Ralegan Siddhi: अन्नासाहेब हजारे की उपस्थिति में पर्यावरण मित्र संगठन का शीतकालीन सत्र, जाने कौन-कौन से पुरस्कार हुए वितरित!
रालेगण सिद्धि में पर्यावरण मित्र बहुउद्देशीय संगठन का शीतकालीन सत्र अन्नासाहेब हजारे की अध्यक्षता में संपन्न हुआ। देखें, कौन से प्रमुख व्यक्तित्वों को मिले पुरस्कार और संगठन का उद्देश्य।
रालेगण सिद्धि, महाराष्ट्र के अहमदनगर जिले का एक छोटा सा गाँव, पर्यावरण संरक्षण और समाज सेवा के लिए आज एक महत्वपूर्ण स्थल बन गया। यहां आयोजित हुआ अंतरराष्ट्रीय पर्यावरण मित्र बहुउद्देशीय संगठन का शीतकालीन सत्र, जो न केवल पर्यावरण के संरक्षण के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाता है, बल्कि समाज में सक्रिय भूमिका निभाने वाले कार्यकर्ताओं का सम्मान भी करता है। इस सत्र की अध्यक्षता की वरिष्ठ सामाजिक कार्यकर्ता और पद्मश्री पुरस्कार विजेता डॉ. अन्नासाहेब हजारे ने।
क्या था इस शीतकालीन सत्र का उद्देश्य?
इस सत्र का मुख्य उद्देश्य पर्यावरण संरक्षण और सामाजिक कार्य के महत्व पर चर्चा करना था। रालेगण सिद्धि, जिसे अन्नासाहेब हजारे के नेतृत्व में एक मॉडल गाँव के रूप में जाना जाता है, इस कार्यक्रम का आयोजन पर्यावरण से जुड़ी जागरूकता फैलाने और समाज सेवा के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वालों को सम्मानित करने के लिए किया गया।
मुख्य अतिथि और पुरस्कार वितरण:
इस महत्वपूर्ण सत्र में अन्नासाहेब हजारे के अलावा देवाजी तांबे, जो कि संगठन के संस्थापक अध्यक्ष हैं, भी उपस्थित थे। इसके अलावा, मनीषा भुसाल, जो इंडोनेशिया कंट्री महिला अध्यक्ष हैं, ने भी कार्यक्रम में भाग लिया। इस अवसर पर कई अन्य गणमान्य व्यक्तियों ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई, जिनमें अर्चना जगताप (महिला सचिव), स्नेहा तांबे (महिला निरीक्षक), विजय पडलकर (युवा महासचिव) और राजेश कुस्पे (युवा निरीक्षक) प्रमुख रूप से शामिल थे।
क्या पुरस्कार दिए गए?
इस कार्यक्रम में विभिन्न पुरस्कारों से लोगों को सम्मानित किया गया। इन पुरस्कारों में शामिल थे:
- राष्ट्रीय साहित्य रत्न पुरस्कार: सेवानिवृत्त सैनिक कवि अशोक मोहिते को
- राष्ट्रीय पर्यावरण मित्र पुरस्कार: सेवानिवृत्त अधीक्षण अभियंता रमेशचंद्र म्हैसेकर को
- राष्ट्रीय हिरकणी पुरस्कार: मनीषा भुसाल को
- राष्ट्रीय महिला उद्यमी पुरस्कार: महिला उद्यमी रेशमा जाधव को
- आध्यात्मिक मार्गदर्शक पुरस्कार: अर्चना जगताप को
- लीना पंडित गोडबोले और अन्य लोगों को भी विभिन्न पुरस्कार दिए गए।
डॉ. अन्नासाहेब हजारे का मार्गदर्शन:
इस कार्यक्रम के दौरान, डॉ. अन्नासाहेब हजारे ने उपस्थित लोगों को बहुमूल्य मार्गदर्शन दिया। उन्होंने न केवल पर्यावरण संरक्षण की आवश्यकता पर जोर दिया, बल्कि समाज में बदलाव लाने के लिए व्यक्तिगत रूप से सक्रिय होने की अपील भी की। अन्नासाहेब हजारे के योगदान को देखते हुए, उनके कार्यों को प्रेरणा के रूप में लिया गया और उनके शब्दों ने सभी को एक नई दिशा दिखायी।
आखिर क्यों है रालेगण सिद्धि विशेष?
रालेगण सिद्धि, जो अन्नासाहेब हजारे के नेतृत्व में एक आदर्श गाँव के रूप में स्थापित हुआ, अब न केवल ग्रामीण विकास का एक उदाहरण बन चुका है, बल्कि यहाँ पर्यावरण संरक्षण के प्रयासों को भी लागू किया गया है। इस गाँव में जल संचयन, वृक्षारोपण और अन्य पर्यावरणीय उपायों को लेकर किए गए प्रयासों ने पूरे देश में एक मिसाल कायम की है।
अंतरराष्ट्रीय पर्यावरण मित्र बहुउद्देशीय संगठन का शीतकालीन सत्र रालेगण सिद्धि में आयोजित करना न केवल एक ऐतिहासिक क्षण था, बल्कि यह हम सभी को पर्यावरण के प्रति अपनी जिम्मेदारी का अहसास दिलाता है। इस सत्र के माध्यम से सामाजिक कार्यकर्ताओं और उद्यमियों को जो सम्मान मिला, वह इस बात का प्रतीक है कि हमें अपनी सामाजिक और पर्यावरणीय जिम्मेदारियों को समझना चाहिए और उसे निभाना चाहिए।
इस कार्यक्रम में हिस्सा लेकर उपस्थित लोगों ने यह संकल्प लिया कि वे अपने प्रयासों के माध्यम से समाज और पर्यावरण के लिए सकारात्मक बदलाव लाएंगे। इस प्रकार के कार्यक्रम न केवल प्रेरणा का स्रोत होते हैं, बल्कि यह हमें अपने कार्यों की दिशा और उद्देश्य को भी स्पष्ट करते हैं।
What's Your Reaction?