Jharkhand Weather: बारिश संग तापमान गिरेगा, जानिए कब तक रहेगा अलर्ट
झारखंड में एक अक्तूबर से तीन अक्तूबर तक बादल छाए रहने और कई जिलों में भारी बारिश की संभावना है। बंगाल की खाड़ी से बन रहे सिस्टम के कारण 12 जिलों में येलो अलर्ट जारी, जानें पूरा अपडेट।

झारखंड में अक्टूबर की शुरुआत एक बार फिर मौसम की करवट के साथ हो रही है। भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने राज्यवासियों को सतर्क करते हुए 12 जिलों के लिए येलो अलर्ट जारी किया है। रांची समेत कई हिस्सों में बादल छाए रहेंगे और हल्की से मध्यम बारिश देखने को मिलेगी, जबकि संताल परगना और कोल्हान क्षेत्र के जिलों में भारी बारिश की आशंका जताई गई है।
कब और कहाँ होगा असर?
मौसम विभाग के मुताबिक, 1 अक्टूबर से 3 अक्टूबर तक आसमान में घने बादल छाए रहेंगे। इस दौरान पूर्वी सिंहभूम, पश्चिमी सिंहभूम, सरायकेला, गोड्डा, साहिबगंज, पाकुड़, दुमका, जामताड़ा, देवघर, गिरिडीह, धनबाद और बोकारो में भारी बारिश की चेतावनी है। वहीं, राजधानी रांची, हजारीबाग, रामगढ़ और चतरा जैसे जिलों में हल्की बारिश होगी, जिससे तापमान में गिरावट दर्ज की जाएगी।
तापमान में गिरावट से राहत
झारखंड में लगातार गर्मी से परेशान लोगों के लिए यह बारिश किसी राहत से कम नहीं होगी। मौसम विभाग का कहना है कि अगले तीन दिनों में तापमान 2 से 4 डिग्री सेल्सियस तक नीचे जा सकता है। इससे उमस और गर्मी से जूझ रहे लोगों को ठंडी हवाओं और सुहावने मौसम का अनुभव होगा।
क्यों बदला मौसम?
इस बार मौसम में बदलाव की मुख्य वजह बंगाल की खाड़ी में बन रहा नया सिस्टम है। अंडमान क्षेत्र के ऊपर वायुमंडल के ऊपरी भाग में एक साइक्लोनिक सर्कुलेशन बन चुका है। इसके प्रभाव से बंगाल की खाड़ी के मध्य और उत्तरी भाग में निम्न दबाव का क्षेत्र (Low Pressure Area) तैयार हो रहा है। यह सिस्टम ओडिशा और आंध्र प्रदेश के तटों से होकर गुजरेगा और इसका सीधा असर झारखंड में बारिश के रूप में दिखाई देगा।
ऐतिहासिक नजरिया: अक्टूबर की बारिश
झारखंड में अक्टूबर की बारिश हमेशा खास मानी जाती है। ऐतिहासिक तौर पर देखा जाए तो कई बार नवरात्र और दुर्गा पूजा के दौरान मौसम अचानक करवट लेता है। 2017 और 2021 में भी ऐसी ही परिस्थितियों में झारखंड के कई जिलों में लगातार तीन दिनों तक बारिश हुई थी। इस बार भी दुर्गा पूजा के शुरुआती दिनों में मौसम का यह बदलाव देखने को मिल रहा है।
किसे रहना चाहिए सतर्क?
मौसम विभाग ने साफ निर्देश दिया है कि किसानों, यात्रियों और स्थानीय प्रशासन को अलर्ट पर रहना होगा। भारी बारिश की स्थिति में –
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निचले इलाकों में जलभराव हो सकता है।
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बिजली गिरने का खतरा बढ़ेगा।
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यात्रियों को लंबी दूरी की यात्रा से बचना चाहिए।
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किसानों को सलाह दी गई है कि वे अपनी तैयार फसलों को सुरक्षित स्थान पर रखें।
लोगों की प्रतिक्रिया
रांची की रहने वाली अनीता कुमारी बताती हैं, “पिछले कुछ दिनों से गर्मी और उमस से लोग बेहाल थे। अगर बारिश होती है तो यह राहत की खबर होगी, खासकर दुर्गा पूजा में पंडाल घूमने का मजा दोगुना हो जाएगा।”
वहीं, धनबाद के एक किसान महेश उरांव कहते हैं, “हमारी धान की फसल कटाई के करीब है। अगर बारिश तेज हुई तो नुकसान भी हो सकता है। लेकिन हल्की बारिश हमारी फसल के लिए फायदेमंद होगी।”
आगे का मौसम कैसा रहेगा?
मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि यह बारिश मॉनसून का अंतिम दौर होगी। तीन अक्तूबर के बाद झारखंड में मॉनसून की विदाई शुरू हो जाएगी। हालांकि, नवंबर और दिसंबर में ठंड की शुरुआत के साथ-साथ शीतलहर का असर धीरे-धीरे बढ़ेगा।झारखंड में 1 से 3 अक्टूबर तक मौसम का मिजाज बदलने वाला है। भारी बारिश और तापमान में गिरावट से लोग जहां गर्मी से राहत महसूस करेंगे, वहीं किसानों और प्रशासन के लिए यह समय चुनौतीपूर्ण साबित हो सकता है। बंगाल की खाड़ी से बना सिस्टम एक बार फिर साबित कर रहा है कि मॉनसून का आखिरी झोंका भी कितना असरदार होता है।
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