Telco Terror: दीपावली की रात नशेड़ियों का खूनी खेल! जमशेदपुर के रामाधीन बागान में नशा करने का विरोध करने पर हुई ईंट-लाठी से मारपीट, 30-35 युवकों ने किया हमला, दो महिलाओं समेत छह लोग घायल
जमशेदपुर के टेल्को थाना क्षेत्र के रामाधीन बागान में दीपावली की रात नशा करने का विरोध करने पर हुई हिंसक झड़प में दो महिलाओं समेत छह लोग घायल हो गए। नशेड़ी युवकों ने करीब 30-35 साथियों को बुलाकर ईंट और लाठी से हमला किया। पीड़ित परिवार ने पुलिस की निष्क्रियता पर सवाल उठाया है और वरीय अधिकारियों से न्याय की गुहार लगाई है।
जमशेदपुर के टेल्को थाना क्षेत्र अंतर्गत रामाधीन बागान में दीपावली की रात जश्न की रोशनी हिंसा की आग में बदल गई। सोमवार रात करीब 10 से 10.30 बजे के बीच मंदिर के पीछे लगे शेड में बैठकर नशा कर रहे युवकों का विरोध करना एक स्थानीय परिवार को इतना महंगा पड़ा कि उन्हें ईंट और लाठी से हुए एक बर्बर हमले का सामना करना पड़ा। इस हिंसक झड़प में दो महिलाओं समेत करीब छह लोग घायल हो गए।
जानकारी के अनुसार, जब पास में रहने वाले परिवार ने युवकों को नशा करने से रोका और गाली-गलौज का विरोध किया, तो नशे में धुत युवकों ने तुरंत विवाद शुरू कर दिया। आरोप है कि इसके बाद उन युवकों ने फोन करके अपने 30 से 35 साथियों को मौके पर बुला लिया। भीड़ के आने के बाद परिवार पर ईंट और लाठी से अंधाधुंध हमला कर दिया गया।
दहशत में पीड़ित परिवार: पुलिस की ठोस कार्रवाई पर सवाल
इस हमले ने पीड़ित परिवार को गहरे सदमे में डाल दिया है, लेकिन सबसे बड़ी चिंता की बात यह है कि यह पहली बार नहीं है जब उनके ऊपर हमला हुआ है। पीड़ित परिवार का साफ तौर पर कहना है कि इससे पहले भी कम से कम तीन से चार बार उन पर हमला हो चुका है, लेकिन स्थानीय पुलिस ने अब तक किसी प्रकार की ठोस या स्थायी कार्रवाई नहीं की है।
-
सुरक्षा का सवाल: लगातार हो रहे हमलों और पुलिस की निष्क्रियता के कारण परिवार गहरी दहशत में है। उन्हें यह आशंका है कि दोषी युवक किसी भी वक्त कोई बड़ी अप्रिय घटना को अंजाम दे सकते हैं। सवाल यह उठता है कि एक ही परिवार पर बार-बार हो रहे हमलों के बावजूद टेल्को पुलिस ने इतनी लापरवाही क्यों बरती?
वरीय अधिकारियों से न्याय की गुहार
घायल परिवार ने इस हिंसक झड़प की लिखित शिकायत टेल्को थाने में दर्ज कराई है। उन्होंने पुलिस प्रशासन से तत्काल दोषी युवकों की पहचान कर उन्हें गिरफ्तार करने और न्याय दिलाने की गुहार लगाई है। पीड़ितों ने स्पष्ट चेतावनी भी दी है कि यदि दोषियों पर जल्द कार्रवाई नहीं हुई, तो वे राज्य के वरीय पुलिस अधिकारियों और उच्च पदाधिकारियों से मिलकर मामले में सख्त कदम उठाने की मांग करेंगे।
टेल्को थाना क्षेत्र में नशेबाजी के मामलों में हो रही बढ़ोतरी और इसके चलते होने वाली हिंसा एक गंभीर सामाजिक और कानूनी समस्या बनती जा रही है। देखना यह है कि पुलिस दहशत में जी रहे इस परिवार को कितनी जल्दी और कितनी ठोस राहत दिला पाती है।
आपकी राय में, झारखंड में सार्वजनिक स्थानों पर नशाखोरी और उसके बाद होने वाली हिंसक घटनाओं को रोकने तथा पीड़ितों को सुरक्षा देने के लिए स्थानीय पुलिस को कौन से दो सबसे प्रभावी और सतर्कतापूर्ण कदम उठाने चाहिए?
What's Your Reaction?


