LIC 69th Foundation Day : 69 साल की विश्वास और सुरक्षा की कहानी, जानिए खास बातें
1 सितंबर 2025 को एलआईसी ने अपना 69वां स्थापना दिवस मनाया। 1956 में 245 कंपनियों के विलय से बनी एलआईसी आज 290 मिलियन पॉलिसीधारकों और 65% बाजार हिस्सेदारी के साथ बीमा क्षेत्र की सबसे बड़ी कंपनी है। जानिए इसकी उपलब्धियां और भविष्य की योजना।

भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) ने आज अपना 69वां स्थापना दिवस मनाया। 1 सितंबर 1956 को 245 बीमा कंपनियों और प्रॉविडेंट सोसाइटीज के विलय से बनी एलआईसी आज भारत ही नहीं बल्कि दुनिया में भी वित्तीय सुरक्षा का प्रतीक है। इसका नारा “जिंदगी के साथ भी, जिंदगी के बाद भी” करोड़ों भारतीयों की भावनाओं से जुड़ा हुआ है।
एलआईसी की शुरुआत
1950 के दशक में बीमा क्षेत्र बिखरा हुआ था। 245 निजी कंपनियां अपने-अपने नियमों पर काम कर रही थीं। कई जगह ज्यादा प्रीमियम वसूले जाते थे। गरीब और ग्रामीण परिवारों तक बीमा की पहुंच लगभग नामुमकिन थी। इस स्थिति को बदलने के लिए तत्कालीन वित्त मंत्री सी.डी. देशमुख की पहल पर भारतीय जीवन बीमा निगम अधिनियम लाया गया।
1 सितंबर 1956 को ₹5 करोड़ की प्रारंभिक पूंजी के साथ एलआईसी की स्थापना हुई।
राष्ट्र निर्माण में योगदान
एलआईसी सिर्फ बीमा कंपनी नहीं रही। इसने पॉलिसीधारकों के प्रीमियम को सार्वजनिक परियोजनाओं में निवेश किया। स्टील प्लांट, बिजली परियोजनाओं और आईआईटी जैसे संस्थानों के विकास में एलआईसी का योगदान रहा। शुरुआती दिनों में ही 5 जोनल ऑफिस, 33 मंडल कार्यालय और 212 शाखाओं के जरिए एलआईसी ने दूरदराज के गांवों तक अपनी पहुंच बनाई।
बदलाव के दौर और चुनौतियां
1999 में बना इसका नारा “जिंदगी के साथ भी, जिंदगी के बाद भी” लोगों के दिलों में उतर गया।
2000 तक एलआईसी भारत में जीवन बीमा का एकमात्र प्रदाता था। इसके बाद निजी कंपनियां बाजार में आईं। प्रतिस्पर्धा बढ़ी लेकिन एलआईसी ने खुद को समय के साथ ढालते हुए नए उत्पाद और डिजिटल सेवाएं शुरू कीं।
आज का एलआईसी
आज एलआईसी के पास ₹42.54 लाख करोड़ की संपत्ति है। इसके 290 मिलियन पॉलिसीधारक हैं और जीवन बीमा क्षेत्र में इसकी 65% हिस्सेदारी है। 2022 में इसका आईपीओ भारत के सबसे बड़े निर्गमों में से एक रहा।
भविष्य की दिशा
एलआईसी अब डिजिटल बदलाव की ओर तेजी से कदम बढ़ा रहा है। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, मोबाइल ऐप और ई-सेवाओं से ग्राहक अनुभव बेहतर करने की योजना है। ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्षेत्रों में माइक्रो बीमा उत्पादों के जरिए इसकी पहुंच और मजबूत होगी। साथ ही, हरित परियोजनाओं और सतत विकास में निवेश कर एलआईसी पर्यावरण संरक्षण की दिशा में भी योगदान देगा।
एलआईसी की यात्रा भरोसे, सेवा और राष्ट्र निर्माण की कहानी है। 69 साल बाद भी यह संस्था हर भारतीय की आर्थिक सुरक्षा का अभिन्न हिस्सा बनी हुई है और आने वाली पीढ़ियों को भी सुरक्षित भविष्य देने के लिए तैयार है।
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