Jharkhand Cyber Bust: बोकारो में चाइल्ड पोर्न का अंतरराष्ट्रीय रैकेट ध्वस्त! क्या हत्यारे जैसे छिपे आरोपी पकड़े जाएंगे या बड़ा राज खुलेगा?

झारखंड पुलिस ने बोकारो में बच्चों के अश्लील वीडियो बेचने वाले अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क का पर्दाफाश किया, दो गिरफ्तार। साइबर क्राइम के पुराने मामलों का इतिहास और पुलिस जांच की सनसनीखेज डिटेल, क्या और गिरफ्तारियां होंगी?

Sep 20, 2025 - 15:16
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Jharkhand Cyber Bust: बोकारो में चाइल्ड पोर्न का अंतरराष्ट्रीय रैकेट ध्वस्त! क्या हत्यारे जैसे छिपे आरोपी पकड़े जाएंगे या बड़ा राज खुलेगा?
Jharkhand Cyber Bust: बोकारो में चाइल्ड पोर्न का अंतरराष्ट्रीय रैकेट ध्वस्त! क्या हत्यारे जैसे छिपे आरोपी पकड़े जाएंगे या बड़ा राज खुलेगा?

झारखंड साइबर बस्ट की ये खबर किसी डार्क वेब थ्रिलर से कम नहीं लगती! कल्पना कीजिए, एक छोटे से जिले बोकारो में छिपा एक अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क, जो बच्चों के अश्लील वीडियो ऑनलाइन बेचकर मुनाफा कमा रहा है। क्या ये सिर्फ दो आरोपियों तक सीमित है या पीछे कोई बड़ा सिंडिकेट काम कर रहा है? झारखंड पुलिस ने हाल ही में इस रैकेट का भंडाफोड़ किया, और दो युवकों को गिरफ्तार कर लिया। लेकिन सवाल ये है – क्या ये गिरफ्तारियां आइसबर्ग की नोक मात्र हैं? आइए, इस झारखंड साइबर बस्ट की गहराई में उतरते हैं, जहां इतिहास की काली कहानियां और आज की जांच की रोशनी टकरा रही है।

झारखंड में साइबर क्राइम का इतिहास नया नहीं है, बल्कि ये साल दर साल बढ़ता जा रहा है। 2010 के दशक से ही झारखंड पुलिस की रिपोर्ट्स बताती हैं कि राज्य में साइबर अपराधों में वृद्धि हो रही है, खासकर ग्रामीण इलाकों में जहां इंटरनेट पहुंच बढ़ी है। 2023 में राष्ट्रीय साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल पर झारखंड से हजारों शिकायतें आईं, जिनमें फिशिंग, ऑनलाइन फ्रॉड और यौन शोषण से जुड़े मामले प्रमुख थे। जून 2025 में ही रांची में दो साइबर अपराधियों को गिरफ्तार किया गया, जो फर्जी ग्राहक सेवा केंद्र चलाकर लाखों ऐंठ रहे थे। लेकिन चाइल्ड पोर्न के मामले और भी गंभीर हैं। 2024 में राजस्थान जैसे राज्यों में चाइल्ड पोर्न नोटिस भेजकर लोगों को डराने के मामले सामने आए, और झारखंड में भी ऐसे ट्रेंड बढ़े। राष्ट्र स्तर पर, 2021 में यूपी में 300 से ज्यादा चाइल्ड पोर्न सप्लायर चिह्नित किए गए थे, जो बताता है कि ये समस्या कितनी गहरी है। झारखंड साइबर बस्ट जैसे ऑपरेशन बताते हैं कि पुलिस अब डिजिटल दुनिया की चुनौतियों से निपटने के लिए तैयार है, लेकिन क्या ये काफी है?

इस ताजा झारखंड साइबर बस्ट में बोकारो पुलिस ने गृह मंत्रालय के भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र (I4C) के साथ मिलकर कार्रवाई की। बोकारो सीआईडी के एएसपी पूज्य प्रकाश ने बताया कि गांधीनगर के रहने वाले अंकित कुमार जेड़ी और विवेक कुमार को गिरफ्तार किया गया। ये आरोपी विभिन्न वेबसाइटों और टेलीग्राम चैनलों पर बच्चों के यौन शोषण और दुर्व्यवहार के वीडियो अपलोड कर रहे थे। क्या आप सोच सकते हैं कि Hoptic.com जैसी वेबसाइट को डिजिटल बाजार की तरह इस्तेमाल किया जा रहा था? यहां बच्चों से जुड़े अश्लील वीडियो और फोटो बेचे जा रहे थे, और आरोपियों को इससे कमाई हो रही थी। क्लाउड स्टोरेज प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल कर ये सामग्री शेयर की जा रही थी, जो अंतरराष्ट्रीय स्तर पर फैली हुई थी। राष्ट्रीय साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल पर दर्ज शिकायतों से ये जांच शुरू हुई, जहां एक पीड़ित का वीडियो बिना सहमति के अपलोड किया गया था, जिससे उसे मानसिक आघात पहुंचा।

झारखंड साइबर बस्ट ने साइबर पुलिस को केस दर्ज करने पर मजबूर किया, और अब जांच जारी है। लेकिन सवाल उठता है – क्या ये नेटवर्क सिर्फ बोकारो तक सीमित था? या ओमान जैसे देशों से कनेक्शन हैं, जैसा कि कुछ रिपोर्ट्स में जिक्र है? पुलिस का कहना है कि ये अंतरराष्ट्रीय रैकेट है, जो बच्चों के शोषण को बढ़ावा दे रहा था। क्या आरोपियों के फोन और कंप्यूटर से और क्लू मिलेंगे? इतिहास देखें तो 2023 में भारत में चाइल्ड पोर्नोग्राफी को गंभीर अपराध माना गया, और POCSO एक्ट के तहत सजा हो सकती है। लेकिन झारखंड में ऐसे मामलों में गिरफ्तारियां कम रही हैं, जो चिंता की बात है। जनवरी 2025 में ही साइबर अपराध के खिलाफ जन आंदोलन शुरू हुआ, जो बताता है कि समाज अब जागरूक हो रहा है।

ये झारखंड साइबर बस्ट बच्चों की सुरक्षा पर बड़ा सवाल उठाता है। डार्क वेब पर चाइल्ड ट्रैफिकिंग जैसे धंधे 1.5 करोड़ तक कमाते हैं, और बोकारो जैसे छोटे शहरों में ये फैल रहा है। क्या पुलिस और गिरफ्तारियां करेगी? या ये सिर्फ शुरुआत है? आप क्या सोचते हैं – कमेंट में बताएं! अगर आपके इलाके में ऐसी कोई शिकायत है, तो रिपोर्टिंग पोर्टल पर शेयर करें। क्या Hoptic.com बंद होगी? जांच का इंतजार है, लेकिन झारखंड साइबर बस्ट हमें सतर्क करता है – ऑनलाइन दुनिया में बच्चों को सुरक्षित रखें, क्योंकि खतरा क्लिक दूर है। 

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Manish Tamsoy मनीष तामसोय कॉमर्स में मास्टर डिग्री कर रहे हैं और खेलों के प्रति गहरी रुचि रखते हैं। क्रिकेट, फुटबॉल और शतरंज जैसे खेलों में उनकी गहरी समझ और विश्लेषणात्मक क्षमता उन्हें एक कुशल खेल विश्लेषक बनाती है। इसके अलावा, मनीष वीडियो एडिटिंग में भी एक्सपर्ट हैं। उनका क्रिएटिव अप्रोच और टेक्निकल नॉलेज उन्हें खेल विश्लेषण से जुड़े वीडियो कंटेंट को आकर्षक और प्रभावी बनाने में मदद करता है। खेलों की दुनिया में हो रहे नए बदलावों और रोमांचक मुकाबलों पर उनकी गहरी पकड़ उन्हें एक बेहतरीन कंटेंट क्रिएटर और पत्रकार के रूप में स्थापित करती है।