Jamshedpur: जमशेदपुर में एक्सएलआरआइ और आइयूसीएन के बीच ऐतिहासिक एमओयू पर हस्ताक्षर, पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में महत्वपूर्ण कदम
एक्सएलआरआइ दिल्ली-एनसीआर और आइयूसीएन के बीच पर्यावरण और जैव विविधता के संरक्षण के लिए एमओयू पर हस्ताक्षर। यह समझौता भारतीय कॉरपोरेट क्षेत्र में स्थायी व्यावसायिक प्रथाओं को बढ़ावा देगा।
14 नवंबर 2024, जमशेदपुर: एक्सएलआरआइ दिल्ली-एनसीआर कैंपस और आइयूसीएन (अंतरराष्ट्रीय प्रकृति संरक्षण संघ) के बीच एक ऐतिहासिक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर हुआ है। इस समझौते का उद्देश्य भारतीय कॉरपोरेट क्षेत्र में पर्यावरणीय जिम्मेदारी और जैव विविधता के संरक्षण को बढ़ावा देना है। एमओयू पर हस्ताक्षर आइयूसीएन के भारत में प्रतिनिधि डॉ. यश वीर भटनागर और एक्सएलआरआइ के एफएसीइएस के चेयरपर्सन डॉ. टाटा एल. रघु राम ने संयुक्त रूप से किए।
पर्यावरण संरक्षण और स्थायित्व की दिशा में एक और बड़ा कदम
यह समझौता भारतीय व्यापारिक परिपेक्ष्य में एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा। इसके अंतर्गत दोनों संस्थान मिलकर प्रकृति और जैव विविधता के संरक्षण को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न परियोजनाओं पर कार्य करेंगे। साथ ही, यह समझौता कॉर्पोरेट क्षेत्र में स्थायित्व और जिम्मेदारी को बढ़ावा देने का एक सशक्त प्रयास है।
एमओयू के तहत, व्यावसायिक निर्णय में प्रकृति और जैव विविधता के मुद्दों को प्राथमिकता दी जाएगी। दोनों संस्थान इसे अपने कामकाजी ढांचे में समाहित करेंगे और कॉर्पोरेट जगत में जिम्मेदार निर्णय लेने की दिशा में कार्य करेंगे।
एमओयू के मुख्य उद्देश्य
- प्रकृति और जैव विविधता के मुद्दों को व्यावसायिक निर्णय लेने में शामिल करना।
- टीएनएफडी (टास्कफोर्स ऑन नेचर-RELATED फाइनेंशियल डिस्क्लोजर) जैसे ढांचों का उपयोग कर व्यापार और जैव विविधता के बीच संबंध को मापने और रिपोर्ट करने के लिए कार्य करना।
- कॉर्पोरेट सोसाइटी में प्रकृति और जैव विविधता के प्रति जिम्मेदारी को बढ़ावा देना।
समझौते पर हस्ताक्षर करने वाले महत्वपूर्ण व्यक्तित्व
इस समझौते पर हस्ताक्षर करने के लिए प्रमुख व्यक्तित्वों की उपस्थिति इस महत्वपूर्ण साझेदारी को और भी प्रभावी बनाती है। इस अवसर पर एक्सएलआरआइ के बोर्ड ऑफ गवर्नर्स के अध्यक्ष टी. वी. नरेंद्रन, एक्सएलआरआइ जमशेदपुर के निदेशक फादर एस. जॉर्ज, और एक्सएलआरआइ दिल्ली एनसीआर के निदेशक फादर केएस कश्मीरी एसजे ने भी अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। इसके अलावा, जेपी मॉर्गन के एमडी माधव बी कल्याण, सेंट्रम ग्रुप के चेयरमैन जसपाल बिंद्रा, और एवरस्टोन कैपिटल एशिया प्राइवेट लिमिटेड के सीनियर डायरेक्टर अजय कौल जैसे प्रमुख व्यक्ति भी इस समझौते में शामिल थे।
कैसे यह समझौता भारतीय कॉरपोरेट क्षेत्र को प्रभावित करेगा?
यह एमओयू भारतीय कॉरपोरेट क्षेत्र के लिए एक नया अध्याय साबित हो सकता है, क्योंकि प्राकृतिक संसाधनों और जैव विविधता का संरक्षण अब कॉर्पोरेट फैसलों का हिस्सा बन जाएगा। वर्तमान में जब विपक्षी संगठन और पर्यावरणविदों द्वारा पर्यावरणीय नुकसान की चिंता जताई जा रही है, ऐसे में यह समझौता एक आदर्श उदाहरण के रूप में उभर सकता है।
एक्सएलआरआइ और आइयूसीएन के इस एमओयू से पर्यावरण संरक्षण और जैव विविधता के मामलों में एक नई दिशा मिलेगी। यह केवल कॉर्पोरेट भारत के लिए ही नहीं, बल्कि समाज और प्रकृति के लिए भी एक सकारात्मक कदम है। आने वाले समय में दोनों संस्थान व्यावसायिक क्षेत्र और पर्यावरणीय जिम्मेदारी के बीच एक मजबूत पुल बनाने का काम करेंगे, जिससे भारतीय कॉरपोरेट क्षेत्र में स्थायित्व और जिम्मेदारी की भावना को बढ़ावा मिलेगा।
अब यह देखना होगा कि इस समझौते से जुड़े कदम कैसे सतत विकास और पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में नए अवसरों का निर्माण करते हैं।
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