Nawada: कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने मनाई डॉ. राजेंद्र प्रसाद की जयंती
नवादा में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने भारत के पहले राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद की जयंती बड़े श्रद्धा भाव से मनाई। जानें उनकी जीवनी और कार्यक्रम की प्रमुख बातें।
03 दिसम्बर, 2024: नवादा जिले के कांग्रेस कार्यालय में भारत के पहले राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद की जयंती बड़े धूमधाम से मनाई गई। जिला अध्यक्ष सतीश कुमार उर्फ मनटन सिंह की अध्यक्षता में आयोजित इस कार्यक्रम में उनके चित्र पर फूलमाला चढ़ाकर श्रद्धा सुमन अर्पित किए गए। इस अवसर पर उन्होंने कार्यकर्ताओं से डॉ. राजेंद्र प्रसाद के जीवन और उनके योगदान के बारे में चर्चा की।
डॉ. राजेंद्र प्रसाद की जीवनी
महादेव सहाय के बेटे डॉ. राजेंद्र प्रसाद का जन्म 3 दिसंबर, 1884 को बिहार के सीवान जिले के जिरादेई गांव में हुआ था। वे अपने बड़े संयुक्त परिवार के सबसे छोटे सदस्य थे और उन्हें परिवार का अत्यधिक प्यार और देखभाल प्राप्त थी। उनका अपनी मां और बड़े भाई महेंद्र के साथ गहरा लगाव था। उनकी युवावस्था की यादें उनके गाँव में हिंदू-मुस्लिम मित्रों के साथ कबड्डी खेलने की भी हैं, जो उनके भाईचारे और परस्पर सम्मान को दर्शाती हैं।
सिर्फ 12 वर्ष की उम्र में उनका विवाह राजवंशी देवी से हो गया, जो उस समय के पुराने रीति-रिवाजों को दिखाता है। अपने गहरे ज्ञान और अद्वितीय नेतृत्व क्षमता के चलते वे भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के प्रमुख नेताओं में शामिल हो गए। डॉ. राजेंद्र प्रसाद भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अध्यक्ष रहे और स्वतंत्रता आंदोलन में उनकी भूमिका अमूल्य रही।
कार्यक्रम में शामिल लोग
कार्यक्रम में कांग्रेस के कई प्रमुख नेता और कार्यकर्ता शामिल हुए। इसमें एजाज अली मुन्ना, फकरूद्दीन अली अहमद, गायत्री देवी, रामाशीष कुमार, जागेश्वर पासवान, रजनीकांत दीक्षित, प्रोफेसर अंजनी कुमार पप्पू, रोशन कुमार, सत्येंद्र कुमार, शमसुद्दीन, इंटेक्स सेल के जिला अध्यक्ष मनीष कुमार, अरुण कुमार आदि शामिल थे।
रजौली और अकबरपुर में भी मनाया गया समारोह
नवादा जिले के रजौली और अकबरपुर में भी डॉ. राजेंद्र प्रसाद की जयंती बड़े सम्मान के साथ मनाई गई। रजौली में अध्यक्ष रामरतन गिरी और अकबरपुर में अध्यक्ष जयराम सिंह ने इस अवसर पर श्रद्धा से कार्यक्रम का संचालन किया और कार्यकर्ताओं को उनके महान कार्यों की याद दिलाई।
डॉ. राजेंद्र प्रसाद का योगदान
डॉ. राजेंद्र प्रसाद का योगदान भारतीय राजनीति और समाज के लिए अविस्मरणीय है। वे न केवल भारतीय गणराज्य के पहले राष्ट्रपति बने, बल्कि उन्होंने स्वतंत्रता संग्राम के दौरान महात्मा गांधी के नेतृत्व में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उनकी नेतृत्व क्षमता और संघर्ष की भावना आज भी लोगों के लिए प्रेरणा का स्रोत बनी हुई है।
इस जयंती समारोह ने कार्यकर्ताओं और आम जनता में डॉ. राजेंद्र प्रसाद के योगदान की महत्वता को रेखांकित किया और उन्हें उनके आदर्शों को अपनाने के लिए प्रेरित किया। यह दिन याद दिलाता है कि एकता, सहनशीलता और राष्ट्र प्रेम के मूल्यों को अपनाकर ही हम अपने देश को प्रगति की ऊंचाईयों पर ले जा सकते हैं।
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