मातृभूमि पर सब कुरबान - डॉ ऋतु अग्रवाल, उत्तर प्रदेश
मातृभूमि पर सब कुरबान
भारत माता के चरणों का, वीरों आज करें गुणगान।
तन-मन-धन वैभव सुख अपना, मातृभूमि पर सब कुरबान।।
इसकी माटी जन्म लिया है, इसके जल व अन्न से देह।
सकल विश्व का भ्रमण किया पर, सुख पाया निज भारत गेह।।
तपोभूमि यह ऋषि-मुनियों की, धर्म-कर्म का देते ज्ञान।
तन-मन-धन वैभव सुख अपना, मातृभूमि पर सब कुरबान।।
उत्तर में हिम अडिग खड़ा है, दक्षिण सागर गूँजे नाद।
रक्षण को तैनात वीर हैं, जिनके रक्त बहे फौलाद।।
हाथ तिरंगा लिए खड़े हैं, सैनिक अपने वीर महान।
तन-मन-धन वैभव सुख अपना, मातृभूमि पर सब कुरबान।।
संशय नहीं वीरता उनकी, कभी करे दुश्मन की फौज।
हथियारों की खेप सँभाले, लिए खड़ा सब साजो-सौज।।
एक वीर है सौ पर भारी, मृत्यु दूत सा उनको मान।
तन-मन-धन वैभव सुख अपना, मातृभूमि पर सब कुरबान।।
स्वरचित
डॉ ऋतु अग्रवाल
मेरठ, उत्तर प्रदेश
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