लालू प्रसाद और उनके परिवार को दिल्ली अदालत ने तलब किया: मनी लांड्रिंग मामले में बड़ा आदेश
दिल्ली की अदालत ने पूर्व रेल मंत्री लालू प्रसाद, उनके बेटे तेजस्वी प्रसाद और अन्य को मनी लांड्रिंग मामले में 7 अक्टूबर को पेश होने का आदेश दिया। जानें पूरी जानकारी।
18 सितंबर 2024 को, दिल्ली की एक अदालत ने नौकरी के बदले जमीन से जुड़े मनी लांड्रिंग मामले में पूर्व रेल मंत्री लालू प्रसाद, उनके बेटे और बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद, और अन्य आरोपियों को तलब किया है। विशेष न्यायाधीश विशाल गोगने ने आरोपियों को 7 अक्टूबर को अदालत के समक्ष पेश होने का निर्देश दिया है।
इस आदेश के तहत, न्यायाधीश ने आरोपियों के खिलाफ दाखिल पूरक आरोप पत्र पर संज्ञान लिया है। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने 6 अगस्त को अदालत के समक्ष अपनी अंतिम रिपोर्ट पेश की थी। ईडी ने केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा दायर प्राथमिकी के आधार पर यह मामला दर्ज किया है।
ईडी का कहना है कि यह मामला मध्य प्रदेश के जबलपुर स्थित रेलवे के पश्चिम मध्य क्षेत्र में ग्रुप-डी की नियुक्तियों से संबंधित है। ये नियुक्तियां लालू प्रसाद के 2004 से 2009 तक रेल मंत्री रहने के दौरान की गई थीं।
पूर्व रेल मंत्री लालू प्रसाद और उनके परिवार के खिलाफ यह मामला मनी लांड्रिंग के आरोपों से जुड़ा है, जिसमें नौकरी के बदले जमीन देने का आरोप लगाया गया है। अदालत का यह आदेश इस मामले में आगे की कानूनी प्रक्रिया को स्पष्ट करेगा।
लालू प्रसाद और तेजस्वी प्रसाद के लिए यह मामला एक महत्वपूर्ण कानूनी चुनौती पेश करता है। अदालत के इस आदेश के बाद अब देखना होगा कि वे किस प्रकार से अपनी स्थिति को स्पष्ट करेंगे और इस मामले में आगे की कानूनी लड़ाई में क्या कदम उठाते हैं।
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