Baghbera Accident: पाइपलाइन खुदाई में मिट्टी धंसने से मजदूर की मौत, जाँच टीम ने शुरू की गहन पड़ताल
मेटा डिस्क्रिप्शन: बागबेड़ा में पाइपलाइन खुदाई के दौरान मिट्टी धंसने से हुई मजदूर की मौत पर जाँच टीम ने घटनास्थल का निरीक्षण किया। जानिए क्या है पूरा मामला और क्या होगा आगे की कार्रवाई।

बागबेड़ा (झारखंड) में एक दर्दनाक घटना ने एक बार फिर इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स में सुरक्षा मानकों पर सवाल खड़े कर दिए हैं। पाइपलाइन की खुदाई के दौरान अचानक मिट्टी धंसने से एक मजदूर की मौत हो गई, जिसके बाद प्रशासन ने तुरंत एक तीन सदस्यीय जाँच टीम गठित की। यह टीम आज घटनास्थल पर पहुंची और मामले की गहन जाँच शुरू कर दी है।
क्या हुआ था बागबेड़ा में?
कल की दुर्भाग्यपूर्ण घटना में पाइपलाइन के लिए खुदाई कर रहे मजदूर कृष्ण बास्के की मौत हो गई थी। जानकारी के अनुसार, खुदाई के दौरान अचानक मिट्टी धंस गई, जिसमें वह दब गया। उसे निकालकर अस्पताल ले जाया गया, लेकिन डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। इस घटना ने पूरे इलाके में हड़कंप मचा दिया, क्योंकि यह पहली बार नहीं है जब निर्माण कार्यों के दौरान ऐसी दुर्घटना हुई है।
जाँच टीम ने क्या किया?
घटना की गंभीरता को देखते हुए उपायुक्त अनन्य मित्तल ने तुरंत एक तीन सदस्यीय जाँच टीम बनाई और उन्हें 48 घंटे के अंदर रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया। आज यह टीम घटनास्थल पर पहुंची और विस्तृत जाँच की। टीम ने खुदाई वाले गड्ढे की लंबाई, चौड़ाई और गहराई को मापा, साथ ही उन सुरक्षा उपायों का भी आकलन किया जो निर्माण स्थल पर होने चाहिए थे।
इसके अलावा, जाँच टीम ने स्थानीय लोगों और घटना के समय मौजूद मजदूरों से भी बातचीत की। उनसे पूछताछ कर यह जानने की कोशिश की गई कि क्या सुरक्षा मानकों का पालन किया जा रहा था या नहीं।
कौन-कौन था मौके पर?
जाँच टीम में एनईपी निदेशक संतोष गर्ग, जिला योजना पदाधिकारी मृत्युंजय कुमार और ग्रामीण विकास विशेष प्रमंडल के कार्यपालक अभियंता हमीरा सोरेन शामिल थे। इसके अलावा, जमशेदपुर सीओ मनोज कुमार, बागबेड़ा की जिला पार्षद डॉ. कविता परमार, थाना प्रभारी गोपाल कृष्ण यादव, पूर्व उपमुखिया कुमोद यादव और कई स्थानीय पंचायत सदस्य भी मौजूद थे।
क्या है इतिहास में ऐसी घटनाओं का?
झारखंड में खनन और निर्माण कार्यों के दौरान मिट्टी धंसने की घटनाएं नई नहीं हैं। पिछले कुछ वर्षों में कई बार ऐसी दुर्घटनाएं हुई हैं, जिनमें कई मजदूरों की जान चली गई। विशेषज्ञों का मानना है कि ज्यादातर मामलों में सुरक्षा नियमों की अनदेखी ही मुख्य वजह होती है।
अब क्या होगा आगे?
जाँच टीम की रिपोर्ट आने के बाद प्रशासन आगे की कार्रवाई करेगा। अगर किसी की लापरवाही पाई जाती है, तो उसके खिलाफ सख्त कदम उठाए जा सकते हैं। साथ ही, इस घटना के बाद अन्य निर्माण स्थलों पर भी सुरक्षा मानकों की जाँच की जा सकती है।
स्थानीय लोगों ने मृतक मजदूर के परिवार को तुरंत मुआवजा देने की मांग की है। उम्मीद है कि प्रशासन जल्द ही इस दिशा में भी कोई ठोस कदम उठाएगा।
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