Nawada Tragedy: सर्दी ने ली शिक्षा सेवक की जान! जानिए पूरी घटना
नवादा जिले के इस्माइलपुर गांव में सर्दी के कारण शिक्षा सेवक की दुखद मौत हो गई। जानिए कैसे सर्दी से कांपते हुए उन्होंने अपनी जान गंवाई और उनके परिवार के लिए क्या है आगे का रास्ता।
नवादा जिले के उग्रवाद प्रभावित सिरदला प्रखंड क्षेत्र के इस्माइलपुर गांव में सर्दी के कारण एक दुखद घटना घटी, जब यहां के एक शिक्षा सेवक की मौत हो गई। इस शिक्षा सेवक का नाम नंदकिशोर चौधरी था, और उनकी उम्र लगभग 56 वर्ष थी। उन्होंने अपनी जिंदगी का अधिकांश हिस्सा बच्चों की शिक्षा में समर्पित किया, लेकिन ठंडी के कारण उनकी अचानक मौत ने पूरे इलाके को शोक में डुबो दिया।
कैसे हुई मौत?
स्वजनों के अनुसार, नंदकिशोर चौधरी रविवार को मध्य विद्यालय इस्माइलपुर में अपने नियमित कर्तव्यों का पालन कर रहे थे, जब अचानक वह ठंढ से कांपने लगे। दिन के बाद जब वह घर लौटे तो उन्होंने अपनी पत्नी और परिवार से कहा कि उन्हें बहुत ठंड लग रही है। इसके बाद, वह पास के लौंद बाजार में एक निजी क्लिनिक में इलाज करवाने गए। हालांकि, इलाज के बाद भी उन्हें राहत नहीं मिली और वह घर लौट आए। रात को शौच के लिए बाहर गए, लेकिन फिर से उन्हें ठंड के कारण कंपकंपी होने लगी। परिवारवालों ने उन्हें आग से सेकने की कोशिश की, लेकिन सुबह करीब चार बजे उनकी दुखद मृत्यु हो गई।
परिवार में छा गई है वीरानी:
नंदकिशोर चौधरी के निधन से पूरे परिवार में शोक की लहर दौड़ गई है। उनकी पत्नी मुन्नी देवी और तीन बेटों—अजीत चौधरी, पवन चौधरी, सोनू कुमार—के साथ एक बेटी संगीता कुमारी भी है। नंदकिशोर चौधरी परिवार के एकलौते कमाने वाले सदस्य थे, और उनके निधन से उनके परिवार का पूरा पालन-पोषण प्रभावित हो गया है। गांव के लोग और उनके रिश्तेदार भी इस हादसे से बहुत दुखी हैं और शोक व्यक्त कर रहे हैं।
शोक व्यक्त करने वाले लोग:
नंदकिशोर चौधरी के निधन पर इस्माइलपुर विद्यालय के प्रधान शिक्षक सुधीर कुमार, श्री निवास कुमार सिंह, प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी राजनरायण प्रसाद सिंह, चौगांव विद्यालय के शिक्षक उदय चौधरी, उत्तरी जिला पार्षद बसंती देवी, टोला सेवक अनिल राजबंशी, गीता कुमारी, रितेश कुमार, संजय चौधरी, दिलीप राजबंशी, पप्पू कुमार राजबंशी, रवी राजबंशी सहित दर्जनों लोग शोकाकुल परिवार के साथ संवेदना व्यक्त करने पहुंचे और सरकार से मांग की कि नंदकिशोर चौधरी के बेटे को शिक्षा सेवक पद अनुकंपा के आधार पर नियुक्त किया जाए।
शिक्षा विभाग की प्रतिक्रिया:
बातचीत के दौरान बीईओ (ब्लॉक शिक्षा अधिकारी) ने कहा कि नियमानुसार परिवार को सभी आवश्यक सहयोग दिया जाएगा। विभाग ने यह भी आश्वासन दिया कि अनुकंपा के आधार पर परिवार को शिक्षा सेवक पद पर नियुक्ति की प्रक्रिया पूरी की जाएगी। इस तरह का कदम न केवल परिवार की मदद करेगा, बल्कि यह शिक्षा क्षेत्र में काम करने वाले कर्मचारियों के लिए भी एक प्रेरणा साबित होगा।
इतिहास में ऐसे कई उदाहरण:
भारत में ठंडी से हुई मौतों के कई उदाहरण सामने आए हैं, और ऐसे मामलों में सरकारी सहायता और संवेदनशीलता की आवश्यकता बढ़ जाती है। यह घटना केवल इस्माइलपुर तक सीमित नहीं है, बल्कि ऐसे दर्दनाक हादसे हर साल होते हैं, जब सर्दी से लोग कांपते हुए अपनी जान गंवा देते हैं। इस तरह की घटनाओं से यह संदेश मिलता है कि समाज और सरकार को अधिक जागरूकता फैलाने की आवश्यकता है ताकि ठंढ से होने वाली मौतों को रोका जा सके।
नंदकिशोर चौधरी की दुखद मौत ने एक बार फिर यह साबित किया कि हमारे समाज में शिक्षा का महत्व कितना ज्यादा है, और कैसे शिक्षक अपनी जान तक को खतरे में डालकर बच्चों के भविष्य को संवारने का कार्य करते हैं। उनके निधन से न केवल उनका परिवार, बल्कि पूरा समाज शोक में डूबा हुआ है। इस घटना ने यह भी दिखाया कि सरकारी मदद की कितनी महत्वपूर्ण भूमिका होती है जब परिवार को आगे बढ़ने के लिए सहारे की आवश्यकता होती है।
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