Kiriburu में BJP के साइन बोर्ड से गायब हुआ कमल का निशान, राजनीतिक हलचल तेज
पश्चिमी सिंहभूम जिले के किरीबुरू में भाजपा कार्यालय के बाहर से कमल का निशान गायब होने से राजनीतिक हलचल मची। जानिए इस घटना से जुड़ी सभी अहम बातें।
14 नवम्बर, 2024: पश्चिमी सिंहभूम जिले के किरीबुरू में भा.ज.पा के कार्यालय के बाहर लगे साइन बोर्ड से कमल का निशान गायब होने से इलाके में राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। इस घटना के बाद भा.ज.पा के कार्यकर्ता और स्थानीय लोग कई तरह की चर्चाएं करने लगे हैं। यह घटना उस समय हुई है जब पहले चरण के मतदान समाप्त हो चुके हैं और सभी प्रत्याशियों की नजरें 23 तारीख पर लगी हैं, जब चुनावी परिणाम घोषित होंगे।
कमल का निशान गायब क्यों हुआ?
खबरों के मुताबिक, यह मामला जगन्नाथपुर विधानसभा क्षेत्र के किरीबुरू से जुड़ा हुआ है, जहां भा.ज.पा के कार्यालय के बाहर लगे साइन बोर्ड से पार्टी का कमल का निशान गायब हो गया है। इस पर लोगों में तरह-तरह की चर्चाएं होने लगी हैं। कुछ लोग कह रहे हैं कि चुनाव से पहले ही पार्टी का लोगो वहां से हटा दिया गया था। अब इस घटना को लेकर कई राजनीतिक कयास लगाए जा रहे हैं।
क्या भाजपा प्रत्याशी और कार्यकर्ताओं ने ध्यान नहीं दिया?
चर्चाओं के मुताबिक, जब भा.ज.पा प्रत्याशी इस कार्यालय के पास आ रहे थे, तब क्या उन्हें इस साइन बोर्ड पर ध्यान नहीं गया? कई लोग यह भी सवाल उठा रहे हैं कि पार्टी के कई कार्यकर्ताओं ने भी इस पर ध्यान क्यों नहीं दिया। एक स्थानीय व्यक्ति ने बताया, "जिस पार्टी के सिंबल से चुनाव लड़ा, उसी का लोगो गायब कर दिया गया। क्या यह पार्टी के भीतर की असंतुष्टियों का परिणाम है?"
भा.ज.पा कार्यकर्ताओं का बयान
हमने जब भा.ज.पा कार्यकर्ताओं से इस बारे में सवाल किया, तो उनका कहना था कि वे कई बार इस मुद्दे को पार्टी स्तर पर उठाने की कोशिश कर चुके थे, लेकिन कोई भी सुनने को तैयार नहीं था। एक वरिष्ठ कार्यकर्ता ने कहा, "पार्टी में कुछ पुराने कार्यकर्ताओं को तो अहमियत ही नहीं दी जाती है। कई कार्यकर्ताओं की अनदेखी की गई है, खासकर इस विधानसभा चुनाव में। अगर यह मुद्दा पहले उठाया जाता तो शायद इसका समाधान निकल सकता था।"
राजनीतिक हलचल और भविष्य की संभावनाएं
यह घटना भा.ज.पा के लिए एक बड़ा मुद्दा बन सकता है, खासकर ऐसे समय में जब चुनाव नजदीक हैं। एक पार्टी का लोगो गायब होना सिर्फ एक सामान्य घटना नहीं हो सकती, बल्कि यह अंदरूनी गुटबाजी और असंतोष का संकेत भी हो सकता है। कई लोग इसे कौड़ा दंपति से जोड़कर देख रहे हैं, जो अब तक पार्टी के लिए चुनौतीपूर्ण साबित हुए हैं। ऐसे में यह सवाल उठता है कि क्या पार्टी को इस मुद्दे पर गौर करना चाहिए?
किरीबुरू में भाजपा के साइन बोर्ड से कमल का निशान गायब होना राजनीतिक गलियारों में चर्चा का केंद्र बन गया है। भा.ज.पा कार्यकर्ताओं और नेताओं के बीच यह घटना नए सवालों और विचारों को जन्म दे रही है। क्या यह पार्टी की भीतर की राजनीति को दर्शाता है, या फिर यह सिर्फ एक साधारण दुर्घटना है? 23 तारीख को चुनाव परिणाम के बाद ही इस घटना की सच्चाई सामने आ पाएगी।
यह देखना होगा कि क्या भा.ज.पा इस मामले पर कोई कार्रवाई करती है या यह केवल राजनीतिक चर्चाओं तक सीमित रहेगा।
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