महर्षि बाल्मीकि जयंती-डाॅ0 यमुना तिवारी व्यथित
आदि कवि महान कवि रामायण के रचनाकार, प्रभु श्रीराम के चरित्र को श्लोकों में किया साकार।....
महर्षि बाल्मीकि जयंती
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आदि कवि महान कवि
रामायण के रचनाकार,
प्रभु श्रीराम के चरित्र को
श्लोकों में किया साकार।
दलित कुल में लिया जन्म
नाम था पहले रत्नाकर,
काम था हत्या लूट पाट
वन में निवास डाकू बनकर।
नारद जी से जब हुआ सामना
खुली आँख सच को जाना,
उल्टा नाम राम का जपकर
बदला स्वभाव ताना-बाना।
रत्नाकर से ऋषि बाल्मीकि
हृदय कोमल अति उदार,
क्रौन्च बध को निहारते ही
हृदय में घोर हाहाकार।
उर आंगन झंकृत हुआ
मुख से हुआ अद्भुत उचार,
विश्व प्रथम काव्य का जन्म
उपकृत हुआ सारा संसार।
नारद जी के आदेश से
रामायण लिख डाला,
सनातन का हुआ उत्थान
रामकथा का बोलबाला।
रामायण ग्रंथ से विश्व का
हो रहा बहुत कल्याण,
इसे पढ़ तुलसी ने किया
राम चरित्र मानस निर्माण।
जातिपाति का कहाँ सवाल
बाल्मीकि सर्वत्र पूजे जाते,
कुछ नीच नास्तिक गिरे हुए
रामायण को अपवित्र बताते।
नहीं सहेगा सनातन हिन्दू
राम रामायण का अपमान,
जय श्रीराम के नारों से गूंजे
सारी बसुधा और आसमान।
बड़े बड़े सिद्ध मुनिगण
आदर से लेते आपका नाम
बाल्मीकि जी के चरणों में
निवेदित कोटि कोटि प्रणाम।
-डाॅ0 यमुना तिवारी व्यथित
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