जमशेदपुर के एकता कोचिंग क्लासेस में Children's Day पर चित्रांकन और नाटक से बच्चों ने दिखाया हुनर, स्मार्टफोन की लत पर नाटक ने खींचा ध्यान
जमशेदपुर के एकता कोचिंग क्लासेस में बाल दिवस पर चित्रांकन प्रतियोगिता और नाटक का आयोजन किया गया, जिसमें बच्चों ने स्मार्टफोन की लत पर शानदार प्रस्तुति दी। जानें आयोजन से जुड़ी खास बातें।
14 नवम्बर, 2024 :जमशेदपुर में बाल दिवस के अवसर पर एकता कोचिंग क्लासेस में गुरुवार को आयोजित एक अनोखे कार्यक्रम ने बच्चों की कलात्मक और अभिनय प्रतिभा को सामने लाया। कार्यक्रम में चित्रांकन प्रतियोगिता और शिक्षाप्रद लघु नाटक के माध्यम से बच्चों को न केवल अपनी कला दिखाने का मौका मिला, बल्कि स्मार्टफोन की लत जैसे गंभीर मुद्दे पर भी जागरूकता फैलाई गई।
चित्रांकन प्रतियोगिता: रचनात्मकता की उड़ान
बाल दिवस के इस विशेष कार्यक्रम की शुरुआत चित्रांकन प्रतियोगिता से हुई, जिसमें छोटे-छोटे बच्चों ने अपनी रचनात्मकता का परिचय दिया। प्रतियोगिता में कक्षा 2 के ऋषभ राज ने तीसरा स्थान प्राप्त किया, जबकि कक्षा 6 की गौरी कुमारी ने दूसरा स्थान हासिल किया। प्रथम पुरस्कार के लिए एक दिलचस्प मुकाबला देखने को मिला, जहां नीतू कुमारी और पूर्वीत नंदी दोनों को ही उनके बेहतरीन प्रदर्शन के लिए संयुक्त विजेता घोषित किया गया।
"स्मार्टफोन का भूत" नाटक: समाज के लिए अहम संदेश
इस कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण बच्चों द्वारा प्रस्तुत नाटक "स्मार्टफोन का भूत" रहा। नाटक में आधुनिक समय की एक बहुत बड़ी समस्या – स्मार्टफोन की लत पर रोशनी डाली गई। इस नाटक में सृष्टि ने पिता, चाननप्रीत कौर ने माता, सोनाक्षी ने स्मार्टफोन की लत से प्रभावित बच्ची का किरदार निभाया। वहीं, आरव ने भूत की भूमिका निभाई और नीतू ने शिक्षिका के रूप में बच्चों को मार्गदर्शन दिया। नाटक का उद्देश्य था, बच्चों को यह संदेश देना कि स्मार्टफोन का इस्तेमाल केवल जरूरत के समय करना चाहिए, नहीं तो यह लत बनकर जीवन पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है।
मंच पर बच्चों का बेहतरीन प्रदर्शन
नाटक की प्रस्तुति के दौरान बच्चों की अदाकारी ने दर्शकों का दिल जीत लिया। हर किरदार ने अपनी भूमिका को इतनी संजीदगी से निभाया कि दर्शक मंत्रमुग्ध हो गए। यह नाटक बच्चों को स्मार्टफोन के अत्यधिक उपयोग के दुष्प्रभावों से दूर रहने की प्रेरणा देता है। इसके माध्यम से उन्हें सिखाया गया कि स्मार्टफोन एक सहायक उपकरण है, लेकिन इसकी लत से कई समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं।
कार्यक्रम में सम्मानित हुए विशेष अतिथि
इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में कई सम्माननीय व्यक्ति शामिल थे, जिनमें मधुसूदन शर्मा, रवि कुमार, रेणु देवी, सरिता शर्मा, अभिषेक और अन्य गणमान्य व्यक्तियों ने शिरकत की। उन्होंने बच्चों के इस प्रयास की सराहना की और ऐसे आयोजनों की महत्ता पर जोर दिया, जिससे बच्चों को उनकी रचनात्मकता दिखाने का अवसर मिलता है।
सांत्वना पुरस्कार और बच्चों की हौसला-अफजाई
कार्यक्रम के अंत में सभी प्रतिभागियों को सांत्वना पुरस्कार प्रदान किए गए। बच्चों के इस अनूठे प्रयास की सराहना करते हुए अतिथियों ने उन्हें आगे भी इसी तरह अपने कौशल को निखारने के लिए प्रेरित किया।
इस आयोजन का महत्व
आज के दौर में जहां तकनीक हर किसी के जीवन का एक अनिवार्य हिस्सा बन चुकी है, इस तरह के नाटक बच्चों को यह समझाने में कारगर साबित होते हैं कि तकनीक का उपयोग संयम और सावधानी से करना चाहिए। बाल दिवस के मौके पर आयोजित यह कार्यक्रम बच्चों के लिए एक प्रेरणा बना, जिसमें उन्होंने न केवल अपनी कलात्मक और अभिनय प्रतिभा को दिखाया, बल्कि समाज के प्रति जागरूकता भी फैलाई।
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