Nawada: आहर में डूबने से वृद्ध महिला की मौत, परिजनों ने शव का पोस्टमार्टम कराने से किया इंकार

नवादा जिले के बाघीबरडीहा गांव में वृद्ध महिला की आहर में डूबने से मौत हो गई। पोस्टमार्टम न कराने के बावजूद ग्रामीणों ने मामले को लेकर पुलिस को जानकारी दी। जानिए पूरी खबर।

Jan 22, 2025 - 16:34
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Nawada: आहर में डूबने से वृद्ध महिला की मौत, परिजनों ने शव का पोस्टमार्टम कराने से किया इंकार

नवादा जिले के वारिसलीगंज थाना क्षेत्र के बाघीबरडीहा गांव में एक वृद्ध महिला की आहर में डूबने से मौत हो गई। यह घटना उस समय घटी जब महिला सुबह शौच के लिए बाहर निकली थी, और इस दौरान उसका शव आहर के पानी में तैरते हुए पाया गया। यह खबर गांव में आग की तरह फैल गई और देखते ही देखते सैकड़ों ग्रामीण घटनास्थल पर इकट्ठा हो गए।

कैसे हुई घटना?

सुबह के समय जब कुछ ग्रामीण शौच के लिए गए थे, तो उनकी नजर आहर में तैरते हुए शव पर पड़ी। शव की पहचान बाघीबरडीहा गांव के निवासी स्व. नरेश की 65 वर्षीय पत्नी मरनी देवी के रूप में हुई। गांव की सरपंच फुलमंती देवी ने इस घटना की सूचना थानाध्यक्ष को दी। इसके बाद थानाध्यक्ष इंस्पेक्टर रूपेश कुमार सिन्हा अपनी टीम के साथ घटनास्थल पर पहुंचे और एफएसएल टीम को भी बुलाया। पुलिस और एफएसएल की टीम ने शव की जांच-पड़ताल की, लेकिन शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजने से पहले ही मृतका के परिजनों और गांववासियों ने इसका विरोध किया।

पोस्टमार्टम से इंकार

ग्रामीणों ने पुलिस से अनुरोध किया कि शव का पोस्टमार्टम न कराया जाए, और उनकी इच्छा के अनुसार शव को बिना पोस्टमार्टम के परिजनों को सौंप दिया गया। पुलिस ने ग्रामीणों के अनुरोध को स्वीकार करते हुए आवेदन लिया और शव को पोस्टमार्टम के बिना परिजनों को सौंप दिया।

क्या था महिला का जीवन?

ग्रामीणों के अनुसार, मृतका मरनी देवी का जीवन बहुत साधारण था। वह अक्सर इधर-उधर घूम-घूम कर मांग-चांग करती थी और रात्रि में गांव के गायत्री मंदिर में सो जाती थी। सरपंच फुलमंती देवी ने बताया कि शायद महिला शौच के बाद आहर में हाथ और पैर धोने गई थी और इस दौरान वह फिसल गई, जिससे उसकी मौत हो गई।

क्या कहती है पुलिस?

पुलिस ने घटना स्थल से शव को कब्जे में लिया और मामले की जांच शुरू की, लेकिन पोस्टमार्टम न कराने के बावजूद पुलिस को कोई हिंसक कारण या संदिग्ध परिस्थिति नजर नहीं आई। अब पुलिस इस मामले की जांच कर रही है, लेकिन फिलहाल इसे किसी अपराध के रूप में नहीं देखा जा रहा है।

इस घटना ने गांव में शोक की लहर दौड़ा दी है, लेकिन साथ ही यह भी दर्शाता है कि किस प्रकार लोग अपने समाज की परंपराओं और विश्वासों के तहत निर्णय लेते हैं। जहां एक ओर पुलिस मामले की जांच में जुटी हुई है, वहीं मृतका के परिजनों ने इसे एक दुर्घटना मानते हुए पोस्टमार्टम न कराने का निर्णय लिया। यह घटना इस बात की याद दिलाती है कि समाज और परंपराएं किसी भी घटना के बाद के निर्णयों को प्रभावित करती हैं।

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Manish Tamsoy मनीष तामसोय कॉमर्स में मास्टर डिग्री कर रहे हैं और खेलों के प्रति गहरी रुचि रखते हैं। क्रिकेट, फुटबॉल और शतरंज जैसे खेलों में उनकी गहरी समझ और विश्लेषणात्मक क्षमता उन्हें एक कुशल खेल विश्लेषक बनाती है। इसके अलावा, मनीष वीडियो एडिटिंग में भी एक्सपर्ट हैं। उनका क्रिएटिव अप्रोच और टेक्निकल नॉलेज उन्हें खेल विश्लेषण से जुड़े वीडियो कंटेंट को आकर्षक और प्रभावी बनाने में मदद करता है। खेलों की दुनिया में हो रहे नए बदलावों और रोमांचक मुकाबलों पर उनकी गहरी पकड़ उन्हें एक बेहतरीन कंटेंट क्रिएटर और पत्रकार के रूप में स्थापित करती है।