Nawada Crime: मुफ्फसिल में वंचितों के घर जलाने पर हाई कोर्ट का बड़ा कदम, SP को दी निगरानी की सख्त हिदायत!

पटना हाई कोर्ट ने नवादा के मुफ्फसिल इलाके में वंचितों के घर जलाने की घटना पर स्वतः संज्ञान लिया। कोर्ट ने SP को सतर्कता और निगरानी बढ़ाने के निर्देश दिए। जानें पूरी रिपोर्ट।

Dec 13, 2024 - 12:18
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Nawada Crime: मुफ्फसिल में वंचितों के घर जलाने पर हाई कोर्ट का बड़ा कदम, SP को दी निगरानी की सख्त हिदायत!
Nawada Crime: मुफ्फसिल में वंचितों के घर जलाने पर हाई कोर्ट का बड़ा कदम, SP को दी निगरानी की सख्त हिदायत!

बिहार के नवादा जिले के मुफ्फसिल इलाके में वंचित समुदाय के घरों को जलाने की घटना ने सबको झकझोर कर रख दिया। इस मामले में पटना हाई कोर्ट ने स्वतः संज्ञान लेते हुए सख्त कदम उठाए हैं। कोर्ट ने जिले के पुलिस अधीक्षक (SP) को घटना स्थल पर नियमित निगरानी का निर्देश दिया है ताकि ऐसी घटनाएं भविष्य में न हो।

घटना के संबंध में मुख्य न्यायाधीश के. विनोद चंद्रन और न्यायाधीश पार्थ सारथी की खंडपीठ ने राज्य सरकार से स्थिति पर विस्तृत रिपोर्ट मांगी थी। राज्य सरकार ने कोर्ट को बताया कि उपद्रवियों ने 34 झोपड़ियों में आग लगा दी थी, जिससे कई गरीब परिवार बुरी तरह प्रभावित हुए।

क्या हुआ था मुफ्फसिल में?

मुफ्फसिल में उपद्रवियों ने वंचित समुदाय के घरों को निशाना बनाया और आग लगा दी। इस घटना में 34 झोपड़ियां जलकर राख हो गईं। घटना की गंभीरता को देखते हुए पटना हाई कोर्ट ने तुरंत इस पर संज्ञान लिया और सरकार को पीड़ित परिवारों के पुनर्वास के आदेश दिए।

सरकार द्वारा दायर हलफनामे में बताया गया कि अब तक एफआईआर में नामजद 28 में से 15 आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है। मुख्य आरोपी नंदू पासवान भी पुलिस की गिरफ्त में है, और मामले की जांच तेजी से चल रही है।

राज्य सरकार ने उठाए ये कदम:

राज्य सरकार ने प्रभावित परिवारों की मदद और पुनर्वास के लिए कई कदम उठाए हैं, जिनमें शामिल हैं:

  1. आवास और आजीविका:

    • 34 में से 22 परिवारों को पहले से पक्के मकान दिए गए हैं।
    • शेष 12 परिवारों का पंजीकरण आवास पोर्टल पर किया गया है।
    • MGNREGA के तहत सभी परिवारों को जॉब कार्ड जारी किए गए।
  2. स्वास्थ्य और शिक्षा:

    • विशेष चिकित्सा शिविर आयोजित कर प्रभावित लोगों की जांच की जा रही है।
    • सभी को आयुष्मान कार्ड जारी किए गए हैं।
    • बस्ती में प्राथमिक विद्यालय की स्थापना की स्वीकृति भी मिल चुकी है।
  3. आर्थिक और सामाजिक सहायता:

    • महिलाओं की आजीविका के लिए 2 स्वयं सहायता समूह (SHG) बनाए गए हैं।
    • राशन कार्ड जारी किए गए।
    • बच्चों के लिए प्रायोजन योजना के तहत 4,000 रुपये प्रति माह की आर्थिक सहायता।
  4. अन्य सुविधाएं:

    • बस्ती में विद्युत व्यवस्था और टीकाकरण अभियान चलाया जा रहा है।

कोर्ट का सख्त निर्देश और संतोष

पटना हाई कोर्ट ने राज्य सरकार की ओर से उठाए गए कदमों पर संतोष जाहिर करते हुए कहा कि निगरानी में किसी भी तरह की कमी नहीं होनी चाहिए। कोर्ट ने SP को इलाके में सतर्कता बढ़ाने के निर्देश दिए ताकि ऐसी घटनाएं भविष्य में दोबारा न हो।

इतिहास की नजर से:

नवादा जिले का मुफ्फसिल क्षेत्र हमेशा से संवेदनशील रहा है। यहां जातीय और सामुदायिक हिंसा की घटनाएं पहले भी सामने आती रही हैं। गरीब और वंचित तबके अक्सर इन विवादों के शिकार बनते हैं। लेकिन इस बार की घटना ने न केवल सामाजिक असमानता को उजागर किया, बल्कि प्रशासन की जिम्मेदारी पर भी सवाल उठाए।

मुफ्फसिल की यह घटना समाज में व्याप्त असमानता और हिंसा की गंभीरता को दिखाती है। हालांकि, सरकार और कोर्ट की पहल ने यह सुनिश्चित किया है कि पीड़ितों को न्याय और सहायता मिले। राज्य सरकार के प्रयासों और हाई कोर्ट की निगरानी से यह उम्मीद की जा रही है कि ऐसे कदम भविष्य में वंचित समुदायों को सशक्त बनाएंगे और हिंसा की घटनाओं को रोकेंगे।

आप क्या सोचते हैं, क्या प्रशासन और सरकार की ये पहल पर्याप्त है?

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