जश्न आज़ादी का - सविता गुप्ता, झारखंड
जश्न मनाओ आज़ादी का,वीर जीत के मंत्र का। ग़ुलामी से दिलाया मुक्ति,पंद्रह अगस्त स्वतंत्र का। फहराया भारत का झंडा,तीन रंग ऊँचा तिरंगा।.......
जश्न आज़ादी का…
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जश्न मनाओ आज़ादी का,वीर जीत के मंत्र का।
ग़ुलामी से दिलाया मुक्ति,पंद्रह अगस्त स्वतंत्र का।
फहराया भारत का झंडा,तीन रंग ऊँचा तिरंगा।
मध्य घुमता चक्र नील जो है,निश्छल जैसे हो गंगा।
हरा रंग लगता धरणी पर,हरियाली का प्रतीक है।
नारंगी रंग जोश का है,जीते जंग निर्भीक है।
सफ़ेद प्रतीक है शांति का,संदेश उज्ज्वल भविष्य का।
शिखर पर देश रहे विश्व में,मस्तक चमकता ताज सा।
सर पर बाँध कर कफ़न जवान ,वर्दी का रखे हैं मान।
एक के बदले दस को मार,आगे बढ़े वीर जवान।
अंगार हो या हिम वो डटे ,चाहें सामने तूफ़ान।
उबलता लहू धमनी में दम,होते देश पर क़ुर्बान।
विश्व गुरू बनेगा एक दिन,चाहें हो कोई ख़तरा।
ईंट से ईंट बजा देंगे,चाहें बचे नहीं कतरा।
देश की मिट्टी का चंदन हो,चाह जब अंतिम सफ़र हो।
लिपटा तिरंगा हो देह पर ,नाम भी शहीद अमर हो।
सविता गुप्ता-स्वरचित
राँची ,झारखंड
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