Andhra Pradesh Explosion: पटाखा फैक्ट्री में नहीं हुआ सिर्फ धमाका, जल गईं जिंदगियां और खुल गई लापरवाही की परतें!

आंध्र प्रदेश के अनकापल्ली जिले में एक पटाखा फैक्ट्री में भयानक विस्फोट में 8 लोगों की मौत और कई घायल। क्या यह महज हादसा था या सुरक्षा उपायों की अनदेखी? पढ़िए पूरी खबर।

Apr 13, 2025 - 18:30
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Andhra Pradesh Explosion: पटाखा फैक्ट्री में नहीं हुआ सिर्फ धमाका, जल गईं जिंदगियां और खुल गई लापरवाही की परतें!
Andhra Pradesh Explosion: पटाखा फैक्ट्री में नहीं हुआ सिर्फ धमाका, जल गईं जिंदगियां और खुल गई लापरवाही की परतें!

आंध्र प्रदेश के अनकापल्ली जिले में शुक्रवार को जो हुआ, उसने न केवल एक इलाका झुलसा दिया, बल्कि कई परिवारों की जिंदगी भी राख कर दी। कोटावुराटला में स्थित एक पटाखा निर्माण यूनिट में भीषण आग लग गई, जिसके चलते आठ लोगों की दर्दनाक मौत हो गई, जिनमें दो महिलाएं भी शामिल थीं। इस हादसे ने न केवल स्थानीय प्रशासन को हिलाकर रख दिया बल्कि राज्य सरकार को भी त्वरित कार्रवाई करने पर मजबूर कर दिया।

लेकिन सवाल यह है कि यह विस्फोट अचानक हुआ हादसा था या पहले से चल रही लापरवाही की परिणति?

कैसे हुआ ये हादसा?

प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, यूनिट में अचानक तेज धमाका हुआ और फिर देखते ही देखते पूरी फैक्ट्री आग की लपटों में घिर गई। चारों ओर अफरा-तफरी मच गई, चीख-पुकार गूंजने लगी। घटनास्थल पर मौजूद कुछ लोग बाहर निकल पाए, लेकिन कई मजदूर अंदर ही फंस गए। पुलिस और दमकल विभाग की टीम ने मौके पर पहुंचकर आग पर काबू पाया, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी।

घायल अब भी जिंदगी की जंग लड़ रहे

राज्य की गृह मंत्री वी. अनिता ने मीडिया को बताया कि घायलों को पास के सरकारी अस्पतालों में भर्ती कराया गया है, जिनमें दो की हालत गंभीर बनी हुई है। उन्होंने कहा कि सरकार की प्राथमिकता अब घायलों का समुचित इलाज और पीड़ित परिवारों की हर संभव मदद है।

चंद्रबाबू नायडू ने जताया दुख, दिए सख्त निर्देश

मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू ने घटना पर शोक जताते हुए तुरंत जिला कलेक्टर, पुलिस अधीक्षक और गृह मंत्री अनिता से बात की। उन्होंने निर्देश दिया कि घायलों को सर्वोत्तम चिकित्सा सुविधा दी जाए और हादसे की उच्च स्तरीय जांच कराई जाए। मुख्यमंत्री ने यह भी भरोसा दिलाया कि सरकार पीड़ित परिवारों के साथ खड़ी है और हर संभव सहायता दी जाएगी।

इतिहास भी है गवाह

आंध्र प्रदेश में इस तरह के हादसे पहले भी हो चुके हैं। पिछले कुछ वर्षों में पटाखा फैक्ट्रियों में आग लगने की कई घटनाएं हुई हैं—विशेषकर दिवाली या अन्य त्योहारों के आसपास। लेकिन दुख की बात यह है कि हर बार जांच रिपोर्टें आती हैं, जिम्मेदार अधिकारियों पर सवाल उठते हैं, और फिर सब कुछ फाइलों में दफन हो जाता है।

कोटावुराटला का यह हादसा उन तमाम हादसों की याद दिलाता है जब सुरक्षा मानकों को ताक पर रखकर व्यवसाय को प्राथमिकता दी जाती है, और कीमत चुकाते हैं गरीब मजदूर।

क्या यह केवल ‘दुर्घटना’ थी?

स्थानीय लोगों का आरोप है कि इस फैक्ट्री में लंबे समय से सुरक्षा के मानकों की अनदेखी की जा रही थी। पर्याप्त अग्निशमन यंत्र नहीं थे, कोई इमरजेंसी प्लान नहीं था और मजदूरों को किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए प्रशिक्षित नहीं किया गया था। ऐसे में यह कहना गलत नहीं होगा कि यह केवल हादसा नहीं, बल्कि लापरवाही का विस्फोट था।

अब क्या?

अब सवाल उठता है कि क्या सरकार इस बार सख्त कदम उठाएगी या फिर एक और जांच रिपोर्ट के हवाले से यह हादसा भी भुला दिया जाएगा? क्या श्रमिकों की सुरक्षा के लिए कोई ठोस नीति बनेगी? और सबसे अहम – क्या दोषियों को वास्तव में सजा मिलेगी?

यह हादसा केवल एक फैक्ट्री की दीवारों के भीतर हुई त्रासदी नहीं, बल्कि पूरे सिस्टम की विफलता का आईना है। अगर अब भी आंखें नहीं खोली गईं तो अगला धमाका किस जगह होगा, यह कहना मुश्किल नहीं। जरूरत है कड़े कानून की नहीं, बल्कि सख्त अमल की।

अब देखना यह है कि क्या इस बार आंध्र प्रदेश सरकार केवल घोषणाओं तक सीमित रहेगी या वास्तव में उन परिवारों को न्याय दिलाएगी जो आज अपनों को खोकर सन्न हैं।

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Nihal Ravidas निहाल रविदास, जिन्होंने बी.कॉम की पढ़ाई की है, तकनीकी विशेषज्ञता, समसामयिक मुद्दों और रचनात्मक लेखन में माहिर हैं।