गांवों के बीच में हमला कर रहा है, और किसी को भी अपना शिकार बनाने से नहीं चूक रहा।
आदमखोर सियार का हमला – ग्रामीणों में दहशत
जानकारी के अनुसार, गया जिले के डुमरिया प्रखंड के गोटीबांध और तेलियाडीह इलाके में सियार का आतंक बढ़ता जा रहा है। अब तक सियार ने सात लोगों को हमला कर घायल किया है, जिनमें से तीन लोग गंभीर रूप से जख्मी हुए हैं। सोमवार को मॉर्निंग वॉक पर निकले लोगों को भी उसने अपना शिकार बनाया। इस दौरान चार लोग घायल हो गए, जिनमें से एक महिला की हालत बेहद गंभीर है।
ग्रामीणों का कहना है कि यह आदमखोर सियार अचानक हमला कर देता है। जब लोग उसे देख कर भीड़ से भागने की कोशिश करते हैं, तो यह और अधिक खतरनाक हो जाता है। भीड़ में घिरे होने के बावजूद यह सियार किसी को भी घायल करने से पीछे नहीं हटता। खास बात यह है कि वन विभाग की रेस्क्यू टीम भी इस आदमखोर सियार को पकड़ने के लिए सक्रिय है, लेकिन सियार का हमला लगातार जारी है।
वन विभाग की रेस्क्यू टीम की चुनौती
सियार के आतंक को देखते हुए वन विभाग की टीम ने इलाके में सियार को पकड़ने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू कर दिया है। रेस्क्यू टीम ने गोटीबांध और तेलियाडीह क्षेत्रों में सियार की तलाश शुरू की, लेकिन रेस्क्यू के दौरान भी सियार ने एक बार फिर हमला कर दिया। इस हमले में तीन लोग घायल हो गए। इमामगंज वन प्रक्षेत्र के पदाधिकारी कुलदीप चौहान ने बताया कि सियार अचानक हमला कर रहा है, और संभावना जताई जा रही है कि सियार डिस्टर्ब (बेहद घबराया हुआ) है, इसलिए वह इतना आक्रामक हो गया है।
क्या कारण है सियार का इस तरह का व्यवहार?
ऐसे मामलों में, जानवरों का व्यवहार आमतौर पर उनके मानसिक स्थिति और आसपास के वातावरण पर निर्भर करता है। आदमखोर सियार की ये हरकतें इस बात की ओर इशारा करती हैं कि शायद सियार मानसिक रूप से परेशान है या फिर उसे किसी प्रकार की शारीरिक परेशानी हो सकती है। इससे पहले भी इस इलाके में आदमखोर जानवरों के हमले की घटनाएं सामने आई हैं, लेकिन इस बार सियार का इतना आक्रामक होना एक नई चुनौती खड़ी कर रहा है।
इसके अलावा, ग्रामीणों का यह भी कहना है कि इलाके में बढ़ते हुए मानवीय दखल और जंगलों की कटाई ने जानवरों को अपनी प्राकृतिक आदतों से बाहर कर दिया है, जिससे वह अधिक हमलावर हो रहे हैं।
सियार के हमले से कैसे बचें?
विशेषज्ञों के अनुसार, जब भी किसी इलाके में आदमखोर जानवर सक्रिय हो, तो लोगों को सतर्क रहना चाहिए। भीड़-भाड़ वाले क्षेत्रों में जाने से बचना चाहिए और रात के समय विशेष सावधानी बरतनी चाहिए। अगर सियार या अन्य जानवरों का हमला हो, तो तुरंत स्थानीय अधिकारियों से संपर्क करना चाहिए और वन विभाग के हेल्पलाइन नंबर पर सूचित करना चाहिए।
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