Nawada Protest: बाबा साहब पर बयान से भड़की कांग्रेस, अमित शाह का पुतला दहन
नवादा में बाबा साहब डॉ. भीमराव अंबेडकर पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की विवादास्पद टिप्पणी के विरोध में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने पुतला दहन किया। जानें पूरी घटना।
नवादा में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की विवादास्पद टिप्पणी पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए विरोध प्रदर्शन किया। बाबा साहब डॉ. भीमराव अंबेडकर पर की गई टिप्पणी ने पूरे जिले में राजनीतिक हलचल पैदा कर दी है। विरोध के दौरान कार्यकर्ताओं ने गृह मंत्री का पुतला दहन कर इस बयान की कड़ी निंदा की।
क्या है विवादित बयान?
गृह मंत्री अमित शाह ने एक कार्यक्रम के दौरान अंबेडकर का नाम लेने को "फैशन" करार दिया और कहा कि भगवान का नाम लेना स्वर्ग प्राप्ति का मार्ग है। इस बयान ने न केवल अंबेडकर के विचारों और उनके योगदान का अपमान किया, बल्कि दलित, आदिवासी और पिछड़े समुदायों के हितों की उपेक्षा के रूप में देखा गया।
कार्यकर्ताओं ने आरोप लगाया कि अमित शाह ने बाबा साहब के योगदान को तुच्छ बताने और उनके अनुयायियों का अपमान करने की कोशिश की है। यह बयान जातिवाद और असमानता को बढ़ावा देने का प्रतीक है।
विरोध प्रदर्शन की झलक
नवादा जिला कांग्रेस कमिटी के तत्वावधान में यह विरोध प्रदर्शन आयोजित किया गया। जिलाध्यक्ष सतीश कुमार उर्फ मनटन सिंह के नेतृत्व में नगर थाना के पास अमित शाह का पुतला जलाया गया। इस मौके पर कार्यकर्ताओं ने नारेबाजी करते हुए शाह के बयान की निंदा की और कहा कि यह बाबा साहब और उनके विचारों का अपमान है।
इतिहास में अंबेडकर का स्थान
डॉ. भीमराव अंबेडकर, भारत के संविधान निर्माता, दलितों और शोषितों के मसीहा माने जाते हैं। उन्होंने समानता, स्वतंत्रता और बंधुत्व के लिए अपना जीवन समर्पित किया। उनके विचार और संघर्ष आज भी भारत के लोकतांत्रिक मूल्यों के स्तंभ हैं।
उनके प्रति इस प्रकार की टिप्पणियां न केवल उनकी छवि को ठेस पहुंचाती हैं, बल्कि उनके आदर्शों को भी कमजोर करने का प्रयास करती हैं।
कांग्रेस का गुस्सा और अमित शाह की आलोचना
कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने बयान को बीजेपी की जातिवादी मानसिकता का प्रतीक बताया। कार्यकर्ताओं का कहना था कि यह बयान बाबा साहब के अनुयायियों के प्रति अपमानजनक है।
जिलाध्यक्ष सतीश कुमार ने कहा,
"अमित शाह का बयान अंबेडकरवादी विचारधारा पर हमला है। कांग्रेस इसे बर्दाश्त नहीं करेगी। यह वक्त अंबेडकर के विचारों को कमजोर करने का नहीं, बल्कि उन्हें सशक्त बनाने का है।"
कार्यक्रम में मौजूद नेता और कार्यकर्ता
प्रदर्शन में पूर्व कार्यकारी अध्यक्ष उपेंद्र सिंह, बंगाली पासवान, रजौली प्रखंड अध्यक्ष राम रतन गिरी, वरिष्ठ नेता कृष्ण कुमार प्रभाकर, बिनोद कुमार पप्पू, मिथिलेश कुमार समेत सैकड़ों कार्यकर्ता उपस्थित थे।
विरोध प्रदर्शन का संदेश
इस विरोध प्रदर्शन ने बाबा साहब के योगदान को याद करते हुए समानता और न्याय के लिए कांग्रेस की प्रतिबद्धता को दोहराया। कार्यकर्ताओं ने मांग की कि अमित शाह अपने बयान पर माफी मांगें और बाबा साहब के प्रति सम्मान व्यक्त करें।
नवादा का यह विरोध प्रदर्शन एक बार फिर दिखाता है कि भारत में बाबा साहब डॉ. भीमराव अंबेडकर का योगदान अमूल्य है। उनके विचारों और आदर्शों को चोट पहुंचाने वाले बयान किसी भी राजनीतिक दल के लिए आत्मघाती साबित हो सकते हैं।
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