Deoghar Cybercrime: देवघर बना देश का तीसरा सबसे बड़ा साइबर अपराधियों का गढ़! जानिए कैसे हो रहा है फ्रॉड का जाल फैलाना
देवघर जिला अब पूरे देश में साइबर अपराध की सक्रियता में तीसरे स्थान पर आ गया है। जानिए कैसे झारखंड के तीन जिले मिलकर 70% साइबर फ्रॉड को अंजाम दे रहे हैं और इसकी शुरुआत कहां से हुई थी।

देश में साइबर अपराध का नाम आते ही पहले जामताड़ा की याद आती थी। लेकिन अब इस 'साइबर फ्रॉड की राजधानी' की गद्दी कोई और हथिया चुका है — और वो है देवघर।
जी हां, एक ताज़ा पुलिस रिपोर्ट के अनुसार, देवघर जिला अब पूरे भारत में साइबर अपराध की सक्रियता में तीसरे स्थान पर पहुंच चुका है, और झारखंड के अंदर यह नंबर-1 पर है।
यह रिपोर्ट झारखंड पुलिस मुख्यालय द्वारा तैयार की गई है, जिसमें राज्य भर में साइबर फ्रॉड की घटनाओं का डेटा प्रतिबंधित ऐप और ट्रैकिंग सिस्टम के माध्यम से इकट्ठा किया गया है।
क्या है रिपोर्ट की सबसे चौंकाने वाली बात?
रिपोर्ट में साफ तौर पर कहा गया है कि झारखंड में होने वाले कुल साइबर अपराधों का लगभग 50% हिस्सा अकेले देवघर जिले से आता है। और अगर पूरे राज्य की बात करें, तो देवघर, दुमका और जामताड़ा — ये तीन जिले मिलकर राज्य के 70% साइबर क्राइम की जिम्मेदारी उठाते हैं।
कभी जामताड़ा था सिरमौर, अब देवघर ने छीनी बादशाहत
साइबर अपराधों की शुरुआत झारखंड में सबसे पहले जामताड़ा जिले से मानी जाती है। एक समय था जब इस जिले को 'साइबर ठगी की राजधानी' कहा जाता था। यहां के युवाओं ने ठगी के इतने तरीके ईजाद कर लिए थे कि बॉलीवुड में इस पर वेब सीरीज तक बन गई — Jamtara: Sabka Number Ayega।
लेकिन अब हालात बदल गए हैं। जामताड़ा जहां पहले देश में तीसरे स्थान पर था, अब उसी स्थान पर देवघर ने कब्जा कर लिया है।
आखिर देवघर कैसे बना नया साइबर क्राइम सेंटर?
देवघर धार्मिक नगरी के नाम से जानी जाती है। बाबाधाम, बैद्यनाथ धाम मंदिर जैसे धार्मिक स्थलों के लिए मशहूर यह शहर अब साइबर ठगों की नई छिपने की जगह बन चुका है।
इसके कई कारण हैं:
-
टेक्नोलॉजी की पहुंच: स्मार्टफोन और इंटरनेट का सस्ता होना।
-
बेरोजगारी: युवा पैसे के लिए अपराध का सहारा ले रहे हैं।
-
लोकल नेटवर्क: पहले से मौजूद फ्रॉड गिरोह अब पड़ोसी जिलों तक फैल गए हैं।
-
कम निगरानी: पुलिस और साइबर सेल की पकड़ अभी भी सीमित है।
देश में कौन हैं टॉप तीन साइबर फ्रॉड ज़ोन?
रिपोर्ट के अनुसार:
-
नूह (हरियाणा) — सबसे ज़्यादा साइबर क्राइम
-
राजस्थान
-
देवघर (झारखंड)
अब क्या कदम उठाने होंगे?
देवघर को अब केवल धार्मिक पर्यटन ही नहीं, साइबर अपराध की रोकथाम के केंद्र के रूप में भी देखा जाना चाहिए।
जरूरत है:
-
साइबर सेल की संख्या और संसाधन बढ़ाने की।
-
ग्रामीण इलाकों में डिजिटल लिटरेसी की।
-
युवाओं को वैकल्पिक रोजगार देने की।
झारखंड पुलिस की रिपोर्ट एक चेतावनी है — न केवल देवघर के लिए, बल्कि पूरे राज्य और देश के लिए। जबतक शिक्षा, निगरानी और टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल आमजन को जागरूक करने में नहीं किया जाएगा, तब तक यह संकट और गहराता जाएगा।
क्या आपको लगता है देवघर को अब नए सिरे से मॉनिटर करना चाहिए? या साइबर अपराध से निपटने के लिए कोई सख्त नीति लानी चाहिए? नीचे कॉमेंट करके बताएं!
What's Your Reaction?






