Dhanbad Railway Land Encroachment : रेलवे का अल्टीमेटम, 13 जनवरी तक खाली करें जमीन, वरना...
धनबाद में रेलवे ने कुमारधुबी स्टेशन के पास 13 जनवरी तक जमीन खाली करने का अल्टीमेटम दिया। 130 मकानों पर खतरा, जानें पूरी खबर।
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धनबाद: आसनसोल रेल मंडल के कुमारधुबी स्टेशन के पश्चिम में रेलवे प्रशासन ने बड़ा कदम उठाते हुए 13 जनवरी तक जमीन खाली करने का अल्टीमेटम दिया है। रेलवे द्वारा दी गई इस चेतावनी के बाद स्थानीय लोगों में हड़कंप मच गया है।
रेलवे प्रशासन के मुताबिक, कुमारधुबी और मुगमा स्टेशन के बीच फ्रेट कॉरिडोर के निर्माण के लिए रेलवे की जमीन से अवैध कब्जा हटाया जाना अनिवार्य है। इसी सिलसिले में रेलवे ने पहले भी कई बार अतिक्रमणकारियों को नोटिस जारी किया था, लेकिन अब अंतिम चेतावनी दे दी गई है।
130 मकानों पर खतरा, हड़कंप में लोग रेलवे अधिकारी शिव कुमार (सीनियर सेक्शन इंजीनियर, वर्क्स) ने बताया कि रेलवे की जमीन से अतिक्रमण हटाने की सभी औपचारिक प्रक्रियाएं पूरी कर ली गई हैं। किलोमीटर 232/28-30 के बीच स्थित लगभग 130 मकानों को 12 जनवरी तक स्वयं खाली करने का निर्देश दिया गया है। यदि ऐसा नहीं किया गया, तो 13 जनवरी को रेलवे प्रशासन खुद अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई करेगा।
गुरुवार को रेलवे अधिकारियों ने स्थल पर मापी कराई, जिसके बाद मैथन मोड़ और कुमारधुबी क्षेत्र में रहने वाले लोगों में दहशत फैल गई। माले नेता मुन्ना यादव ने बताया कि इस स्थिति से विधायक अरूप चटर्जी को भी अवगत करा दिया गया है।
क्यों लिया गया ये सख्त फैसला? धनबाद और आसपास के इलाकों में फ्रेट कॉरिडोर का निर्माण किया जा रहा है, जिससे माल परिवहन सुगम और तेज़ किया जा सके। यह कॉरिडोर भारतीय रेलवे की महत्वाकांक्षी परियोजना का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य देशभर में माल ढुलाई को सुविधाजनक बनाना है।
इतिहास में देखें तो 2006 में इस परियोजना की नींव रखी गई थी। सरकार के अनुसार, यह कॉरिडोर पूरे पूर्वी क्षेत्र में लॉजिस्टिक्स नेटवर्क को मजबूत करेगा और औद्योगिक विकास में योगदान देगा।
क्या होगा प्रभावित लोगों का भविष्य? प्रभावित लोगों ने अपनी चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि उन्होंने इन मकानों में वर्षों से निवास किया है। कुछ लोगों का कहना है कि उन्होंने इन संपत्तियों के लिए पैसे भी खर्च किए हैं। हालांकि, रेलवे प्रशासन का दावा है कि यह सरकारी भूमि है और अतिक्रमणकारियों को कई बार नोटिस दिया जा चुका है।
अब क्या करें प्रभावित लोग? यदि प्रभावित लोग 13 जनवरी से पहले मकान खाली नहीं करते हैं, तो रेलवे प्रशासन खुद कार्रवाई करेगा। ऐसे में स्थानीय नेताओं ने निवासियों से अपील की है कि वे प्रशासन से बात करके समाधान निकालें।
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