Chakulia: सड़क पर Bitumen टैंकर से हादसा, बिजली के खंभे टूटे, ग्रामीणों का आक्रोश
चाकुलिया-शीशाखून मुख्य सड़क पर बिटुमिन लोडेड टैंकर की वजह से बिजली के तीन खंभे टूट गए। आक्रोशित ग्रामीणों ने मुआवजे की मांग को लेकर सड़क जाम किया। जानें, हादसे की पूरी कहानी।
24 नवंबर 2024 : चाकुलिया-शीशाखून मुख्य सड़क पर रविवार की सुबह एक बड़ा हादसा हुआ। चालुनिया पंचायत के लोहामालिया गांव के पास पारादीप से प्लांट जा रहे बिटुमिन लोडेड टैंकर की टंकी में बिजली का तार फंसने से सड़क किनारे खड़े तीन बिजली के खंभे टूट गए।
इस हादसे के बाद ग्रामीणों में भारी आक्रोश फैल गया। स्थानीय लोगों ने मुआवजे की मांग करते हुए सड़क जाम कर दी। बिजली विभाग को सूचना मिलने पर बिजली सप्लाई काट दी गई, जिससे आगे के किसी बड़े हादसे को टाला जा सका।
कैसे हुआ हादसा?
हादसे में शामिल टैंकर (संख्या डब्लूबी 33ई 3849) पारादीप से बिटुमिन लोड कर शीशाखून स्थित प्लांट जा रहा था। टैंकर चालक अजीत सिंह के अनुसार, चलते समय टैंकर की टंकी में सड़क किनारे लटक रहा बिजली का तार फंस गया। तार के खिंचाव से तीन बिजली के खंभे टूट गए, और इसके साथ ही लोहामालिया गांव के आदिवासी टोला के पास एक खंभा भी क्षतिग्रस्त हो गया।
इस हादसे में न केवल बिजली के खंभे टूटे, बल्कि एक मंदिर का एस्बेस्टस भी क्षतिग्रस्त हो गया। ग्रामीणों के मुताबिक, घटना सुबह की थी, जिस वजह से कोई जान-माल का नुकसान नहीं हुआ।
ग्रामीणों का आक्रोश
घटना के बाद आक्रोशित ग्रामीणों ने सड़क पर जाम लगा दिया। उनका कहना था कि इस हादसे की वजह से बिजली व्यवस्था बाधित हुई है और मंदिर को भी नुकसान हुआ है। ग्रामीणों ने मुआवजे की मांग करते हुए प्रदर्शन शुरू कर दिया।
बिजली विभाग को सूचना मिलने के बाद कर्मचारियों ने तुरंत मौके पर पहुंचकर लाइन काट दी। इससे आगे के संभावित खतरों को रोका जा सका।
प्लांट प्रबंधन के साथ चर्चा के बाद मामला शांत
हादसे के बाद प्लांट प्रबंधन के मुंशी ने मौके पर पहुंचकर ग्रामीणों से बातचीत की। प्रबंधन ने मुआवजा और उचित समाधान का आश्वासन दिया, जिसके बाद ग्रामीण शांत हुए।
इस क्षेत्र में हादसे क्यों होते हैं?
झारखंड के ग्रामीण इलाकों में बिजली के तार अक्सर सड़क के पास झूलते रहते हैं। यह न केवल दुर्घटनाओं का कारण बनता है, बल्कि स्थानीय लोगों की सुरक्षा के लिए भी खतरा है। इस क्षेत्र में तारों की ऊंचाई और खंभों की मजबूती को लेकर पहले भी शिकायतें आती रही हैं, लेकिन अब तक ठोस समाधान नहीं हुआ।
इतिहास में ऐसा पहली बार नहीं
चाकुलिया और आसपास के इलाकों में इस तरह के हादसे पहले भी हुए हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली व्यवस्था की लचर स्थिति अक्सर ऐसी घटनाओं को जन्म देती है। सरकार और बिजली विभाग को इन समस्याओं को गंभीरता से लेने की जरूरत है।
समाधान की ओर बढ़ते कदम?
यह हादसा चाकुलिया के ग्रामीणों की सुरक्षा और बुनियादी सुविधाओं की ओर ध्यान आकर्षित करता है। बिजली विभाग और प्लांट प्रबंधन के बीच हुए संवाद से उम्मीद है कि भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोका जा सकेगा। हालांकि, इस क्षेत्र में सुरक्षा उपायों को लागू करना समय की मांग है।
26 नवंबर को ग्रामीणों के आश्वासन के साथ मामला तो शांत हो गया, लेकिन यह हादसा स्थानीय प्रशासन और प्रबंधन के लिए एक सबक है कि सुरक्षा और जागरूकता को प्राथमिकता दी जाए।
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