Dhanbad Accident: खदान हादसे में माइनिंग सरदार की मौत, जानिए पूरा मामला
धनबाद के दहीबाड़ी ओसीपी में खदान हादसे में माइनिंग सरदार की मौत, कर्मियों ने प्रबंधन पर लापरवाही का आरोप लगाया। जानिए पूरी खबर।
धनबाद: बीसीसीएल सीवी एरिया के दहीबाड़ी ओसीपी में गुरुवार की दूसरी पाली में एक दर्दनाक हादसा हुआ, जिसमें माइनिंग सरदार विद्यासागर पांडेय (59) की मौके पर ही मौत हो गई। हादसे के बाद इलाके में हड़कंप मच गया और कर्मियों ने विरोध जताते हुए प्रबंधन पर सवाल खड़े किए।
कैसे हुआ हादसा?
घटना दहीबाड़ी ओसीपी खदान की है, जहां दूसरी पाली में माइनिंग सरदार विद्यासागर पांडेय ओबी डंपिंग के दौरान हॉलपैक ऑपरेटर को निर्देश दे रहे थे। इसी दौरान हॉलपैक से एक बड़ा चट्टान अचानक उनके ऊपर गिर पड़ा। चट्टान सिर पर गिरने के कारण उनकी मौके पर ही मौत हो गई।
हादसे के बाद हंगामा
घटना के बाद जब विद्यासागर पांडेय के शव को एंबुलेंस के जरिए अस्पताल ले जाने का प्रयास किया गया, तो वहां मौजूद कर्मियों ने एंबुलेंस को रोक दिया। उन्होंने मांग की कि सीवी एरिया के जीएम को तुरंत घटनास्थल पर बुलाया जाए। खबर लिखे जाने तक जीएम घटनास्थल पर नहीं पहुंचे थे, जिससे कर्मियों में आक्रोश बढ़ गया।
परिवार का रो-रोकर बुरा हाल
विद्यासागर पांडेय पश्चिम बंगाल के कुल्टी लाल बाजार स्थित कॉलोनी में अपने परिवार के साथ रहते थे। हादसे की सूचना मिलते ही उनके पुत्र ओम कुमार पांडे घटनास्थल पर पहुंचे। वहीं उनकी पत्नी, चार बेटियां और एक पुत्र का रो-रोकर बुरा हाल है।
प्रबंधन पर लापरवाही का आरोप
हादसे के बाद बीसीकेयू के बबलू दास और जनता श्रमिक संघ के राजेंद्र महतो ने प्रबंधन पर लापरवाही का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि खदान के अंदर ओबी डंपिंग नहीं होनी चाहिए थी, लेकिन सुरक्षा नियमों का उल्लंघन करते हुए इसे बीचों-बीच कराया गया। उन्होंने मांग की कि जब तक मृतक के आश्रित को नौकरी और मुआवजा नहीं दिया जाएगा, तब तक शव को उठाने नहीं दिया जाएगा।
अधिकारियों की गैरमौजूदगी पर गुस्सा
घटना के तीन घंटे बाद भी बीसीसीएल के वरिष्ठ अधिकारी घटनास्थल पर नहीं पहुंचे थे, जिससे यूनियन नेताओं ने नाराजगी जताई। केवल सीआईएसएफ जवानों को मौके पर बुलाया गया, लेकिन प्रबंधन की गैरमौजूदगी पर सवाल खड़े हो रहे हैं।
पुलिस कर रही जांच
पंचेत ओपी प्रभारी प्रभात रंजन ने बताया कि घटना की जानकारी मिलते ही जांच शुरू कर दी गई है। उन्होंने कहा कि हादसे के कारणों की जांच की जा रही है और संबंधित अधिकारियों से पूछताछ की जाएगी।
इतिहास में खदान हादसे
धनबाद, जिसे कोयला नगरी के नाम से भी जाना जाता है, लंबे समय से खदान दुर्घटनाओं के लिए चर्चा में रहा है। इससे पहले भी यहां कई बड़े खदान हादसे हो चुके हैं, जिनमें सुरक्षा मानकों की कमी उजागर होती रही है। यह घटना भी खदानों में सुरक्षा उपायों की अनदेखी को दर्शाती है।
यह हादसा एक बार फिर खदानों में सुरक्षा मानकों की अनदेखी को दर्शाता है। कर्मचारियों की मांग है कि भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए कड़े सुरक्षा उपाय अपनाए जाएं।
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