गुलाबी ठंड - सोनिका गोस्वामी शर्मा

कार्तिक मास का होता सूत्रपात, तुषार की बूदों से होता प्रकृती का श्रंगार, शरद ऋतु है अति मनभावन, 

Dec 16, 2024 - 18:39
Dec 17, 2024 - 00:01
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गुलाबी ठंड - सोनिका गोस्वामी शर्मा
गुलाबी ठंड - सोनिका गोस्वामी शर्मा

गुलाबी ठंड

कार्तिक मास का होता सूत्रपात,
तुषार की बूदों से होता प्रकृती का श्रंगार,
शरद ऋतु है अति मनभावन, 


गुलाबी ठंड की मंद - मंद कम्पन
गुनगुनी धूप बहुत है सुहाती ,
प्रकृती लगता है कोई गीत गुनगुनाती,


कोहरे का झीना पर्दा डला है ,
हवा में ना जाने क्या नशा सा मिला है,
ना गर्मीं की बरसात है ,


ना सावन की फुहार है 
गुलाबी ठंड की ये तो शुरुआत है,
अदरक वाली चाय कादौर आया है, 


साथ तुम्हारी यादों का 
काफिला लाया है, 
तुम गर रूबरू हो जाओ ,

तो ये शाम सुहानी हो जाए
मेरे भी होठों पर सुंदर 
मुस्कान खिल जाये ।

स्वरचित
सोनिका गोस्वामी शर्मा

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Nihal Ravidas निहाल रविदास, जिन्होंने बी.कॉम की पढ़ाई की है, तकनीकी विशेषज्ञता, समसामयिक मुद्दों और रचनात्मक लेखन में माहिर हैं।