Jamshedpur Theft: टाटानगर स्टेशन पर पकड़ा गया मोबाइल चोर, खुली कई चौंकाने वाली बातें
जमशेदपुर टाटानगर रेलवे स्टेशन पर एक यात्री का मोबाइल चोरी कर भाग रहे युवक को आरपीएफ ने यात्रियों की मदद से पकड़ा। आरोपी पहले भी कई चोरी की घटनाओं में शामिल रहा है।
जमशेदपुर : टाटानगर रेलवे स्टेशन पर सोमवार को यात्रियों और आरपीएफ की सूझबूझ ने एक बड़ी चोरी की वारदात को अंजाम तक पहुंचने से रोक दिया। एक यात्री का मोबाइल चोरी कर भाग रहे युवक को मौके पर ही धर दबोचा गया।
चोरी का आरोपी मोहम्मद वसीम खान, जुगसलाई के गरीब नवाज कॉलोनी का रहने वाला है। उसके पास से चोरी किया गया मोबाइल बरामद कर लिया गया।
कैसे हुआ खुलासा?
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, एक यात्री प्लेटफॉर्म पर अपना मोबाइल इस्तेमाल कर रहा था। इसी दौरान वसीम ने मौका पाकर मोबाइल झपट लिया और भागने लगा। शोर मचते ही आसपास के यात्री सक्रिय हुए और आरपीएफ को सूचना दी। कुछ ही मिनटों में पीछा करके वसीम को धर दबोच लिया गया।
पूछताछ में चौंकाने वाले राज
जब आरपीएफ ने उससे पूछताछ की तो वसीम ने माना कि यह उसकी पहली चोरी नहीं थी। उसने स्वीकार किया कि वह पहले भी टाटानगर स्टेशन से कई मोबाइल चोरी कर चुका है। इस स्वीकारोक्ति ने पुलिस को चौकन्ना कर दिया और अब उससे अन्य मामलों में भी पूछताछ की जा रही है।
रेलवे स्टेशन पर बढ़ती चोरी की घटनाएँ
टाटानगर रेलवे स्टेशन झारखंड के सबसे व्यस्त स्टेशनों में गिना जाता है। यहाँ से प्रतिदिन हजारों यात्री गुजरते हैं। इतनी भीड़भाड़ के बीच जेबकटी और मोबाइल चोरी जैसी घटनाएँ आम बात बनती जा रही हैं।
रेलवे रिकॉर्ड बताते हैं कि पिछले एक दशक में स्टेशन पर दर्जनों बार चोरी और लूट के मामले सामने आए हैं।
-
2015 में भीड़भाड़ के दौरान जेबकतरों के गिरोह ने कई यात्रियों के मोबाइल और पर्स उड़ाए थे।
-
2019 में टाटानगर स्टेशन पर एक संगठित गिरोह पकड़ा गया था, जो ट्रेनों में चढ़कर यात्रियों को निशाना बनाता था।
इतिहास बताता है कि जैसे-जैसे स्टेशन पर भीड़ बढ़ती गई, अपराधियों की सक्रियता भी बढ़ी है।
यात्रियों की सतर्कता बनी मददगार
इस बार यात्रियों की सतर्कता ने बड़ा काम किया। यदि समय रहते शोर न मचता तो शायद वसीम आराम से भाग निकलता। स्थानीय लोग कहते हैं कि ऐसे मामलों में यात्रियों को हमेशा चौकस रहना चाहिए।
रेलवे सुरक्षा बल (RPF) भी यात्रियों को लगातार जागरूक करता है कि स्टेशन या ट्रेन में अनजान लोगों से सतर्क रहें और कीमती सामान संभालकर रखें।
आरपीएफ की कार्रवाई
आरपीएफ ने आरोपी को पकड़कर हिरासत में ले लिया है और उससे विस्तृत पूछताछ की जा रही है। अधिकारियों का कहना है कि आरोपी से जुड़े पुराने मामलों का भी रिकॉर्ड खंगाला जाएगा। यदि वह किसी बड़े गिरोह का हिस्सा है तो जल्द ही और गिरफ्तारियाँ भी हो सकती हैं।
समाज में संदेश
यह घटना सिर्फ एक चोरी की कहानी नहीं है, बल्कि यह एक संदेश भी है कि अपराध चाहे कितना ही छोटा क्यों न लगे, अंततः वह अपराध ही है। समाज में ऐसे अपराधियों के खिलाफ सख्त कदम उठाना ज़रूरी है ताकि यात्रियों का भरोसा रेलवे सुरक्षा पर बना रहे।
बड़ा सवाल
क्या स्टेशन पर लगातार बढ़ती चोरी की घटनाओं पर रोक लग पाएगी?
क्या वसीम जैसे छोटे-छोटे चोर किसी बड़े गैंग का हिस्सा हैं?
और सबसे अहम – क्या प्रशासन यात्रियों की सुरक्षा को और मजबूत बना पाएगा?
टाटानगर रेलवे स्टेशन की यह घटना इस बात का सबूत है कि यात्रियों की सतर्कता और आरपीएफ की तत्परता मिलकर अपराध पर रोक लगा सकती है। मोहम्मद वसीम खान की गिरफ्तारी ने कई पुराने मामलों का राज़ खोल दिया है, लेकिन यह भी सच है कि जब तक रेलवे स्टेशनों पर सुरक्षा के इंतजाम और मजबूत नहीं होंगे, ऐसे अपराधों पर पूरी तरह से लगाम लगाना मुश्किल होगा।
What's Your Reaction?


