भाजपा में टिकट न मिलने से नाराज, पूर्व IPS राजीव रंजन सिंह ने पार्टी छोड़ी
पूर्व IPS और भाजपा नेता राजीव रंजन सिंह ने टिकट न मिलने पर भाजपा से इस्तीफा दिया। उन्होंने पार्टी पर परिवारवाद और मूल्यों से भटकने का आरोप लगाया।
जमशेदपुर, 23 अक्टूबर 2024: झारखंड के पूर्व आईपीएस और भाजपा नेता राजीव रंजन सिंह ने बुधवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान भाजपा की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने अपना त्याग पत्र भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी को भेजा। राजीव रंजन ने बताया कि वह करीब डेढ़ साल पहले भाजपा से जुड़े थे, लेकिन विधानसभा चुनाव में टिकट न मिलने के कारण उन्होंने यह कदम उठाया।
पूर्व डीआईजी राजीव रंजन सिंह ने भाजपा पर परिवारवाद को बढ़ावा देने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि पार्टी के टिकट बंटवारे में परिवारवाद हावी रहा, जो भाजपा के मूल विचारों और संघ के आदर्शों के बिल्कुल विपरीत है। इसी वजह से उन्हें विवश होकर भाजपा से इस्तीफा देना पड़ा।
उन्होंने भाजपा के समर्पित कार्यकर्ताओं को सलाम किया, जो पार्टी के आदर्शों और पंडित दीनदयाल उपाध्याय के मूल्यों का पालन कर रहे हैं। राजीव रंजन ने कहा कि पार्टी की सोच गलत है कि भाजपा का निशान लेकर चुनाव जीतना तय है। उन्होंने 2019 के विधानसभा चुनाव का उदाहरण देते हुए कहा कि मुख्यमंत्री भी चुनाव हार गए थे।
राजीव रंजन ने अपने 32 साल के पुलिस करियर में निडरता और निष्पक्षता से काम किया। वह छह जिलों में एसपी रह चुके हैं और अपने कार्यकाल में कई बार कड़े फैसले लिए, जिससे आलाकमान नाराज रहा, लेकिन उन्होंने हमेशा सही काम करने की कोशिश की।
राजनीति में आने से पहले भी उनके खिलाफ आरोप लगाए गए थे, लेकिन उन्होंने साहस दिखाते हुए भाजपा का दामन थामा। परंतु, टिकट न मिलने पर उन्होंने इस्तीफा देना ही सही समझा। उन्होंने कहा कि वह फिलहाल किसी अन्य राजनीतिक पार्टी में शामिल नहीं होंगे।
उन्होंने यह भी कहा कि अगर कोई समर्पित भाजपा कार्यकर्ता, जो पार्टी से अलग होकर चुनाव लड़ रहे हों, उन्हें बुलाते हैं तो वह उनका समर्थन करेंगे।
इस इस्तीफे से झारखंड की राजनीति में हलचल मच गई है, और भाजपा को एक बड़ा झटका लगा है।
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