Jamshedpur Celebration : जेवियर पब्लिक स्कूल में नवरात्रि का उत्सव, बच्चों ने भक्ति और संस्कृति से जीता दिल

जमशेदपुर के जेवियर पब्लिक स्कूल में नवरात्रि महोत्सव धूमधाम से मनाया गया। बच्चों ने दुर्गा स्तुति पर नृत्य और भाषण से भक्ति व संस्कृति का सुंदर संगम पेश किया।

Sep 23, 2025 - 20:11
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Jamshedpur Celebration : जेवियर पब्लिक स्कूल में नवरात्रि का उत्सव, बच्चों ने भक्ति और संस्कृति से जीता दिल
Jamshedpur Celebration : जेवियर पब्लिक स्कूल में नवरात्रि का उत्सव, बच्चों ने भक्ति और संस्कृति से जीता दिल

जमशेदपुर : मंगलवार, 23 सितंबर 2025 को छोटा गोविंदपुर स्थित जेवियर पब्लिक स्कूल नवरात्रि के उत्सव से गूंज उठा। स्कूल परिसर को रंग-बिरंगी झालरों और सजावट से ऐसे सजाया गया था कि पूरा वातावरण भक्ति और उत्साह से सराबोर हो गया।

कार्यक्रम की शुरुआत एक ज्ञानवर्धक भाषण से हुई, जिसमें बच्चों ने नवरात्रि और दुर्गा पूजा के महत्व पर अपने विचार रखे। उन्होंने कहा कि यह पर्व केवल धार्मिक आस्था तक सीमित नहीं है, बल्कि यह हमें जीवन का सबसे बड़ा सबक सिखाता है—बुराई कितनी भी ताकतवर क्यों न हो, जीत हमेशा अच्छाई की ही होती है।

 

सामूहिक नृत्य ने बाँधा समां

विद्यार्थियों द्वारा प्रस्तुत माँ दुर्गा की स्तुति पर आधारित सामूहिक नृत्य ने पूरे कार्यक्रम को भक्ति से भर दिया। सफेद और लाल परिधानों में सजे बच्चों की ताल और भाव-भंगिमा इतनी सुंदर थी कि दर्शक भी मंत्रमुग्ध रह गए। शिक्षकों और अभिभावकों ने तालियों की गड़गड़ाहट से बच्चों का उत्साह और बढ़ाया।

नवरात्रि का ऐतिहासिक महत्व

भारत में नवरात्रि केवल धार्मिक अनुष्ठान नहीं, बल्कि संस्कृति और समाज को जोड़ने वाला पर्व है। शास्त्रों के अनुसार, माँ दुर्गा ने महिषासुर नामक असुर का वध कर अधर्म पर धर्म की जीत स्थापित की थी। तभी से नवरात्रि को शक्ति और विजय का प्रतीक माना जाता है।
पूर्वी भारत में इसे दुर्गा पूजा के रूप में भव्य पंडालों और मूर्तियों के साथ मनाया जाता है, तो पश्चिम भारत में गरबा और डांडिया इसकी पहचान हैं। उत्तर भारत में रामलीला और दशहरा इसी पर्व का विस्तार है।

इस तरह, नवरात्रि भारत की एकता में विविधता का सबसे जीवंत उदाहरण है।

विद्यालय का उद्देश्य

जेवियर पब्लिक स्कूल हमेशा से शिक्षा के साथ-साथ संस्कृति और परंपरा के संरक्षण पर जोर देता आया है। प्राचार्य और शिक्षकों ने कहा कि ऐसे आयोजन बच्चों को आध्यात्मिक मूल्यों से जोड़ते हैं और उन्हें अपनी जड़ों को समझने का अवसर देते हैं।

एक शिक्षक ने कहा—“नवरात्रि जैसे पर्व हमें यह याद दिलाते हैं कि शिक्षा केवल किताबों तक सीमित नहीं है, बल्कि यह हमारे जीवन मूल्यों और संस्कृति की भी सिखावन है।”

माहौल और व्यवस्थाएँ

विद्यालय प्रांगण में हर जगह रंगीन झालरें, फूलों की सजावट और माता की तस्वीर के सामने दीप प्रज्वलन ने वातावरण को पावन बना दिया। बच्चे पारंपरिक वेशभूषा में नजर आए और हर प्रस्तुति में उत्साह की झलक साफ दिखी।

शिक्षक-शिक्षिकाओं की सक्रिय भागीदारी ने इस आयोजन को और भी विशेष बना दिया। हर किसी के चेहरे पर मुस्कान और आस्था का भाव झलक रहा था।

भक्ति और शिक्षा का संगम

इस आयोजन ने यह संदेश दिया कि आधुनिक शिक्षा के बीच भी भारतीय संस्कृति का स्थान सर्वोपरि है। जहाँ बच्चे किताबों से ज्ञान प्राप्त करते हैं, वहीं ऐसे सांस्कृतिक कार्यक्रम उन्हें जीवन जीने की कला और सामाजिक मूल्यों की समझ देते हैं।

जमशेदपुर के जेवियर पब्लिक स्कूल में मनाया गया नवरात्रि उत्सव सिर्फ एक धार्मिक कार्यक्रम नहीं था, बल्कि संस्कृति, शिक्षा और भक्ति का सुंदर संगम था। बच्चों की प्रस्तुतियाँ और शिक्षकों का मार्गदर्शन इसे अविस्मरणीय बना गया।

आपका क्या मानना है—क्या ऐसे सांस्कृतिक आयोजन बच्चों को अपनी जड़ों और भारतीय परंपरा से गहराई से जोड़ने का सबसे असरदार तरीका हैं?

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Manish Tamsoy मनीष तामसोय कॉमर्स में मास्टर डिग्री कर रहे हैं और खेलों के प्रति गहरी रुचि रखते हैं। क्रिकेट, फुटबॉल और शतरंज जैसे खेलों में उनकी गहरी समझ और विश्लेषणात्मक क्षमता उन्हें एक कुशल खेल विश्लेषक बनाती है। इसके अलावा, मनीष वीडियो एडिटिंग में भी एक्सपर्ट हैं। उनका क्रिएटिव अप्रोच और टेक्निकल नॉलेज उन्हें खेल विश्लेषण से जुड़े वीडियो कंटेंट को आकर्षक और प्रभावी बनाने में मदद करता है। खेलों की दुनिया में हो रहे नए बदलावों और रोमांचक मुकाबलों पर उनकी गहरी पकड़ उन्हें एक बेहतरीन कंटेंट क्रिएटर और पत्रकार के रूप में स्थापित करती है।