Jharkhand Murder: चतरा में गर्लफ्रेंड का खौफनाक हमला! क्या 34 साल के बॉयफ्रेंड की मौत में शादी से बड़ा राज छिपा है या ये सिर्फ गुस्से का नतीजा?

झारखंड के चतरा जिले में 24 साल की नूरजहां ने शादी के विवाद में 34 साल के मुंतजिर को चाकू से गोदकर मार डाला। इतिहास से भरे ऐसे क्राइम ऑफ पैशन की कहानी और पुलिस जांच की सनसनीखेज डिटेल, क्या आरोपी का बयान सच्चाई उगलेगा?

Sep 20, 2025 - 15:54
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Jharkhand Murder: चतरा में गर्लफ्रेंड का खौफनाक हमला! क्या 34 साल के बॉयफ्रेंड की मौत में शादी से बड़ा राज छिपा है या ये सिर्फ गुस्से का नतीजा?
Jharkhand Murder: चतरा में गर्लफ्रेंड का खौफनाक हमला! क्या 34 साल के बॉयफ्रेंड की मौत में शादी से बड़ा राज छिपा है या ये सिर्फ गुस्से का नतीजा?

झारखंड मर्डर की खबरें तो अक्सर दिल दहला देती हैं, लेकिन चतरा जिले में हुआ ये मामला किसी हॉरर स्टोरी से कम नहीं। कल्पना कीजिए, एक 24 साल की लड़की अपनी ही प्रेम कहानी को खून से रंग देती है – शादी के विवाद में चाकू उठाकर 34 साल के बॉयफ्रेंड को गोद डालती है। क्या ये सिर्फ उम्र के फासले की वजह थी, या पीछे कोई गहरा राज छिपा है? लातेहार से चतरा पहुंचा मुंतजिर क्या जानता था कि मिलन की शाम मौत की रात बनेगी? पुलिस ने आरोपी नूरजहां को गिरफ्तार कर लिया है, लेकिन सवालों का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा। आइए, इस झारखंड मर्डर की परतें खोलते हैं, जहां इतिहास की काली साये और आज की जांच की टेंशन जुड़ी हुई है।

झारखंड मर्डर का इतिहास देखें तो क्राइम ऑफ पैशन यानी प्रेम संबंधों से जुड़ी हत्याएं यहां आम हैं, लेकिन ज्यादातर मामलों में पीड़ित महिलाएं होती हैं। 2022 में दुमका में एक किशोरी अंकिता सिंह को उसके स्टॉकर ने जिंदा जला दिया था, जो शादी के इनकार पर हुआ था। उसी साल दिसंबर में एक अंतर-धार्मिक प्रेम कहानी का खौफनाक अंत हुआ, जहां लड़की की हत्या कर दी गई। चतरा जिले में ही नवंबर 2024 में एक पति ने अपनी पत्नी, जो स्कूल टीचर थी, को अफेयर के शक में मार डाला। और अगस्त 2025 में तरहासी इलाके में एक प्रेमी जोड़े को रिश्ते के लिए कुएं में फेंक दिया गया। गिरिडीह में सितंबर 2025 में दो महिलाओं की हत्या प्रेम संबंधों से जुड़ी थी। ये मामले बताते हैं कि झारखंड में प्रेम और शादी के विवाद अक्सर खूनखराबे में बदल जाते हैं, लेकिन इस बार रोल रिवर्स है – लड़की आरोपी बनी है। क्या ये लव जिहाद जैसे मामलों का उल्टा रूप है, जहां 2021-2025 में 30 से ज्यादा हिंदू लड़कियों की हत्याएं हुईं? या चतरा की सामाजिक संरचना में छिपी कोई कुंठा?

अब इस झारखंड मर्डर की डिटेल पर गौर करें। लावालोंग थाना क्षेत्र के लमटा गांव में मुंतजिर लातेहार से अपनी गर्लफ्रेंड नूरजहां से मिलने आया था। दोनों के बीच उम्र का फासला – 34 बनाम 24 – पहले से ही तनाव का कारण था। मिलने के दौरान शादी को लेकर बहस हुई, जो इतनी बढ़ गई कि नूरजहां ने चाकू उठा लिया। मुंतजिर पर ताबड़तोड़ वार किए, जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गया। क्या नूरजहां का गुस्सा अचानक फूटा, या ये प्लान्ड था? स्थानीय अस्पताल से चतरा सदर अस्पताल, फिर रांची रिम्स रेफर किया गया, लेकिन रास्ते में ही मुंतजिर ने दम तोड़ दिया। घटना की सूचना मिलते ही पुलिस पहुंची और नूरजहां को गिरफ्तार कर लिया।

झारखंड मर्डर में ट्विस्ट ये है कि मुंतजिर ने मौत से पहले पुलिस को बयान दिया, जो अब एफआईआर का आधार बना है। लावालोंग थाना प्रभारी प्रशांत मिश्रा ने बताया, "पीड़ित के बयान पर प्राथमिकी दर्ज की गई है। आरोपी को अदालत में पेश कर न्यायिक हिरासत में भेजा गया।" लेकिन सवाल उठता है – क्या मुंतजिर का बयान पूरी सच्चाई बयान करता है? क्या दोनों के बीच पहले भी झगड़े हुए थे? गांववाले क्या कहते हैं? चतरा जैसे ग्रामीण इलाकों में प्रेम संबंध अक्सर सामाजिक दबाव में टूटते हैं, लेकिन यहां तो खून बह गया। क्या उम्र का फासला या धार्मिक पृष्ठभूमि इसमें भूमिका निभाई? पुलिस जांच में ये राज खुलेगा या दब जाएगा?

ये झारखंड मर्डर महिलाओं की सुरक्षा और रिश्तों की जटिलता पर सवाल उठाता है। इतिहास से सीखकर क्या पुलिस ऐसे मामलों को रोक पाएगी? 2022 के दुमका केस में आरोपी को सजा मिली, लेकिन कई मामले अभी भी लंबित हैं। क्या नूरजहां का केस भी लंबा खिंचेगा? आप क्या सोचते हैं – कमेंट में बताएं! अगर आपके इलाके में ऐसी कोई घटना हुई, तो शेयर करें। क्या शादी का विवाद असली वजह था, या पीछे कोई और साजिश? पुलिस जांच का इंतजार है, लेकिन चतरा का ये मर्डर अभी और सवाल पैदा कर रहा है। झारखंड मर्डर की ये कहानी हमें सतर्क करती है – प्रेम में सावधानी बरतें, क्योंकि गुस्सा कभी भी जानलेवा बन सकता है। 

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Manish Tamsoy मनीष तामसोय कॉमर्स में मास्टर डिग्री कर रहे हैं और खेलों के प्रति गहरी रुचि रखते हैं। क्रिकेट, फुटबॉल और शतरंज जैसे खेलों में उनकी गहरी समझ और विश्लेषणात्मक क्षमता उन्हें एक कुशल खेल विश्लेषक बनाती है। इसके अलावा, मनीष वीडियो एडिटिंग में भी एक्सपर्ट हैं। उनका क्रिएटिव अप्रोच और टेक्निकल नॉलेज उन्हें खेल विश्लेषण से जुड़े वीडियो कंटेंट को आकर्षक और प्रभावी बनाने में मदद करता है। खेलों की दुनिया में हो रहे नए बदलावों और रोमांचक मुकाबलों पर उनकी गहरी पकड़ उन्हें एक बेहतरीन कंटेंट क्रिएटर और पत्रकार के रूप में स्थापित करती है।