Jharkhand Weather : मौसम का बदला मिजाज! बंगाल की खाड़ी से उठता तूफान झारखंड में मचाएगा हलचल, क्या 24 अक्टूबर को गरज-चमक के साथ आएगी तगड़ी बारिश?
भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने बंगाल की खाड़ी में बन रहे नए लो प्रेशर सिस्टम के कारण झारखंड के लिए 'हाई अलर्ट' जारी किया है। 24 अक्टूबर को गढ़वा, रांची, पश्चिमी सिंहभूम समेत कई जिलों में तेज हवाओं (30-40 किमी/घंटा), गरज-चमक और वज्रपात की चेतावनी दी गई है। अगले 48 घंटों में यह सिस्टम गहन दबाव (Deep Depression) में बदल सकता है।
झारखंड में मौसम के मिजाज में जबरदस्त बदलाव आने वाला है। अगर आप राजधानी रांची या राज्य के किसी भी हिस्से में हैं, तो अगले दो दिन विशेष सावधानी बरतने की आवश्यकता है। भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने बंगाल की खाड़ी से उठते एक नए मौसमी तूफान के चलते झारखंड में भारी हलचल की चेतावनी जारी की है। मौसम की यह तब्दीली आपकी दिनचर्या को प्रभावित कर सकती है, क्योंकि आसमान में घने बादल, गरज-चमक के साथ बारिश और तेज हवाएँ चलने की संभावना है।
मौसम विभाग ने खासकर 24 अक्टूबर को मौसम का मिजाज ज्यादा तगड़ा रहने का अनुमान जताया है। आने वाले दिनों में छतरी और सावधानी दोनों को साथ रखना न भूलें, क्योंकि आसमान से मेघ गरजेंगे और बिजली चमकेगी।
बंगाल की खाड़ी में विकसित हो रहा है 'डीप डिप्रेशन'
मौसम विभाग के अनुसार, दक्षिणी-पूर्वी बंगाल की खाड़ी पर एक लो प्रेशर एरिया अगले 24 घंटों के भीतर विकसित हो सकता है। यह सिस्टम धीरे-धीरे पश्चिम-उत्तर-पश्चिम दिशा की ओर बढ़ेगा और अगले 48 घंटों में यह 'डीप डिप्रेशन' (गहन दबाव) में तब्दील हो सकता है। समुद्री तूफान की यह हलचल सीधे तौर पर झारखंड के मौसम को प्रभावित करेगी। इसके असर से राज्य के कई जिलों में भारी बारिश, गरज-चमक और तेज हवाओं की स्थिति बनने की आशंका है।
किन जिलों को जारी किया गया 'वज्रपात अलर्ट'?
मौसम विभाग ने विशेष रूप से 24 अक्टूबर को झारखंड के 14 जिलों में खराब मौसम और वज्रपात की गंभीर चेतावनी जारी की है। इन जिलों के निवासियों को अत्यधिक सावधानी बरतने की सलाह दी गई है। मौसम का असर सबसे ज्यादा इन जिलों में रहेगा:
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प्रभावित जिले: गढ़वा, पलामू, चतरा, हजारीबाग, लातेहार, लोहरदगा, गुमला, बोकारो, रामगढ़, रांची, सिमडेगा, खुंटी, सरायकेला-खरसावां और पश्चिमी सिंहभूम।
इन क्षेत्रों में वज्रपात (Lightning Alert), गरज-चमक (Thunderstorm) और 30 से 40 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलने वाली तेज हवाओं (Strong Wind) की चेतावनी दी गई है। तेज हवाएँ और बिजली गिरने का खतरा बाहर के कामकाज को पूरी तरह से रोक सकते हैं। हालांकि, राज्य के अन्य भागों में मौसम मुख्य रूप से साफ रहने का अनुमान है।
चूंकि झारखंड में वज्रपात के कारण हर साल कई लोगों की जान जाती है, इसलिए IMD की इस चेतावनी को हल्के में लेने की गलती न करें। 24 अक्टूबर को जितना हो सके घर के अंदर रहें और पेड़ों तथा बिजली के खंभों के नीचे शरण लेने से बचें।
आपकी राय में, झारखंड में वज्रपात के बढ़ते खतरे को देखते हुए आपदा प्रबंधन विभाग और राज्य सरकार को ग्रामीणों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कौन से दो सबसे प्रभावी और आधुनिक तकनीकी कदम उठाने चाहिए?
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