Bengal Violence: Digital Display पर विवाद, देसी बम से झड़प, इंटरनेट बंद

मुर्शिदाबाद के बेलडांगा में डिजिटल डिस्प्ले बोर्ड पर आपत्तिजनक संदेश के बाद दो गुटों में हिंसक झड़प। इंटरनेट बंद और पुलिस कार्रवाई के बाद भी तनाव बरकरार।

Nov 18, 2024 - 09:48
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Bengal Violence: Digital Display पर विवाद, देसी बम से झड़प, इंटरनेट बंद
Bengal Violence: Digital Display पर विवाद, देसी बम से झड़प, इंटरनेट बंद

पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले के बेलडांगा में एक डिजिटल डिस्प्ले बोर्ड पर आपत्तिजनक संदेश को लेकर दो गुटों के बीच हिंसक झड़प हो गई। घटना इतनी गंभीर हो गई कि इलाके में कर्फ्यू जैसा माहौल बना दिया गया और इंटरनेट सेवाएं निलंबित करनी पड़ी। पुलिस ने कार्रवाई करते हुए 15 लोगों को गिरफ्तार किया है, लेकिन इलाके में अब भी तनाव बना हुआ है।

कैसे शुरू हुई हिंसा?

घटना शनिवार देर रात की है, जब कार्तिक पूजा पंडाल के पास बने अस्थायी गेट पर लगे डिजिटल डिस्प्ले बोर्ड पर एक संदेश ने विवाद खड़ा कर दिया। कुछ युवाओं ने आरोप लगाया कि बोर्ड पर दिखाया गया संदेश उनकी भावनाओं को आहत करता है। देखते ही देखते वहां भीड़ जमा हो गई।

तभी एक अन्य गुट वहां पहुंचा, और दोनों गुटों के बीच बहस ने हिंसक रूप ले लिया। पुलिस अधिकारी के अनुसार, विवाद पत्थरबाजी और तोड़फोड़ तक पहुंच गया।

झड़प में हुआ व्यापक नुकसान

हिंसा के दौरान इलाके में देसी बमों का इस्तेमाल किया गया, जिससे कई दुकानें और घर क्षतिग्रस्त हो गए। पुलिस वाहन पर भी हमला हुआ, जिसके चलते पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा। हालांकि, सुबह स्थिति पर काबू पा लिया गया, लेकिन पूरे इलाके में तनाव का माहौल बना हुआ है।

इंटरनेट बंद और कर्फ्यू जैसा माहौल

पुलिस ने स्थिति को संभालने के लिए भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (BNSC) की धारा 163 लागू कर दी है। प्रभावित इलाकों बेलडांगा, काजीसाहा और बेगुरबन में निषेधाज्ञा लागू कर दी गई है। इंटरनेट सेवाओं को बंद कर दिया गया है ताकि अफवाहों को फैलने से रोका जा सके।

भागीरथी एक्सप्रेस भी फंसी

हिंसा के कारण रेलवे सेवाएं भी प्रभावित हुईं। स्टेशन के पास झड़प के चलते सियालदह से मुर्शिदाबाद जाने वाली भागीरथी एक्सप्रेस कई घंटों तक फंसी रही। यात्रियों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा।

राजनीतिक प्रतिक्रियाएं

इस घटना को लेकर राज्य की राजनीति भी गर्म हो गई है। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री सुकांत मजूमदार ने राज्य प्रशासन की कड़ी आलोचना की। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘X’ पर लिखा, “राज्य प्रशासन अराजकता को रोकने में पूरी तरह विफल है। क्या यह बंगाल को बांग्लादेश में बदलने की गहरी साजिश है?”

मुर्शिदाबाद: ऐतिहासिक दृष्टि से संवेदनशील क्षेत्र

मुर्शिदाबाद, जो कभी बंगाल का नवाबों का गढ़ था, आज भी अपने सांस्कृतिक और ऐतिहासिक महत्व के लिए जाना जाता है। लेकिन यह क्षेत्र समय-समय पर धार्मिक और राजनीतिक विवादों के लिए सुर्खियों में रहता है।

इस घटना ने एक बार फिर यह सवाल खड़ा कर दिया है कि सांप्रदायिक सौहार्द बनाए रखने के लिए प्रशासन और समाज को क्या कदम उठाने चाहिए।

स्थिति की संवेदनशीलता और आगे की चुनौती

हालांकि पुलिस और रैपिड एक्शन फोर्स की तैनाती से इलाके में शांति कायम करने की कोशिश की जा रही है, लेकिन इस घटना ने प्रशासन की तैयारियों पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। इंटरनेट सेवाएं बंद होने और बाजार बंद होने से स्थानीय लोग भी परेशान हैं।

क्या है समाधान?

इस घटना से यह साफ है कि डिजिटल माध्यमों का इस्तेमाल संवेदनशील मुद्दों के लिए कितना खतरनाक हो सकता है। प्रशासन को चाहिए कि इस तरह के विवादों को रोकने के लिए डिजिटल सामग्री की निगरानी को और कड़ा बनाए। साथ ही, समाज में शांति बनाए रखने के लिए स्थानीय स्तर पर संवाद और सामुदायिक प्रयासों की भी आवश्यकता है।

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