Gumla Tragedy: सड़क हादसे में बुझ गए तीन घरों के चिराग, समय पर एंबुलेंस नहीं पहुंचने से मौत

गुमला में हुए भीषण सड़क हादसे में तीन लोगों की दर्दनाक मौत हो गई। एंबुलेंस की देरी ने हालात और बदतर बना दिए। जानें पूरी घटना और इसके पीछे की लापरवाही।

Dec 5, 2024 - 11:55
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Gumla Tragedy: सड़क हादसे में बुझ गए तीन घरों के चिराग, समय पर एंबुलेंस नहीं पहुंचने से मौत
Gumla Tragedy: सड़क हादसे में बुझ गए तीन घरों के चिराग, समय पर एंबुलेंस नहीं पहुंचने से मौत

गुमला में बुधवार देर रात हुआ भीषण सड़क हादसा पूरे झारखंड को झकझोर कर रख गया। बसिया थाना क्षेत्र के बसिया मोड़ पर यह हादसा उस समय हुआ जब पांच लोग शादी समारोह से लौट रहे थे। इस हादसे में तीन लोगों की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि दो लोग गंभीर रूप से घायल हैं।

घटना के समय गाड़ी ने खड़ी ट्रक को पीछे से इतनी जोरदार टक्कर मारी कि कार के परखच्चे उड़ गए। घायलों को समय पर इलाज मिल पाता, तो शायद जानें बचाई जा सकती थीं, लेकिन एंबुलेंस की देरी ने हादसे को और भी दर्दनाक बना दिया।

कैसे हुआ हादसा?

रांची के हेशल देवी मंडप रोड निवासी प्रवीण कुमार, रतन घोष, और पवन साहू अपने दोस्तों के साथ शादी समारोह में शामिल होने सिमडेगा गए थे। समारोह के बाद सभी लोग कार से रांची लौट रहे थे। बसिया के पास गाड़ी ने खड़ी ट्रक को पीछे से टक्कर मार दी।

टक्कर इतनी जबरदस्त थी कि कार पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गई। ग्रामीणों और पुलिस की मदद से घायलों को अस्पताल पहुंचाया गया, लेकिन तीन लोगों की जान नहीं बचाई जा सकी। गंभीर रूप से घायल विश्वजीत घोष और असीम घोष का अस्पताल में इलाज चल रहा है।

एंबुलेंस की देरी से हालात बदतर

हादसे के तुरंत बाद स्थानीय लोगों ने 108 एंबुलेंस सेवा को फोन किया। लेकिन एंबुलेंस समय पर नहीं पहुंची। ग्रामीण और पुलिस घायलों को अस्पताल ले गए, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी।

इस लापरवाही ने स्वास्थ्य सेवाओं की खामियों को उजागर किया है। स्थानीय लोगों ने अस्पताल प्रशासन और एंबुलेंस सेवा की देरी पर नाराजगी जताई है।

झारखंड में सड़क दुर्घटनाओं का इतिहास

झारखंड में सड़क हादसे कोई नई बात नहीं हैं। खराब सड़कें, लापरवाह ड्राइविंग, और ट्रैफिक नियमों की अनदेखी यहां दुर्घटनाओं का मुख्य कारण है। राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) के अनुसार, झारखंड में हर साल सैकड़ों लोग सड़क दुर्घटनाओं में अपनी जान गंवाते हैं।

इस हादसे ने एक बार फिर सरकार और स्थानीय प्रशासन की तैयारियों पर सवाल खड़े कर दिए हैं। एंबुलेंस सेवाओं की स्थिति और आपातकालीन व्यवस्था में सुधार की मांग बढ़ रही है।

मृतकों के घरों में मातम का माहौल

इस हादसे ने तीन परिवारों को हमेशा के लिए गमगीन कर दिया। प्रवीण कुमार, रतन घोष, और पवन साहू के परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। रांची और सिमडेगा में उनके रिश्तेदार शोक में हैं।

घायलों के परिजनों ने प्रशासन से मांग की है कि दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए और स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार हो।

समय पर कदम उठाने की जरूरत

यह घटना झारखंड में सड़क सुरक्षा और आपातकालीन सेवाओं के सुधार की सख्त जरूरत को उजागर करती है। दुर्घटनाओं के बाद अगर घायलों को समय पर इलाज मिले, तो जानें बचाई जा सकती हैं।

क्या सीख लेगा प्रशासन?

गुमला की यह घटना न सिर्फ दर्दनाक है, बल्कि प्रशासन के लिए एक चेतावनी भी है। स्वास्थ्य सेवाओं और सड़क सुरक्षा को मजबूत करना समय की मांग है। अगर इन घटनाओं से सबक नहीं लिया गया, तो ऐसी घटनाएं दोहराई जाती रहेंगी।

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Manish Tamsoy मनीष तामसोय कॉमर्स में मास्टर डिग्री कर रहे हैं और खेलों के प्रति गहरी रुचि रखते हैं। क्रिकेट, फुटबॉल और शतरंज जैसे खेलों में उनकी गहरी समझ और विश्लेषणात्मक क्षमता उन्हें एक कुशल खेल विश्लेषक बनाती है। इसके अलावा, मनीष वीडियो एडिटिंग में भी एक्सपर्ट हैं। उनका क्रिएटिव अप्रोच और टेक्निकल नॉलेज उन्हें खेल विश्लेषण से जुड़े वीडियो कंटेंट को आकर्षक और प्रभावी बनाने में मदद करता है। खेलों की दुनिया में हो रहे नए बदलावों और रोमांचक मुकाबलों पर उनकी गहरी पकड़ उन्हें एक बेहतरीन कंटेंट क्रिएटर और पत्रकार के रूप में स्थापित करती है।