Nawada Accident: हिसुआ में सड़क किनारे पलटी अनियंत्रित टेम्पो, शिक्षक-शिक्षिकाएं घायल
नवादा के हिसुआ में अनियंत्रित टेम्पो पलटने से शिक्षक-शिक्षिकाएं गंभीर रूप से घायल। जानें हादसे की पूरी कहानी और शिक्षा विभाग के खिलाफ क्यों फूटा गुस्सा।
नवादा जिले के हिसुआ थाना क्षेत्र में काशी बिगहा के पास एक भयानक सड़क हादसा हुआ, जब स्कूल जा रही एक अनियंत्रित टेम्पो सड़क किनारे पलट गई। इस हादसे में टेम्पो पर सवार दो शिक्षक और पांच शिक्षिकाएं गंभीर रूप से घायल हो गए। स्थानीय लोगों और अन्य शिक्षकों की मदद से घायलों को तुरंत हिसुआ पीएचसी (प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र) में भर्ती कराया गया।
हादसे का दर्दनाक विवरण
यह घटना तब हुई जब सभी शिक्षक-शिक्षिकाएं हिसुआ से सर्वोदय हाई स्कूल हदसा की ओर जा रहे थे। टेम्पो काशी बिगहा के पास अचानक अनियंत्रित होकर सड़क किनारे पलट गई। घायलों में से दो की स्थिति बेहद गंभीर बताई जा रही है। इस हादसे के बाद स्थानीय लोग और मौके पर मौजूद अन्य शिक्षकों ने तुरंत राहत कार्य शुरू किया।
शिक्षकों ने विभाग पर निकाला गुस्सा
इस हादसे के बाद घायलों ने शिक्षा विभाग पर नाराजगी व्यक्त की। शिक्षकों ने मौके पर ही एक वीडियो बनाया और उसे विभाग को भेजा। वीडियो में शिक्षकों ने स्पष्ट रूप से कहा कि शिक्षा विभाग की ऑनलाइन प्रक्रियाओं ने उनकी स्थिति को दयनीय बना दिया है।
शिक्षकों का बयान:
"हमें शिक्षा विभाग ने ऑनलाइन प्रक्रिया के चक्कर में पागल बना दिया है। कोई मोहलत नहीं दी जाती। DEO और DPO को हमने यह वीडियो भेजा है ताकि वे हमारी स्थिति को समझें।"
घायल शिक्षकों ने यह भी कहा कि विभाग की उदासीनता और काम के अत्यधिक दबाव के कारण इस तरह की घटनाएं हो रही हैं।
स्थानीय लोगों और शिक्षकों का सहयोग
घटना के तुरंत बाद स्थानीय लोग और अन्य शिक्षक मौके पर पहुंचे। घायलों को तुरंत प्राथमिक उपचार के लिए हिसुआ पीएचसी ले जाया गया। स्थानीय लोगों ने हादसे के लिए शिक्षा विभाग की कार्यप्रणाली को भी जिम्मेदार ठहराया।
शिक्षा विभाग के प्रति बढ़ती नाराजगी
शिक्षा विभाग के खिलाफ यह नाराजगी कोई नई बात नहीं है। पिछले कुछ सालों में शिक्षकों पर बढ़ते प्रशासनिक दबाव और उनकी कठिन कार्य परिस्थितियों को लेकर कई बार सवाल उठाए गए हैं। इस हादसे ने विभाग की कार्यप्रणाली को फिर से कटघरे में खड़ा कर दिया है।
क्या कहती है प्रशासन की प्रतिक्रिया?
हालांकि, इस मामले में प्रशासन की ओर से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है, लेकिन यह सवाल उठना स्वाभाविक है कि विभाग कब तक इस प्रकार की घटनाओं को नजरअंदाज करेगा। घायलों का इलाज जारी है, और शिक्षकों ने न्याय की मांग की है।
हादसे का संदेश: सुरक्षा को प्राथमिकता बनाएं
इस दुर्घटना ने यह स्पष्ट कर दिया है कि शिक्षकों की सुरक्षा और उनके काम के हालात में सुधार लाना आवश्यक है। शिक्षा विभाग को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि शिक्षक-शिक्षिकाएं अपने काम को बिना किसी डर और दबाव के पूरा कर सकें।
नवादा की यह घटना शिक्षा विभाग और प्रशासन के लिए एक चेतावनी है। यह समय है कि शिक्षकों की शिकायतों को गंभीरता से सुना जाए और उनके लिए सुरक्षित और अनुकूल वातावरण सुनिश्चित किया जाए।
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