Jamshedpur Action : कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल ने उठाई दलमा सफारी और वन विकास की बड़ी मांगें
जमशेदपुर में कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल ने जिला वन पदाधिकारी से मुलाकात कर दलमा लेपर्ड सफारी के विकास, रोजगार सृजन और वनाधिकार पट्टों की त्वरित वितरण सहित 9 सूत्रीय मांगों को रखा।

जमशेदपुर : पूर्वी सिंहभूम में वन विकास और पलायन रोकने को लेकर कांग्रेस का प्रतिनिधिमंडल चर्चा का केंद्र बना। मंगलवार को कांग्रेस जिलाध्यक्ष आनंद बिहारी दुबे और वरिष्ठ नेताओं का एक उच्चस्तरीय प्रतिनिधिमंडल जिला वन पदाधिकारी सबा अहमद अंसारी से मिला और दलमा क्षेत्र के पर्यावरणीय एवं सामाजिक मुद्दों पर विस्तृत चर्चा की।
प्रतिनिधिमंडल ने 9 सूत्रीय मांगें रखीं, जिनमें मुख्य रूप से वनाधिकार पट्टों का त्वरित वितरण, वन उत्पाद आधारित रोजगार सृजन, फलदार वृक्षारोपण, दलमा लेपर्ड सफारी और पर्यावरण संरक्षण पर जोर दिया गया।
दलमा लेपर्ड सफारी और पर्यटन विकास
विशेष चर्चा दलमा लेपर्ड सफारी के विकास पर हुई। प्रतिनिधिमंडल ने कहा कि यदि इस क्षेत्र को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जाए तो न केवल रोजगार सृजन होगा बल्कि पलायन की समस्या भी कम होगी।
आंकड़ों के अनुसार, पूर्वी सिंहभूम के ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार की कमी के कारण युवा पलायन कर बड़े शहरों की ओर बढ़ रहे हैं। कांग्रेस नेताओं ने सुझाव दिया कि CSR प्रोजेक्ट्स और उद्योगपतियों की भागीदारी से जंगल और सफारी क्षेत्र का विकास तेज किया जा सकता है।
वनाधिकार पट्टों और रोजगार सृजन की मांग
प्रतिनिधिमंडल ने सभी लंबित वनाधिकार पट्टों को त्वरित वितरण करने की मांग उठाई। उन्होंने कहा कि यह केवल कानूनी अधिकार नहीं बल्कि स्थानीय लोगों की आजीविका का महत्वपूर्ण स्रोत है।
साथ ही, वन उत्पाद आधारित रोजगार जैसे फल, औषधीय पौधे और बागवानी परियोजनाओं से ग्रामीण आर्थिक रूप से सशक्त होंगे। उन्होंने प्रस्ताव रखा कि 10 लाख कटहल वृक्षों की बागवानी से भविष्य में रोजगार और व्यापार को बल मिलेगा।
पर्यावरण संरक्षण और सामाजिक जिम्मेदारी
प्रतिनिधिमंडल ने वन संरक्षण पर विशेष जोर दिया। उन्होंने कहा कि प्रदूषण फैलाने वाली कंपनियों को वृक्षारोपण की जिम्मेदारी दी जाए और औद्योगिक क्षेत्र CSR के माध्यम से वन विकास में सहयोग करे। यह कदम न केवल पर्यावरण की सुरक्षा करेगा, बल्कि स्थानीय समाज में स्थायी बदलाव लाएगा।
वन पदाधिकारी की प्रतिक्रिया
जिला वन पदाधिकारी सबा अहमद अंसारी ने प्रतिनिधिमंडल की मांगों को गंभीरता से सुना। उन्होंने कहा कि कांग्रेस द्वारा उठाए गए मुद्दे महत्वपूर्ण हैं और इन पर शीघ्र कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने सभी सुझावों को नोट कर आवश्यक योजना बनाकर लागू करने का आश्वासन दिया।
प्रतिनिधिमंडल में शामिल वरिष्ठ नेता
इस बैठक में जिलाध्यक्ष आनंद बिहारी दुबे के अलावा राजकिशोर यादव, अरुण कुमार सिंह, रजनीश सिंह, अंसार खान, कमलेश कुमार पाण्डेय, नलिनी सिन्हा, शमशेर आलम, शमशेर खान, सन्नी सिंह, रंजीत सिंह, निखिल कुमार और रंजीत झा मौजूद थे।
प्रतिनिधिमंडल का मानना है कि ये कदम न केवल वन्यजीव संरक्षण और पर्यावरण सुरक्षा को बढ़ावा देंगे, बल्कि स्थानीय लोगों की आजीविका और रोजगार की समस्याओं का भी समाधान करेंगे।
इतिहास और महत्व
दलमा क्षेत्र सिर्फ वन और सफारी के लिए नहीं, बल्कि स्थानीय आदिवासी समाज के आर्थिक और सांस्कृतिक जीवन के लिए भी महत्वपूर्ण है। वर्षों से यहां के वन्यजीव और पर्यावरणीय संरचनाओं की सुरक्षा पर ध्यान दिया गया है। कांग्रेस नेताओं ने बैठक में यह भी कहा कि यदि सही दिशा में योजना बनाई जाए तो दलमा को पर्यटन और रोजगार के केंद्र में बदला जा सकता है।
जमशेदपुर में हुई यह बैठक दिखाती है कि वन विकास, रोजगार सृजन और पर्यावरण संरक्षण को एक साथ जोड़ा जा सकता है। कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल ने स्थानीय लोगों के हित और वन्यजीवों के संरक्षण को प्राथमिकता देते हुए ठोस कदम उठाने की दिशा में पहल की है।
क्या आप मानते हैं कि दलमा सफारी और वन क्षेत्रों का पर्यटन विकास ग्रामीण पलायन को रोकने में सफल हो सकता है?
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