Nawada: खदान धंसने से हुआ हादसा, एक मजदूर का शव बरामद, मौतों का सिलसिला जारी
नवादा में खदान धंसने से एक मजदूर की मौत, एक ही परिवार के तीन लोग मरे। अवैध माइंस में खनन की घटनाओं से जनजीवन प्रभावित, पुलिस और वन विभाग की लापरवाही।
03 दिसम्बर, 2024: नवादा जिले के रजौली थाना क्षेत्र के एक अवैध माइंस में रविवार को खदान धंसने की घटना ने इलाके में हड़कंप मचा दिया। इस हादसे में एक मजदूर की मौत हो गई, जबकि अन्य कई लोग गंभीर रूप से घायल हुए हैं। पुलिस ने गुप्त सूचना के आधार पर एक मजदूर के शव को जंगल से बरामद किया और शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।
हादसे की जानकारी
रजौली थाना क्षेत्र में अवैध माइंस में खनन कार्य के दौरान अचानक चाल धंसने से कई मजदूर दब गए। मृतक मजदूर की पहचान धमनी पंचायत के गिरगी गांव निवासी बासुदेव भुइयां उर्फ सारो मांझी के रूप में हुई है। बासुदेव की पत्नी कमला देवी और एक बेटी के घायल होने की खबर है, जबकि दो अन्य मजदूर गंभीर रूप से घायल हुए हैं। इन घायलों का इलाज निजी अस्पताल में चल रहा है, लेकिन पुलिस इसकी पुष्टि नहीं कर रही है।
पुलिस और वन विभाग की भूमिका
घटना के बाद पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए शव को बरामद किया। थानाध्यक्ष इंस्पेक्टर राजेश कुमार ने बताया कि रविवार को सूचना मिलने के बाद पुलिस टीम ने छानबीन की थी, लेकिन शाम तक शव नहीं मिल सका था। सोमवार की सुबह अपर थानाध्यक्ष अजय कुमार और एसआई दशरथ चौधरी ने शव को बरामद किया। उन्होंने बताया कि शव की बरामदगी के बाद पोस्टमार्टम के लिए सदर अस्पताल भेज दिया गया है।
अवैध खनन की समस्या
नवादा के सवैयाटांड़ पंचायत के चटकरी गांव स्थित शारदा माइंस समेत कई अन्य माइंस में सरकारी तौर पर माइका खनन बंद है। बावजूद इसके, बिहार और झारखंड के खनन माफिया इन खदानों में अवैध खनन कर रहे हैं। इन माफियाओं का वर्चस्व इतना मजबूत है कि वे कई बार गोलीबारी और हत्या जैसे अपराधों को अंजाम दे चुके हैं। वन विभाग और पुलिस प्रशासन इन अवैध खनन गतिविधियों को रोकने में पूरी तरह से नाकाम साबित हो रहे हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि अगर वन विभाग और प्रशासन पूरी तरह से एक्शन लें, तो इस अवैध व्यापार पर काबू पाया जा सकता है।
स्थानीय लोगों का दुख
घटना ने स्थानीय लोगों को एक बार फिर सोचने पर मजबूर कर दिया है कि आखिरकार उनकी सुरक्षा और रोजगार के लिए जिम्मेदार विभाग क्या कर रहे हैं। लोगों का कहना है कि वन विभाग के कर्मचारी कभी-कभार खानापूर्ति कर मामले को दबा देते हैं, जिससे माफिया का मनोबल बढ़ता है। इस घटना ने यह स्पष्ट कर दिया है कि अवैध खनन के चलते कई मासूमों की जान जा सकती है और अब यह जिम्मेदारी प्रशासन और वन विभाग की है कि वे इस समस्या का समाधान करें।
भविष्य की उम्मीदें
हालांकि, पुलिस ने शव को बरामद कर मामले में कार्रवाई शुरू कर दी है, लेकिन वन विभाग द्वारा अभी तक प्राथमिकी दर्ज नहीं कराई गई है। स्थानीय नागरिकों का कहना है कि अवैध खनन पर काबू पाने के लिए प्रशासन को सख्त कदम उठाने की आवश्यकता है।
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